इस कहानी का शीर्षक है गुप्त रोग क्या फस गया रणवीर इसमें दर्शाया गया है कि कैसे एक औरत गैर मर्द के साथ नाजायज संबंध बनाती हैं अपने पति के बाहर जाने के बाद अपने आशिक को बुलाना यह कहानी रोमांच से भरी हुई है इसे पढ़कर आपको आनंद जरूर मिलेगा
यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखित कविताओं का एक संग्रह है । इसकी हर एक कविता किसी न किसी सामाजिक सच्चाई से रुबरु कराती है इसीलिए इस पुस्तक का नाम है " सच के राही " मैंने अपनी कलम से कडवे सच को लिखने का साहस किया है और इसमें आप सबके यथासम्भव सहयोग की उम्मीद
इस कहानी और पात्र में किसी नारी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है ।अपितु उनके ऊपर हो रहे।अमानवीय व्यवहार (बाल विवाह ,दहेज प्रथा, लड़का- लड़की में अंतर आदि) का विरोध बे स्वयं नारी को सही निर्णय लेने का अधिकार इसके लिए स्वयं को आगे आना होगा। " कामयाबी
एक ऐसी कहानी, जहां राजपरिवार में रहकर युद्धकला में माहिर एक सैनिक सेनापति बनने के लिए राज्य की एक प्रतियोगिता में भाग लेता है , लेकिन उस प्रतियोगिता में वो राजा की नाबालिग पुत्री से हार जाता या और उस हार का बदला वो अलग तरीके से लेता है। अपनी हार से क
एक सामाजिक कहानी, जिसमे पियक्कड़ पिता की वजह से नवजात लड़की की मां मर जाती है और समाज उस लड़की को गलत मानने लगता है। ऐसे कई और हादसे ईश्वर उसके जीवन मे एक के बाद एक करता है और पूरा समाज उसे चुड़ैल कहकर ताने मारता है। कैसे वो लड़की समाज का सामना करेगी और ब
ये किताब एक ऐसी नारी की कहानी कहती है जो अपने मानस और सलाहियत की पतवार लेकर जीवन भंवर में उतर जाती है और फिर शुरू होता है आसमान में घूमते नक्षत्रों की चाल के साथ उसका केटवॉक। एक संपन्न परिवार में कई भाई बहनों के बीच जन्म लेकर भी उसे अपने साथ नक्षत्रो
🌺 भारतीय युवक🌺 ऐसा कुछ कर दिखाओ वीरों भारतीय युवक तुम कहलाओ। जननी - अपनी जन्मभूमि है इसका कर्ज अदा करते जाओ। जीवन क्षण मात्र है, इस गप्पे-सप्पो मैं ने अब तुम बिताओ। आओ युवकों को मिलजुलकर देश को नया तुम बनाओ। जाति धर्म
प्रेम से है जीवन प्रेम से है प्यारा हर बंधन प्रेम बिन सुना लगे जहां जुदाई के दर्द से प्रेम का गुलशन वीरान शब्दों के सांचे ढालने एक छोटा सा प्रयास प्यार के खट्टे मीठे कुछ अहसास कुछ सुने कुछ अनसुने से जज्बात प्रेम के निराले रूप मेरे प्रेम का र
उसकी कजरारे वो सुन्दर सा नयन , उसकी वो चाल जैसे कोई कोई मृग नयनी विचरन कर रही हो । उसकी मदहोश कराने बाली अदा ... जैसे किसी को भी पागल किये है जाए । वह सुन्दरता की कोई संगमरमर की तरासी कोई मुरत । मदहोश कराने बाली छवि की मालकिन मधुलिका ... प्यार से स
इस किताब के माध्यम से दैनिक जीवन में होने वाली दिन-प्रतिदिन की घटनाओं और मानव के संस्कारों एवं समाज में होने वाले परिवर्तन को एक कविता के माध्यम से उकेरा जायेगा। जिसमें सभी प्रकार की कविताएं संग्रहित रहेगी।
तेज तर्रार इंस्पेक्टर नील की मौत एक रहस्य बनी हुई थी। घटनास्थल पर किसी अन्य व्यक्ति एवं हथियार आदि के निशान नहीं थे। इंस्पेक्टर की मौत पर विभिन्न सस्पेंस, जासूसी के बाद मौत का रहस्य खुलता है। जानने के लिए पढें। उपन्यास पूर्णतः काल्पनिक है। किसी घट
साधारण जन मानस से जुड़ी हुई रचनाएं।
ये किताब संग्रह होगा यूंही मेरे और आपके मन में आया विचारो का, को कोई लफ्ज़ या चीज़ देखकर आते है, आपको पसंद आएगा, मैंने कोशिश की है आप ज्यादा से ज्यादा पढ़ना पर पढ़ने के लिए जरूर इसे अपने पुस्तकालय में खरीदकर रखे।
इस किताब में उन चीजों का जो सफलता और असफलता के बीच के अंतर हैं | उदहारण के लिए कई जगह भारतीय आध्यात्म और जीवन मे सफल लोगों के विचारों को प्रयोग किया गया है
मन की अहसास मिलेजुले जज्बात ग़म और खुशी का सफ़र जीवन पर होता है क्या असर
ये कहानी है उस दौर के एक प्रेमी जोड़े की जब फ़ोन , इंटरनेट जैसी कोई सुविधा नहीं थी । ये वो दौर था जहाँ कागज़ ही अपने दिल का हाल बयान करने का एकमात्र साधन था । बेहरोज़ हॉस्टल से पढाई पूरी कर के अपने घर लौटता है । अचानक उसकी मुलाकात अपने ही इलाके की नाज़ से
एक पिता का अपने बच्चों के प्रति प्यार और त्याग । बच्चों के खुशी में खुश हो जाना , आदि .. जिसे हम लब्जो में बया नहीं कर सकते हैं । पिता की आत्मा महान होता हैं ,उनके गुस्से में ही प्यार छुपा होता है ।
किस्सा है अमरावती का, वैसे अमरावती अभी तो 72 वर्ष की है पर यह घटना पुरानी है।
नारी आद्याशक्ति , सृष्टि का मूल एवं नर की जन्मदात्री है ! नवरात्र जैसे पावन अवसर पर महादुर्गा के विभिन्न स्वरूपों मे नारी शक्ति का पूजन सम्पूर्ण समाज करता है परंतु वह यह भूल जाता है कि उनके घर में जो नारी है वह भी उसी जगदम्बा का अंश है ! नारी जगतजननी
यह एक ऐसी महिला ( बिंदु ) की कहानी है जो खुद अस्तित्व बचाने के लिए अपने गांव से भाग जाती है लेकिन समय के चक्र में वो फिर उस गांव में 15 साल बाद एक डॉक्टर के तौर पर गांव वालो की जान बचाने वापस आने पड़ता है । बिंदु कैसे समाज के संकीर्ण सोच से टकराते ह