राजे ने अपनी रखवाली की-सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला बड़ी-बड़ी फ़ौजें रखीं । चापलूस कितने सामन्त आए । मतलब की लकड़ी पकड़े हुए । पोथियों में जनता को बाँधे हुए
यह उन कविताओं का संग्रह है जिनमें जितना आनन्द का अमृत है, उतना ही वेदना का विष। कवि चाहे अमृत दे, चाहे विष, इनके स्रोत इसी धरती में हों तो उसकी कविता अमर है। … जैसे 'उड़ि जहाज को पंछी फिरि जहाज पर आवै', निराला की कविता आकाश में चक्कर काटने के बाद इसी
यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है। इस कहानी में एक दुल्हन कई शादियां करके उन्हें अपने जाल में फसा कर पैसे और जेवर लूटना।
एक पुरानी हवेली है ,उसके मालिक ने उसे खरीद कर छोड़ दिया था , पिछले तीस साल से वहां कोई भी रहता नही था कभी कभार कोई एकाध घंटे के लिए आता था तो वहां का सुनसान वातावरण और हवेली के अंदर चलती सायं सायं ठंडी हवा लोगो के होश उड़ देते हैं,और वह लोग वहां त
इस कविता का सारांश यह है कि , एक पुष्प जिसका प्राकृतिक इस्तेमाल , सुन्दर स्त्रियों पर सुशोभित होना , प्रेमिकाओं के गले की माला बनना , भगवानों की मूर्तियों पर चढ़ाया जाना और सम्राटों के शव पर डाला जाना है। वह पुष्प इस सब को छोड़ कर अपने आप को देश पर ब
नारी जीवन के सफर जहा उसके जीवन में उतार चढाव अच्छा बुरा घटित होता है मान अपमान प्यार दुलार के अलग अलग रंग को जीते हुए नारी का जीवन व्यतीत होता है
मन की अहसास मिलेजुले जज्बात ग़म और खुशी का सफ़र जीवन पर होता है क्या असर
राधे राधे दोस्तो 🙏 आज मैं लेकर आई हूं एक नई कहानी कॉल बॉय जिंदगी का अनदेखा पहलू ,, एक ऐसे लड़के की कहानी जो जिस्म फरोशी का धंधा करता था पर अपनी मोहब्बत के लिए उसने सही रास्ता चुना कहानी बहुत ज्यादा बड़ी नही है , 7 पार्ट में खत्म हो जायेगी ,,। तो आइए
मैंने अपने इस उपन्यास में औरत के आंतरिक संघर्ष और अंतर्द्वंद को दर्शाने के साथ साथ उसको अपने वज़ूद को क़ायम रखने के लिए कितना मानसिक कष्ट सहन करना पड़ता है जिससे वह अपनी नारी गरिमा को भी बनाए रख सके अन्यथा उसके अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है।
प्यार के रंग सनम का रहे ख्याल जाने वो दिल का हाल शैल सा बने मुश्किल मे ढाल प्यार तेरा मेरा बेमिसाल
ये कहानी है अंजली और अभिनव की जो समाज के रूढ़िवादी विचारों के चलते एक दूसरे से अलग हो गए। दोनों ने अपने परिवार को सम्मान देने के खातिर अपने प्यार की कुर्बानी दे दी। और एक दूसरे की ज़िंदगी से अलग हो गए। पर नियती को कुछ और ही मंजूर था। दोनों एक बार फिर
ऐतिहासिक फिक्सन कहानियों का संग्रह
#बदला न्याय की तलाश में भटकने के उपरांत न्याय छीनने की कोशिश।
यह पुस्तक मेरी भूली-बिसरी यादों के पिटारे के रूप में प्रस्तुत है। मैंने इस पुस्तक में अपने दैनन्दिनी जीवन के हर पहलू के जिए हुए खट्टे-मीठे पलों को उसी रूप में पाठकों तक पहुँचाने का प्रयास किया है। मेरी इस पुस्तक के लगभग सभी संस्मरण देश-प्रदेश के विभ
साधारण जन मानस से जुड़ी हुई रचनाएं।
◆●【इश्क़ और इत्तफ़ाक!】●◆ "इश्क़ और इत्तफ़ाक!" इश्क़ में इत्तफ़ाक की भूमिका बेहद अहम् होती है। इश्क़ में इत्तफ़ाक वही किरदार निभाता है, जो कुछ अब्द से ख़ाली पड़े मकान में एक किरायदार निभाता है। ये इत्तफ़ाक किसी मकान के किरायदार की तरह होता तो क
दस आपराधिक कहानियों का संग्रह मात्र दस रुपये मूल्य में उपलब्ध है।
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। शेख़ सादी मुंशी प्रेमचंद ने इस नाटक में शेख़ मुसल
उसकी कजरारे वो सुन्दर सा नयन , उसकी वो चाल जैसे कोई कोई मृग नयनी विचरन कर रही हो । उसकी मदहोश कराने बाली अदा ... जैसे किसी को भी पागल किये है जाए । वह सुन्दरता की कोई संगमरमर की तरासी कोई मुरत । मदहोश कराने बाली छवि की मालकिन मधुलिका ... प्यार से स
एक सामाजिक कहानी, जिसमे पियक्कड़ पिता की वजह से नवजात लड़की की मां मर जाती है और समाज उस लड़की को गलत मानने लगता है। ऐसे कई और हादसे ईश्वर उसके जीवन मे एक के बाद एक करता है और पूरा समाज उसे चुड़ैल कहकर ताने मारता है। कैसे वो लड़की समाज का सामना करेगी और ब