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जेबकतरी

संजना एक सुंदर और स्मार्ट लड़की है ,वह पढ़ने में भी तेज है और अभी उसने फर्स्ट ईयर कॉमर्स में कॉलेज ज्वाइन किया है ,उसका एक दोस्त है वेदांत जो उस से उम्र में दो साल छोटा है और उसे दीदी कह कर संबोधित करता रहता है , दोनो वैसे हैं लोअर मिडिल क्लास फैम

22 पाठक
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25 अप्रैल 2022
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मधुरिमा

यह पुस्तक इस आशा और विश्वास के साथ लिखी गयी है कि काव्य संग्रह में निहित समस्त कविताएं हृदय की उन गहराइयों को स्पर्श करेगी जो मानव जीवन में मानवता का एहसास कराती है और लौकिक जीवन को पारलौकिक जीवन से जोड़ती है| यह सच है कि आज बदलते परिवेश में कविता क

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21 मार्च 2022
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अधखिला फूल

अधखिला फूल "अधखिला फूला उपाध्याय जी का दूसरा सामाजिक उपन्यास है है देवहूती एक विवाहित स्वी है । उसका पति देवस्वरूप संसार से विरक्त रहते के कारण कहीं बाहर चला जाता है । कहने की आवश्यकता नहीं कि आज के पाठक को यह भाषा कुछ कृत्रिम-सी लगेगी । सिर भी ऐसा न

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26 अध्याय
5 अगस्त 2022
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"निर्मल काव्य चेतना-अमृतांजलि"

मैं निर्मल गुप्ता, एक नवीन लेखक अपने जीवन के अनुभवों को शब्द रुपी मोतियों में निखार कर कुछ सुन्दर कविता रुपी मालाओं का सृजन कर ,अपने प्रिय पाठकों के ह्रदय पर विराजमान करना चाहता हूं,जहां उनकी धड़कनें बसती है । ताकि वे एक नयी चेतना को प्राप्त कर मानवी

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1 अक्टूबर 2022
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निरुपमा

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (२१ फरवरी, १८९९ - १५ अक्टूबर, १९६१) हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। उनके मार्ग में बाधाएँ आती हैं, पर वे उनसे विचलित नहीं होते और संघर्ष करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुँचते हैं।''

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5 अगस्त 2022
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हादसा

एक हादसा जिंदगी को उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है जहां से बदकिस्मती किस्मत में बदलनी शुरू हो जाती है।अनजाने रास्ते, अजनबी दोस्त, अकस्मात घटनाएं किसी की जिंदगी का रूख कैसे मोड़ देती हैं कि एक शख्सियत खाक से शाह हो जाती है। यह किताब एक अनजान शख्सियत

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21 मार्च 2022
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तिलिस्माती मुँदरी

श्रीधर पाठक (११ जनवरी १८५८ - १३ सितंबर १९२८) प्राकृतिक सौंदर्य, स्वदेश प्रेम तथा समाजसुधार की भावनाओ के हिन्दी कवि थे। वे प्रकृतिप्रेमी, सरल, उदार, नम्र, सहृदय, स्वच्छंद तथा विनोदी थे। वे हिंदी साहित्य सम्मेलन के पाँचवें अधिवेशन (1915, लखनऊ) के सभापत

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10 अगस्त 2022
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स्वप्न के आम

यह कहानी दो बन्दरो की है जो अत्यंत शैतान थे उसकी शैतानी से पूरा जंगल त्रस्त था पर एक दिन उनको एक आम की गुठली मिलती है और वह आम के स्वप्न में खो जाते है । और सोचते है आम बड़ा होगा हम आम खायेंगे और बड़े बड़े स्वप्न । और वह उस गुठली को भूमि में गाड़ते है प

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9 मार्च 2022
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मेरी कलम

मेरी कलम

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24 अप्रैल 2022
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रेत का महल

रेत का महल एक अनोखी प्रेम कहानी है। जो प्रकृति के इर्द गिर्द रची गई है। इसमें प्रेम और प्राकृतिक सन्दर्य का अनोखा संगम है। सच्चे प्रेम और संयोग की एक अनूठी कहानी है। इस कहानी का अगर कोई सरल और पूरा शीर्षक हो सकता है वो होगा, प्रीत की डोर से बंधा रेत

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28 फरवरी 2022
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स्त्री विमर्श

इक्कीसवीं सदी में भी कुछ नारियों के लिए कुछ भी नहीं बदला। बेशक कुछ महिलाओं के जीवन में परिवर्तन आया है, पर आज भी कुछ मर्दों के दिमाग में पितृसत्तात्मक वाली सोच पल रही है, जिसका खामियाजा कुछ स्त्रियाँ भुगत रही है। मेरी यह किताब उन्हीं महिलाओं को समर्प

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2 सितम्बर 2023
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वायरल आशिक

हर बार कहती है क्यों नहीं? तुम इस बार भी क्यों नहीं? अंधेरे से जो बिखरे हैं रोशनी का निशान क्यों नहीं? रातों की खामोशी को सुनने की मजबूरी चिड़ियों की आवाजों की छन छन क्यों नही? वक्त ने बांधी है मेरे दिल की उड़ान भी इस वक्त से लड़ने की ताकत क्य

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3 अगस्त 2022
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BEYOND THE TRUTH ( तीसरी आंख)

मनुष्य जीवन में कई तरह के संघर्ष करने पर ही जिंदगी को आगे बढ़ाया जा सकता है। जीवन जीने का मतलब जीना नहीं है अपितु उच्च विचार, अच्छे आदर्श परिवार को सही स्तर से भरण-पोषण अध्यात्मिक ज्ञान और मर्यादाओ को बनाए रखकर चलना होता हे। तथा माता- पिता की सेवा ।व

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मुर्दो का गांव

उस गांव के बारे में अजीब अफवाहें फैली थीं. लोग कहते थे कि वहां दिन में भी मौत का एक काला साया रोशनी पर पड़ा रहता है. शाम होते ही क़ब्रें जम्हाइयां लेने लगती हैं और भूखे कंकाल अंधेरे का लबादा ओढ़कर सड़कों, पगडंडियों और खेतों की मेंड़ों पर खाने की तलाश

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23 जुलाई 2022
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नदी प्यासी थी (नाटक)

नाटक के केन्द्र में एक बंगाली परिवार (शंकर और शीला) है, जो बिहार के एक बाढग़्रस्त इलाके में रहता है। यहां हर वर्ष नदी में बाढ़ आती है और यह बाढ़ तब तक नहीं उतरती जब तक की कोई इंसान इस नदी में कूदकर आत्महत्या ना कर ले। यह अन्धविश्वास अब बलि प्रथा बन ग

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23 जुलाई 2022
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भजन

भजन​​ – दीनानाथ मेरी बात छानी कोणी तेरे से लिरिक्स दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || खाटू वाले श्याम तेरी, शरण में आ गयो, श्याम प्रभु रूप तेरो, नैणां में समां गयो, बिसरावे मत बाबा, हार मानी ते

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30 अगस्त 2022
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भुतनी पत्नी

एक मृत राजकुमारी, भुतनी और एक जिन्दा युवक के प्रेम की कहानी । युवक भुतनी से विवाह का प्रस्ताव करता है जिसे भुतनी ठुकरा देती है । फिर क्या होता है ? पढ़ें

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26 फरवरी 2022
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अंधा युग (नाटक)

धर्मवीर भारती का “अंधा युग” नयी कविता की प्रतिनिधि रचना है । यह रचना नयी-कविता की काव्य संवेदना, शिल्पगत नवीनता और भाषा सौष्टव की स्वायत्तता की परिचायक भी है । 'अँधा युग' नाटक में धर्मवीर भारती ने पौराणिक कथा के माध्यम से आधुनिक भावबोध को स्थापित किय

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2 सितम्बर 2022
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