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अपने सपने -(भाग -1)

6 मार्च 2022

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शीर्षक -अपनेसपने 

अपने माँ बाबा के अधूरे,
सपनों को पूरा करने,
हम उन्हें अकेला छोड़,
गाँव से शहर आ गए,
अपने सपने पूरा करने।

कभी सोच ही नही,
अपने सपने पूरा,
करने में खुद खो गए,
उन्हें भूला कर जिन्होंने,
अपने सपनों को भूला कर।

हमारे सपने पूरा करने,
के लिए खुद,
कितनी मेहनत से वो,
हमारे सपनों को पूरा,
करने हमें शहर भेजा है।

कितने बार उन्होंने,
अपनी आँखों से बारिश,
को आँखों में ही सुखाया,
होगा।

कितने सारे फटे कपड़ों,
को सिल सिल कर,
पहना होगा,
कितने सारे लोंगो के,
ताने सुने होंगे।

हमारे सपनों के पूरे,
करने के लिए,
कितने सारे जख्मो को,
छुपया होगा।

कितने सारे जरूरतों,
को उन्होंने हमारे,
सपनों के खातिर,
अधूरा छोड़ा होगा।

हमारे माँ बाबा हमारी,
ख़ुशी और सपनों,
के लिए कितने बार,
खुद को हालातों,
के आगे झुकाया,
होगा।

उन्हीं की वजह से हमारे,
सपने पूरे हुए।
और उन्हीं को भूला कर,
हम शहर में अपने सपनों,
में खो सा गए।

हमसे ये कैसा भूल हो गया,
हमने अपने माँ बाबा के,
सपनों को भुला दिया,
हमें माफ करना। 

माँ बाबा के सपने ही तो,
हमारी सबसे बड़ी दौलत है,
उन्हीं से तो हमारी जन्नत है।
फिर कैसे उन्हें ही भूल जाते हैं,
ये  भूल कैसे हमसब से हो जाता है।।
200


7 अप्रैल 2022

3 अप्रैल 2022

27
रचनाएँ
अपने सपने
5.0
ये किताब कविता शायरी संग्रह है आप सब सोच रहे होंगे की अपने सपने नाम आखिर क्यों रखा गया है। तो जिंदगी में कभी कभी अपनी जिम्मेदारीयों की वजह से हम सब के दिल में कुछ न कुछ सपने अधूरे रह जाते हैं तो हमारे सपने को नाम दे कर उन्हें हमने अपने सपने लिख दिया है ❤❤
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शीर्षक --क्षणभंगूर ये जीवन क्षणभंगूर हैये रूप भी क्षणभंगूर हैये काया भी क्षणभंगूर हैये माया भी क्षणभंगूर हैफिर सब इसको पाने केलिए व्याकुल होते फिरते हैंबस ये जीवन साँसो काताना बाना हैजिंदगी का बस

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अपने सपने --(भाग -27)

30 मार्च 2022
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शीर्षक --बेटियांबेटियाँ घर की मान हैबेटियां घर की महेमान हैजिनके यहाँ होती है बेटियां उनके घर की होती पहचान है बेटियां सम्मान होती है&nbsp

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