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पत्थर युग के दो बुत

पत्थर युग के दो बुत

आचार्य चतुरसेन शास्त्री

0 भाग
0 लोगों ने खरीदा
0 पाठक
18 मई 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 9789354860140

आचार्य चतुरसेन की विशिष्ट कहानियों का यह अनुपम संकलन है। सम्भवतः इस संग्रह में उनकी प्रारंभिक कहानियां संकलित हैं। इन रचनाओं का काल सन् 1920-30 के आसपास माना गया है। इन कहानियों में मानव की मनोवृत्ति का और सामाजिक विसंगतियों का अध्ययन किया गया है। यह कहानी संग्रह उत्कृष्ट मानसिक घात-प्रतिघातों मनोवैज्ञानिक विश्लेषण तो है ही बल्कि इस संग्रह ने समाजिक, राजनैतिक और राजसी वैभव का भी रेखाचित्र खींचने का प्रयास किया गया है। इस संग्रह की सबसे खूबसूरत बात यह है कि इसमें न सिर्फ पात्रें के बिम्ब-प्रतिबिम्ब अपने समय के मनुष्य को वर्णित करता है बल्कि अपने सामाजिक परिवेश का चित्रण इस प्रकार किया है जैसे कि हम उसी समय में विचरण कर रहें हो।. 

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पत्थर युग के दो बुत

आचार्य चतुरसेन शास्त्री

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आचार्य चतुरसेन की विशिष्ट कहानियों का यह अनुपम संकलन है। सम्भवतः इस संग्रह में उनकी प्रारंभिक कहानियां संकलित हैं। इन रचनाओं का काल सन् 1920-30 के आसपास माना गया है। इन कहानियों में मानव की मनोवृत्ति का और सामाजिक विसंगतियों का अध्ययन किया गया है। यह कहानी संग्रह उत्कृष्ट मानसिक घात-प्रतिघातों मनोवैज्ञानिक विश्लेषण तो है ही बल्कि इस संग्रह ने समाजिक, राजनैतिक और राजसी वैभव का भी रेखाचित्र खींचने का प्रयास किया गया है। इस संग्रह की सबसे खूबसूरत बात यह है कि इसमें न सिर्फ पात्रें के बिम्ब-प्रतिबिम्ब अपने समय के मनुष्य को वर्णित करता है बल्कि अपने सामाजिक परिवेश का चित्रण इस प्रकार किया है जैसे कि हम उसी समय में विचरण कर रहें हो।.

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