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पारिवारिक की किताबें

Familial books in hindi

पारिवारिक विषयों के सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों के संग्रह को पढ़िए Shabd.in पर। हमारे इस संग्रह में विभिन्न पारिवारिक विषय एवं उसके सम्बन्धों पर कहानियों का आधार बनाया गया है। इस संग्रह में परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम-द्वेष का कालजयी वर्णन है। रिश्तों के धागे वाले इस संग्रह में भाई अपने भाई के लिए कुर्बानी भी देता है और बंटवारे में हथियार भी उठाता है। तो चलते हैं जीवनचक्र के इस संग्रह में सराबोर होने Shabd.in पर।
त्रिशंकु

साठोत्तरी महिला कथाकारों में मन्नू भंडारी का विशिष्ट स्थान है। मन्नू भंडारी की कथा-यात्रा लगभग चार दशकों में फैली हुई है। सन् 60 के आसपास ‘नई कहानी’ आंदोलन से नौवें दशक तक वे लगातार कहानियाँ लिखती रही हैं। हिंदी कहानी के विविध पड़ाव और आंदोलन उनकी रच

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11 मई 2022
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माँ....

एक छोटी सी कहानी.... माँ के लिए...।

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योगायोग

सारी खुदाई एक तरफ, जोरू का भाई एक तरफ यह कहावत मधुसूदन पर बिलकुल भी चरितार्थ नहीं होती थी, क्योंकि वह ‘जोरू के भाई’ विप्रदास की ही नहीं, ‘जोरू’ कुमुदिनी की भी उपेक्षा करता था, जबकि कुमुदिनी से शादी का प्रस्ताव भी उस ने स्वयं ही विप्रदास के पास भेजा थ

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20 मई 2022
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माई

उत्तर प्रदेश के किसी छोटे शहर की बड़ी-सी ड्योढ़ी में बसे परिवार की कहानी। बाहर हुक्म चलाते रोबीले दादा, अन्दर राज करतीं दादी। दादी के दुलारे और दादा से कतरानेवाले बाबू। साया-सी फिरती, सबकी सुख-सुविधाओं की संचालक माई। कभी-कभी बुआ का अपने पति के साथ पीहर

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30 मई 2022
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नीम हकीम खतरे जान  ( कहानी प्रथम क़िश्त)

दबाकर गांव मे दशरथ पांचवी पढने के बाद वहाँ के प्रतिष्ठित चिकित्सक के यहां सहायक के रुप में कां करने लगा। कुछ वर्षों के बाद जब चिकित्सक का निधन हो गया तो खुद बतौर डाक्टर प्रेक्टिस करने लगे। जिसमें उन्हें बहुत सफलता भी मिली। पर कुछ वर्षों बाद उनके

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बेहया

हमारे देश में शादी और प्यार पर बॉलीवुड की बड़ी छाप है। लेकिन असल ज़िन्दगी सुनहरे परदे की कहानियों से बहुत अलग होती है। कई बार राम-रावण अलग-अलग नहीं होते बल्कि वक़्त और हालात के साथ एक ही व्यक्ति किरदार बदलता रहता है। ‘बेहया’ कहानी है सिया और यश की कामया

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3 जून 2022
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दूसरा जन्म

दूसरा जन्म अधेड़ उम्र की औरत गांव से बाहर काफी दूर एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर चिल्ला-चिल्ला कर अपने आपको कोसती हुई रो रही थी, और कह रही थी - ये मेरी गलती थी भगवान, मैं अपनी जवानी में होने वाली उस गलती पर आज भी शर्मिंदा हूं । हे भगवान । मै

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न्यायालय

न्यायालय आज सभी ऑफिस के आदमी कोर्ट की तरफ दौड़े जा रहे हैं । आज यहां पर उनके चहेते पटवारी का फैसला होने वाला था । जो कि दस हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था । कोर्ट लगभग दस बजे के आसपास शुरू हुआ । सभी कोर्ट में अपनी-अपनी सीट

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निर्मला

निर्मला एक ऐसी औरत की कहानी है जिसे बच्चे न होने की वजह से ताने सुनने पड़ते हैं ,जबकि उसका इसमें कोई गलती नही है ,पर लोगो को कौन समझाए , एक अच्छी खासी महिला को लोगो ने झगड़ालू बना रखा था।

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दिलो-दानिश

हिन्दी जगत में अपनी अलग और विशिष्ट पहचान के लिए मशहूर कृष्णा सोबती का हरेक उपन्यास विशिष्ट है। शब्दों की आत्मा को छूने-टटोलने वाली कृष्णा जी ने ‘दिलो-दानिश’ में दिल्ली की एक पुरानी हवेली और उसमें रहनेवाले लोगों के माध्यम से तत्कालीन जीवन और समाज का ज

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13 जून 2022
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पहली बारिश

पहली बारिश ,,, संध्या ओर सूरज के मिलने की ,,, बाकी आप कहानी पढ़ेंगे , तो पता लगेगा ।।

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1 मार्च 2023
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वतन परस्ती   ( कहानी प्रथम क़िश्त)

एक परिवार जब भारत से पाकिस्तान घूमने गया था तब जंगल भ्रमण के समय उस परिवार का पुत्र,अभिमन्यु जिसकी उम्र 7 वर्ष की थी माता पिता से बिछड़ गया। उसे बहुत ढूंढा गया पर कहीं भी उसका पता नहीं चला। तब परिवार के सदस्य वापस आ गए। इस तरह 25 वर्ष हो गए। इस बीच

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मौत खरीदता युवक

मौत खरीदता युवक एक बार मैं एक ट्रेन से कहीं बाहर से आ रहा था । अचानक एक 15-16 साल का लड़का मेरे पास हांफता हुआ आया और मेरे पास आकर खाली सीट देखकर कहने- भाई आप कौन हैं ? क्या इस सीट पर मैं बैठ सकता हूं । हां भाई, आईये, बैठिये । मगर आप अपना नाम तो ब

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अपना घर

आज कल के बच्चे मां बाप को कितनी अहमियत देते है ,पढ़िए अपना घर

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कलंकिनी

एक लड़की जिसे प्यार करने की सजा में उसके मां बाप ने कलंकिनी कहा था,और वह घर छोड़ कर भाग गई थी ,जब वह लौटी तो क्या होता है ??

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स्त्री

स्त्री महिला सशक्तिकरण, अबला नारी, नारी शक्ति पहचानो । कुछ अजीब सा लगता है मुझे ये सब । आज की नारी और पहले की नारी, क्या इसने अपनी शक्ति को आज तक नही पहचाना । यह तो वह नारी है जो हमेशा से अपनी शक्ति का दुरूपयोग करती आ रही है । हम कथा-कहानियों में प

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बड़ा बेटा

माता पिता को अपने बच्चो में दुराव नही करना चाहिए ,सभी बच्चे उन्हीके होते हैं तो क्यों किसी को अधिक तो किसी को कम प्यार मिलता हैं

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