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प्रेम की वेदी (नाटक)

मुंशी प्रेमचंद

8 अध्याय
4 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
7 पाठक
12 फरवरी 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

प्रेम की वेदी प्रेमचंद का एक सामाजिक नाटक है। वैसे तो प्रेमचंद मूलतः उपन्यासकार, कहानीकार हैं, लेकिन उन्होंने कुछ नाटक भी लिखे हैं। प्रेमचंद स्वभावतः सामाजिक-चेतना के लेखक हैं। यही सामाजिक-चेतना उनकी रचनाओं में अलग-अलग रूप में चित्रित हुई है। प्रेम की वेदी १९२०-१९२५ के बीच लिखा गया नाटक है। भारतीय सामाजिक सन्दर्भ में, आधुनिक विचार-विमर्श और चेतना का प्रवेश शुरू होने लगा था। कुछ नकल अंग्रेजी मेम साहिबाओं का था, कुछ सामाजिक सुधार आन्दोलनों का और कुछ अंग्रेजी उच्च शिक्षा का। इस सभी के संयोग ने सामाजिक व्यवस्था, धार्मिक संगठन, विवाह के स्वरूप और मर्यादाओं पर विचार-वितर्क आरम्भ किया। प्रेम की वेदी में हिन्दू विवाह पद्धति, उसके स्वरुप, उसमें स्त्री की स्थिति, पुरुष के मर्दवाद पर एक सपाट चर्चा है। जो एक निश्चित स्थिति को प्राप्त नहीं करता। विवाह जैसी संस्था पर समय-समय पर चर्चाएँ होती रही हैं और वह अपनी तमाम खामियों के बावजूद बना हुआ है। इस नाटक में जो दूसरा महत्वपूर्ण पक्ष है, वह है अन्तर्जातीय विवाह में धार्मिक मर्यादा की रस्साकस्सी। चाहे वह हिन्हू हो, क्रिश्चन हो या मुसलमान एक बिंदु पर आ कर सभी इस धार्मिक-मर्यादा से निकलना चाहते हैं लेकिन निकल नहीं पाते। प्रेमचंद इस नाटक में ऐसी मर्यादा की सीमा को पार करते हैं, यह प्रेमचंद की प्रगतिशील चेतना की उपज का एक नमूना कहा जा सकता है।। 

prem ki vedi natak

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पुस्तक के भाग

1

प्रथम दृश्य

12 फरवरी 2022
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(एक बंगलानूमा मकान – सामने बरांडा है, जिसमें ईंटों के गोल खंबे हैं। बरांडे में दो-तीन मोढ़े बेदंगेपन के साथ रखे हुए है। बरामदे के पीछे तीन दरवाजों का एक कमरा है। कमरे में दोनों तरफ दो कोठरियाँ है। कमर

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दूसरा दृश्य

12 फरवरी 2022
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(वही मकान, अन्दर का बावर्चीखाना। विलियम एक बेंत के मोढ़े पर बावर्चीखाने के द्वार पर बैठा हुआ है। मिसेज गार्डन पतीली में कुछ पका रहा है। विलियम बड़ा भीमकाय, गठीला, पक्के रंग का आदमी है, बड़ी मूंछे, चौड

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तीसरा दृश्य

12 फरवरी 2022
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(वर्षा काल का एक प्रभात। बादल घिरे हुए हैं। एक शानदार बंगला। दरवाजों पर जाली लोट के परदे पड़े हुए हैं! उमा एक कमरे में पलंग पर पड़ी है। एक औरत उसके सिर में तेल डाल रही है। उमा का मुख पीला पड़ गया है।

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चौथा दृश्य

12 फरवरी 2022
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(जेनी का मकान, संध्या का समय। विलियम टेनिस सूट पहने, मूंछे मुँडाए, एक रैकेट हाथ में लिए, नशे में चूर आता है।) जेनी – आज तो तुमने नया रूप भरा है विलियम। यह किस गधे ने तुमसे कहा कि मूंछे मुँडा लो! बिल्

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पाँचवा दृश्य

12 फरवरी 2022
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(योगराज का बंगला। प्रातःकाल। योगराज और जेनी एक कमरे में बैठे बातें कर रहे हैं। योगराज के मुख पर शोक का गाढ़ा रंग झलक रहा है! आँख सूजी हुई है, नाक का सिरा लाल, कंठ स्वर भारी। जेनी सफरी कपड़े पहने हुए ह

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छटा दृश्य

12 फरवरी 2022
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(योगराज का बंगला। जेनी और योग बैठे बातें कर रहे हैं) जेनी – आयी थी दो दिन के लिए और रह गयी तीन महीने! माँ मुझे रोज कोसती होगी। मैंने कितनी ही बार लिखा कि यहीं आ जाओ, पर आती ही नहीं। मैं सोचती हूँ, दो

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सातवाँ दृश्य

12 फरवरी 2022
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(जेनी का मकान। मिसेज गार्डन मुर्गियों को दाना चुगा रही है) विलियम – मिस गार्डन का कोई पत्र आया थी? मिसेज गार्डन – हाँ, वह खुद दो-एक दिन में आ रही है। विलियम – मैं तो उसकी ओर से निराश हो गया हूँ, मि

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आठवाँ दृश्य

12 फरवरी 2022
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(जेनी का विशाल भवन। जेनी एक सायेदार वृक्ष के नीचे एक कुर्सी पर विचारमग्न बैठी है) जेनी – (स्वगत) मन को विद्वानों ने हमेशा चंचल कहा है। लेकिन मैं देखती हूँ कि इसके ज्यादा स्थिर वस्तु संसार में न होगी।

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