Prashant singh
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Lekhak
कर्म का लेखा जोखा
कर्म का लेखा जोखा बहुत समय पहले की बात है एक गांव मे एक बनिये का दुकान था और उसके पडोस एक गरीब किसान का झोपड़ी था एक दिन वहां एक साधु भिक्षा मांगने आया सबसे पहले वह बनिए के निकट गया और बोला भिक्षाम देही पर बनिए ने जवाब म
कर्म का लेखा जोखा
कर्म का लेखा जोखा बहुत समय पहले की बात है एक गांव मे एक बनिये का दुकान था और उसके पडोस एक गरीब किसान का झोपड़ी था एक दिन वहां एक साधु भिक्षा मांगने आया सबसे पहले वह बनिए के निकट गया और बोला भिक्षाम देही पर बनिए ने जवाब म
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