दिनाँक : 05.04.2022समय :रात 10:15 बजेप्रिय डायरी जी,'आजकल सभी नशे में हैं।" यह कहावत उत्तर प्रान्तों में बहुत प्रचलित है जिसका मतलब है "अपनी ईगो या शान में रहना"।लेकिन वास्तव में सभी लोग नशे में
दिनाँक : 05.04.2022समय :रात 10:15 बजेप्रिय डायरी जी,'आजकल सभी नशे में हैं।" यह कहावत उत्तर प्रान्तों में बहुत प्रचलित है जिसका मतलब है "अपनी ईगो या शान में रहना"।लेकिन वास्तव में सभी लोग नशे में
विख्यात ने समझ लिया कि अब पोल-पट्टी खुल जायेगी।विख्यात की दृष्टि जम़ीन पर पड़ी ईट पर पड़ी।विख्यात ने ईट उठ़ाई और अम्मा के सिर पर मार दिया।ईट के प्रहार से अम्मा जम़ीन पर धरासाई होकर गिर पड़ी। लड़के ने कहा,
कृपा ने कहा,"वृंदा चुप हो जा।" वृंदा:-पापा आज आप मुझे रोको मत।जुर्म करने से जायदा जुर्म सहना महापाप हैं।यह धर्म युद्ध है,इस युद्ध का अंत हो ही जाने दों। सुनैना ने कमर पर हाथ रखकर कहा,चोरी और ऊपर से सी
मर्यादा पालन करने की शिक्षा लेनी हो तो प्रभु श्रीराम से बेहतर कोई उदाहरण नहीं हो सकता। कौन सी ऐसी मर्यादा थी जिसका पालन उन्होंने नहीं किया ? जनहित को उन्होंने हमेशा निज हित सर्वदा उपर रखा। परंतु
*हिंदी दोहा-बिषय-मंच**1*मेर मिलाय मंच मिले,ओठ मधुर मुस्कान। माला, मन का माल भीशाल मिले सम्मान।।***2*कविता पढे न मंच पेकुछ कवियों का काम।चुटकुले ,नौटंकी करे, लेते ऊंचे दाम।। ****रा
समानता के बिना स्वतंत्रता नहीं आ सकती है, और समानता के बिना बंधुत्व नहीं हो सकता है समानता, स्वतंत्रता और बंधुता एक दूसरे की पूरक हैं,समानता का अर्थ= राजनैतिक,सामाजिक ,आर्थिक और शैक्षणि
हर जीत पर हर गीत परमेरे देश की महिमा छायी है, लहराता ये अपना तिरंगागौरवमय घडी आई है। आजादी की वर्षगांठ पर फिर देश में रौनक आई है, संकल्प करें फिर से मन मेंहर व्यक्ति अपना भाई
डा अम्बेडकर ने कहा था,,मुट्ठी भर लोगो द्वारा बहुसंख्यक जनता का शोषण इसलिए संभव हो रहा है की पैदावार के संसाधन ,जैसे जल ,जंगम ,जमीन, खादान, उद्योग धंधों ,कल कारखानों, यातायात के संसाधान,बैंक इत्यादि पर
23 मार्च..... बुधवार..... 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता हैं..। शहीद दिवस.... शहीद भगत सिंह के त्याग और बलिदान के लिए स्मरण किया जाता हैं...। भगत सिंह.... भा
अम्मा ने जब सुना तो कमरे में आई:-बहू तू कैसी शिक्षा दें रही हैं?सजा देने की बजाय उल्टा ही पाठ पढ़ा रही हैं।जो आज सिखा रही है, कल तुझपर भी किया जायेगा।क्यों बबूल का पेड़ बना रही हैं।सबके लिए नासूर बन जाय
द्रोण के घर जलेबी और समौसे तीसरे चौथे दिन घर में आ ही जातें।दूसरी तरफ़ कृपा के घर पन्द्रह दिन में एक बार भूखे पेट सोना पड़ता।कृपा को दिन-रात चिन्ता सतायें रहती कि घर का खर्चा कैसे चलेगा।जैसे- तैसे व्यवस
इधर भारतीय समाज में दलबदलुओं को कुछ ज़्यादा ही गिरी हुई निगाह से देखा जाने लगा है। राजनीतिक विशेषज्ञों और समाजशास्त्रियों की माने तो "आए दिन थोक भाव में दल बदलने से दलबदल की गरिमा में गिरा
जितने जीत के कारक हैं, उतनी हार की भी अपनी वजहें हैं। अगर नैतिक/अनैतिक दृष्टि से न देखा जाय, (क्योंकि शुचितापूर्ण राजनीतिक व्यवहार के प्रश्न पर लगभग सभी पार्टियां सवालों के घेरे में हैं, बस कोई कम तो
हम ना झुकेंगे, तुम ना रूकेंगे, देखें कितना दम है ।तुम नहीं कम हो यहां पर,हम नहीं क्या कम है।धधक रही है धरा हमारी,तेरी घोर मिसाइलों से।कितना तुझे घमंड हुआ है,क्या भिड़ा है तू कायरों से।हम भी तेरी ताकत
प्रेम के इस अनूठे सनातनी त्योहार पर उनको भी हार्दिक शुभकामनाएं जिनका प्रेम से सदैव तनातनी या छत्तीस का आंकड़ा रहता है💐💐💐
दिनाँक : 19.03.2022समय : शाम 8 बजेप्रिय डायरी जी,पंजाब में लगी है झाड़ू औरदिग्गज पड़े है डस्टबिन में।जीतने और हारने वाले,दोनों ही जमात में शामिल है।पंजाब के कोने-कोने से ढूंढ-ढूंढ कर इकट्ठी की गई,म
तू तू मैं मैं बंद भइल अब बंद भइल रउबार । बुलडोजर के देख पसीना फेंकें जीजा सार । जोगीरा सा रा रा रा रा ।। तीन तलाक अउ 370 भागल सरहद पार । कांग्रेस के कीड़ा मरलस कीटनाशक सरकार । जोगीरा सा रा रा रा रा
हौड लग गई मानव को,अपना कद बढ़ाने की।पद प्रतिष्ठा पाने की,अपनी दम दिखलाने की।निर्बल रौंदना भारी ना,मानव को मूल्यहीन किया।आगे निकलना शौक बना, आजादी को छीन लिया।सब्र के बांध सब टूट गये,सारे रिश्ते टूट गय