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एक नज़र

7 अप्रैल 2023

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राजकमल प्रकाशन की अन्य किताबें

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रचनाएँ
उसने गाँधी को क्यों मारा
5.0
यह किताब आज़ादी की लड़ाई में विकसित हुये अहिंसा और हिंसा के दर्शनों के बीच कशमकश की सामाजिक-राजनैतिक वजहों की तलाश करते हुए उन कारणों को सामने लाती है जो गांधी की हत्या के ज़िम्मेदार बने। साथ ही, गांधी हत्या को सही ठहराने वाले आरोपों की तह में जाकर उनकी तथ्यपरक पड़ताल करते हुए न केवल उस गहरी साज़िश के अनछुए पहलुओं का पर्दाफ़ाश करती है बल्कि उस वैचारिक षड्यंत्र को भी खोलकर रख देती है जो अंतत: गांधी हत्या का कारण बना। यह किताब जहाँ एक तरफ़ गांधी पर अफ़्रीका में हुए पहले हमले से लेकर गोडसे द्वारा उनकी हत्या के बीच गांधी के पूरे राजनैतिक जीवन में उन पक्षों पर विस्तार से बात करती है जिनकी वजह से दक्षिणपंथी ताक़तें उनके ख़िलाफ़ हुईं तो दूसरी तरफ़ उन पर हुए हर हमले और अंत में हुई हत्या की साज़िशों का पर्दाफ़ाश करती है। दस्तावेज़ों की व्यापक पड़ताल से यह उन व्यक्तियों और समूहों के साथ-साथ उन कारणों को स्पष्ट रूप से सामने लाती है जिनकी वजह से गांधी की हत्या हुई। यह किताब एक तरफ़ राष्ट्रीय मुक्ति आन्दोलन और उसमें गांधी की भूमिका दर्ज करती है तो दूसरी तरफ़ गांधी की पूरी वैचारिक यात्रा की पड़ताल करती है। यह किताब दक्षिणपंथ के गांधी के ख़िलाफ़ होने के कारणों, कांग्रेस के भीतर के अंतर्विरोधों और विभाजन की प्रक्रिया सामने लाती है। इसके अलावा एक पूरा खंड गोडसे द्वारा अदालत में गांधी पर लगाए गए आरोपों के बिंदुवार जवाब का है। इस किताब को पढ़ते हुए हिंदी का पाठक एक ही किताब में गांधी के दर्शन, उनकी वैचारिक यात्रा और उनकी हत्या की साज़िश के राजनीतिक कारणों से परिचित हो सकेगा।.
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भूमिका

7 अप्रैल 2023
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तीस के दशक में डांडी मार्च से शुरू हुए असहयोग आन्दोलन के बाद से ही उन्होंने अस्पृश्यता विरोधी आन्दोलन तेज़ कर दिया था. गांधी अस्पृश्यता को हिन्दू धर्म समाप्त हो जाएगा. लेकिन यह रोचक है कि इस बिन्दु पर

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एक नज़र

7 अप्रैल 2023
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यह  किताब कई ज्वलंत तथ्यों को सामने लाती है. यह किताब आज़ादी की लड़ाई में विकसित हुए अहिंसा और हिंसा के दर्शन के बीच कशमकश की सामाजिक-राजनैतिक वजहों की तलाश करते हुए उन कारणों को सामने लाती है जो गांध

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गांधी नहीं थे विभाजन के ज़िम्मेदार

7 अप्रैल 2023
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गांधी नहीं थे विभाजन के ज़िम्मेदार  इस समय का जनसंघ और हिन्दुत्व के ग़ैर-हिन्दू विचार वाले उसके पुरखे जिन्होंने सबसे ऊंची आवाज़ में अखंड भारत का नारा लगाया, उन्होंने अंग्रेज़ों और मुस्लिम लीग की देश के व

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