विश्व-कवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर जैसे अतल-स्पर्शी रहस्यवादी महाकवि ने कितना बाल-साहित्य लिखा है; यह सर्वविदित है। अतः 'दिनकर' जी की लेखनी ने यदि बाल-साहित्य लिखा है तो वह उनके महत्त्व को बढ़ाता ही है। यह जरूर इस मौसिम का कोई मीठा फल होगा। मुँह सारा जल उठा
इस किताब में उन चीजों का जो सफलता और असफलता के बीच के अंतर हैं | उदहारण के लिए कई जगह भारतीय आध्यात्म और जीवन मे सफल लोगों के विचारों को प्रयोग किया गया है
साधारण जन मानस से जुड़ी हुई रचनाएं।
उसकी कजरारे वो सुन्दर सा नयन , उसकी वो चाल जैसे कोई कोई मृग नयनी विचरन कर रही हो । उसकी मदहोश कराने बाली अदा ... जैसे किसी को भी पागल किये है जाए । वह सुन्दरता की कोई संगमरमर की तरासी कोई मुरत । मदहोश कराने बाली छवि की मालकिन मधुलिका ... प्यार से स
प्रेम और यौवन के धूप-छाँही रंगों में अतृप्त का रस घोलकर उन्होंने जिस उच्छल काव्य-बदिरा का आस्वाद अपने पाठकों को पहले कराया था, वह इन कविताओं तक आते-आते पर्याप्त संयमित हो गया है और सामाजिक यथार्थ के शिला-खण्डों से टकराते युग-मानव की व्यथा-कथा ही यहाँ
आपको अपनी सारी चिंता, खुदा पर छोड़ देनी चाहिए। अगर आपने अपने पूरे विश्वास के साथ प्रभु यीशु मसीह को ग्रहण किया है तो?* आप आज से चिंता करना बिलकुल बंद कर दो। दुनियां के लोग क्या कह रहे हैं। चर्च के लोग क्या कह रहे हैं। इस बात की चिंता ना करो। खुदा के
◆●【इश्क़ और इत्तफ़ाक!】●◆ "इश्क़ और इत्तफ़ाक!" इश्क़ में इत्तफ़ाक की भूमिका बेहद अहम् होती है। इश्क़ में इत्तफ़ाक वही किरदार निभाता है, जो कुछ अब्द से ख़ाली पड़े मकान में एक किरायदार निभाता है। ये इत्तफ़ाक किसी मकान के किरायदार की तरह होता तो क
प्रेम से है जीवन प्रेम से है प्यारा हर बंधन प्रेम बिन सुना लगे जहां जुदाई के दर्द से प्रेम का गुलशन वीरान शब्दों के सांचे ढालने एक छोटा सा प्रयास प्यार के खट्टे मीठे कुछ अहसास कुछ सुने कुछ अनसुने से जज्बात प्रेम के निराले रूप मेरे प्रेम का र
एक सामाजिक कहानी, जिसमे पियक्कड़ पिता की वजह से नवजात लड़की की मां मर जाती है और समाज उस लड़की को गलत मानने लगता है। ऐसे कई और हादसे ईश्वर उसके जीवन मे एक के बाद एक करता है और पूरा समाज उसे चुड़ैल कहकर ताने मारता है। कैसे वो लड़की समाज का सामना करेगी और ब
यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखित कविताओं का एक संग्रह है । इसकी हर एक कविता किसी न किसी सामाजिक सच्चाई से रुबरु कराती है इसीलिए इस पुस्तक का नाम है " सच के राही " मैंने अपनी कलम से कडवे सच को लिखने का साहस किया है और इसमें आप सबके यथासम्भव सहयोग की उम्मीद
यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो अपने जीवन को दूसरों के लिए होम कर देता है।स्नेहमल नाम का यह व्यक्ति अपने दृढ़ चरित्र से अन्य लोगों के चरित्र को गढ़ता हुआ चलता है।इसके जीवन में कई समस्याएं भी आती हैं लेकिन वह संत स्वभाव का होने के कारण समस्त समस्याओं
नारी आद्याशक्ति , सृष्टि का मूल एवं नर की जन्मदात्री है ! नवरात्र जैसे पावन अवसर पर महादुर्गा के विभिन्न स्वरूपों मे नारी शक्ति का पूजन सम्पूर्ण समाज करता है परंतु वह यह भूल जाता है कि उनके घर में जो नारी है वह भी उसी जगदम्बा का अंश है ! नारी जगतजननी
कई बार जो हमे दिखता हैं वो सच नहीं होता..।
कम उम्र में ही मां के चले जाने के कारण इन्हें जिम्मेदारियों को ना चाहते हुए भी उठाना पड़ा जिम्मेदारियों का भार और अकेलेपन के कारण इन्होंने कम उम्रमें ही लिखना शुरु कर दिया। इनकी कविताओं का पहला संकलन “अमृत लेहरन (अमर लहरें)” सन् 1936 में प्रकाशित हुई
यह एक ऐसी महिला ( बिंदु ) की कहानी है जो खुद अस्तित्व बचाने के लिए अपने गांव से भाग जाती है लेकिन समय के चक्र में वो फिर उस गांव में 15 साल बाद एक डॉक्टर के तौर पर गांव वालो की जान बचाने वापस आने पड़ता है । बिंदु कैसे समाज के संकीर्ण सोच से टकराते ह
इस किताब के माध्यम से ओशो समझाते हैं कि जन्म और मृत्यु एक ही सिक्के को दो पहलू हैं। जन्म और मृत्यु को मिलाकर ही पूरा जीवन बनता है। जो अपने जीवन को सही और पूरे ढंग से नहीं जी पाते, वही मृत्यु से घबराते हैं। सच तो यह है ओशो जीवन को पूरे आनंद के साथ जीन
नारी जीवन के सफर जहा उसके जीवन में उतार चढाव अच्छा बुरा घटित होता है मान अपमान प्यार दुलार के अलग अलग रंग को जीते हुए नारी का जीवन व्यतीत होता है
राधे राधे दोस्तो 🙏 आज मैं लेकर आई हूं एक नई कहानी कॉल बॉय जिंदगी का अनदेखा पहलू ,, एक ऐसे लड़के की कहानी जो जिस्म फरोशी का धंधा करता था पर अपनी मोहब्बत के लिए उसने सही रास्ता चुना कहानी बहुत ज्यादा बड़ी नही है , 7 पार्ट में खत्म हो जायेगी ,,। तो आइए
एक पिता का अपने बच्चों के प्रति प्यार और त्याग । बच्चों के खुशी में खुश हो जाना , आदि .. जिसे हम लब्जो में बया नहीं कर सकते हैं । पिता की आत्मा महान होता हैं ,उनके गुस्से में ही प्यार छुपा होता है ।