‘चौरासी’ नामक यह उपन्यास सन 1984 के सिख दंगों से प्रभावित एक प्रेम कहानी है। यह कथा नायक ऋषि के एक सिख परिवार को दंगों से बचाते हुए स्वयं दंगाई हो जाने की कहानी है। यह अमानवीय मूल्यों पर मानवीय मूल्यों के विजय की कहानी है। यह टूटती परिस्थियों मे भी प
Chhote se gaaw ki kahani janha do kirdar ak hi sath padhte hai. Ishq hota hai.dono ak dusre se bepanaah mohabbat karte hai. Ladki aage jati hai .UPSC crack kar leti hai.ladka insecurity aur sab mansik chinatan ,wo kaha kiske sath hogi.isi me uljha ho
"प्यार एक बेहद खूबसूरत अनुभूति है और इसका अहसास हमारे रोम-रोम में रोमांच भर देता है, जीने के प्रति और सजग कर देता है। हर पल एक खुमारी-सी छाई रहती है। उस वक्त सही- गलत कुछ समझ नहीं आता। बस एक ही व्यक्ति के आसपास जैसे सारी दुनिया सिमट आई हो। और कभी-कभी
कविताओं का केंद्रीय भाव अक्सर प्रेम ही रहा है। कवियों के लिए भी प्रेम एक शाश्वत विषय रहा है। ऐसे में प्रेमी से बिछड़न या फिर प्रेम में मिली पीड़ा को काव्य बनाने में कवि अपनी सार्थकता समझता है। कवि मृत्युंजय राय के इस कविता-संग्रह ‘वेदना के मौन स्वर’
हम जिसे प्रेम कहते हैं वह हम तक मात्र किस्से-कहानियों और फिल्मों के माध्यम से पहुँचा है। ये भी एक ग़लतफहमी है कि प्रेम नैसर्गिक होता है। प्रकृति में, जानवरों में जो प्रेम दिखता है वो प्राकृतिक सौहार्द हो सकता है, प्रेम नहीं। प्रेम तो सीखना पड़ता ह
जरा सोचिये क्या होगा अगर आपके पत्ते पर किसी ऐसे व्यक्ति की चिट्टी आ जाये . जिसे आप जानते ही ना हो। शायद आप इसे नजरंदाज कर देंगे लेकिन फिर दूसरी चिठ्ठी आगे पर एक वार को आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे क्या होगा अगर आप उन दोनों चिट्ठियों का जवाब लिख के भे
This erotic story is a fictional story and this story is not related to the person. All this story is made for entertainment only. Read more
फिर एक वक्त ऐसा आया जब उन्हे दो विकल्पों में से किसी एक को चुनना था। शराब या दवाई। शराब उन्हे कुछ देर के लिए नशे का आनंद देता और दवाई उनकी पत्नी को थोड़ी सी और सांसे। इंसान स्वार्थी होता है पर इतना! उन्हे अपने लिए शराब की बोतल अपने पत्नी के सांसो
प्रेम कहानियाँ आपने खूब पढ़ी होंगी, लैला-मजनूं, हीर-रांझा जैसे अनेक प्रेम के किस्से आपके जेहन में हैं। ‘आई लव यू' भी ऐसी ही प्रेमकथा है, जिस पर आपको शायद सहसा विश्वास न हो मगर ये आपके जेहन में बस जायेगी। चाहत और मोहब्बत हम पर किस कदर हावी होती है कि,
दुनियां की सबसे आतंकी या यों कहें कि जहां लोगों का कत्ल करने का हुनर सिखाया जाता है, संगठन के हर एक सिपाही के रगो में बस क्रूरता दौड़ती है, और जिनका एक मात्र मकसद इंसानों का शिकार करना होता है। इसे बाकायदा इंसानों का कत्ल करने का इंटरनेशन लाइसेंस प्र
जिंदगी के हर पल को एन्जॉय करने वाली अनीता जिनके लिए प्यार ही सबकुछ है। आर्यन जिनके सपने बड़े नहीं हैं लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए इतने दीवाने हैं। वह दिल से करता है लेकिन अपने बनाए नियमों के बीच कैद रहता है। जिनके लिए प्यार सिर्फ एक शब्द है और कुछ
अंकिता शर्मा युवा है, ख़ूबसूरत है, स्मार्ट है। अपनी मेहनत के बल पर वह एक प्रतिष्ठित मैनेजमेंट स्कूल में एमबीए के कोर्स में दाख़िला भी पा लेती है। छह महीने बाद, वह एक मानसिक स्वास्थ्य केंद्र की मरीज़ हो गई है। ज़िंदगी बेरहमी और बेदर्दी से उससे वो सब कुछ छ
दो प्रसिद्ध उपन्यास एक साथ मुगलकाल के बादशाहों की रोचक और मार्मिक दास्तान लाल किला सदियों से भारत की आन-बान-शान का प्रतीक रहा है। लाल किला में रहकर सारे हिन्दुस्तान पर शासन चलाने वाले मुग़ल बादशाहों की रोचक और मार्मिक दास्तान इस उपन्यास के प्रथम खंड
कहतें हैं कि जिस किसी को ईश्वर का मोह हो जाता है फिर उसे इस दुनियां से कुछ नहीं चाहिए होता है। फिर वह अपना पूरा जीवन उस सर्वशक्तिमान ईश्वर की सेवा में समर्पित कर देता है। लेकिन यह कहानी थोड़ी अलग है। स्नेहलता, एक ऋषिकन्या, जिसने अपना पूरा जीवन इस संस
ऑनलाइन हो चुकी दुनिया में जब सोशल मीडिया के आभासी मोह में पँसा हर दूसरा इन्सान यह सोचने लगा है कि ‘प्यार-व्यार झमेला है, कुछ दिनों का खेला है' तब अचानक सच्चा प्यार दिल के किसी काने में घर बसा लेता है। कभी पहचान लिया जाता है तो कभी पहचान कर भी मजबूरिय
‘‘ठिठुरते जाड़े में, तेरे प्रेम की गरमाहट से,सूफ़ी क़लंदर के तन पर लिपटी, मोटी सूती चादर से,हमारी फ़क़ीरी के आलम में, इश्क़ की नवाबी शान से,संजीदा उमरों के बीच, दिल की शोख़ नादानियों सेतेरे कांधे पर रखे सर से, मिलने वाली राहत से,तेरे हौसले, भरोसे और अपनेपन
आप डिस्क्रिप्शन बॉक्स में पढ़कर अंदाजा लगाना चाह रहे हैं कि उज्ज्वल मल्हावनी नाम के इस विचित्र लेखक ने ‘शर्मा जी का लड़का’ जैसे अटपटे शीर्षक के साथ जाने क्या लिख दिया है जिसे पढ़ने का आग्रह किया जा रहा है। दरअसल प्रेम, इश्क़, प्यार, मोहब्बत, और भी तरह-तर
‘पहले प्यार की तरह आप कभी प्यार नहीं कर सकते, क्योंकि पहली बार ही आप उस दिल से प्यार करते हैं, जो टूटा नहीं होता।’ वीर की नजर जब पहली बार मीरा पर पड़ी, तो जबरदस्त आकर्षण के जादू ने उसे अपने वश में कर लिया। मीरा को भी कुछ-कुछ महसूस हुआ। देखते-ही-देखत
गीत चतुर्वेदी की पहली कहानी ‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ जब 2006 में पहल पत्रिका में छपी थी, तो उसने हिन्दी साहित्य में तहलका मचा दिया। उसे छापने वाले संपादक ज्ञानरंजन के अनुसार, “इस कहानी ने हिन्दी साहित्य के ढेर सारे ऊँघते-आँघते लोगों को नींद से जगा दिय
वा और प्रसाद उतना ही लेना चाहिए जितना देने वाले देते हैं, अधिक लेने के लिए जबर्दस्ती नहीं की जाती। इश्क की खुराक इतना आतुर करती है कि लोग खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाते और अपनी तबीयत की औकात से ज्यादा ले लेते हैं फिर पढ़ाई पर गाज गिर जाती है। कुल्हड़ भ