18 सितम्बर 2021
भाग-3 (वो दुलहन ) "हक से माँगों.....बाबू चन्दन" कॉपी के
भाग-3 (वो दुलहन )
"हक से माँगों.....बाबू चन्दन" कॉपी के
16 सितम्बर 2021
बच्चें अपने कमरें में बैठकर बातें कर रहे है।नज़र दरबाजे पर टिकी है।भानवी:-दीदी दीदी !
इच्छाएं स्वयं हम निर्धारित करते है अच्छी और बुरी ....असीमित और प्
15 सितम्बर 2021
यह पंक्तियां माखनलाल चतुर्वेदी जी की पुष्प की अभिलाषा से अभिप्रेरित है बिलासपुर की पुण्य धरा पर
जमाने से है दिल बेखबर पर मन किताब में सबके खत रखता हूँ।
ये जो है अन्दर छुपा मेरे मेरा बचपन ना मैं
ये जो है अन्दर छुपा मेरे
मेरा बचपन
ना मैं
दबे पाँव जब तुम आए महक उठा तन झंकृत हो उठा जब मन महक गई कस्तूरी&nbs
14 सितम्बर 2021
भाषा की जब बात होती है तो इसके विभिन्न आयामों में से एक है कि यह एक साधन है:अभिव्यक्ति ,संवाद&n
नृत्य अर्थात नाचना या डांस।यह विद्युतीय कला स्पंदन है जो शरीर को आनंद प्रफुल्
13 सितम्बर 2021
बेअदब ज़माने के किस्सों मेंकुछ हुनर बना कर रखोसुना सको जो तुम अपनो को
तुमको क्या मालूम ऐ रूपजाने कितना ख़ुदग़र्ज़ हूँ मैंमौका परस्ती फितरत त
12 सितम्बर 2021
जीवन , जीवन को हम कई तरीके से अपने हिसाब से जी सकते हैं पर जीवन जीने के भी बहुत से हिसाब होते ह
जीवन में बहुत से रगं होते है और उन्ही से जीवन रंगीन बनता है हर रंग का अपना अलग महत्व होता है जै
मैं कहती रही वों सुनते रहेखामोशी की चादर ओढ़कर वो गुमशुम रहे<
11 सितम्बर 2021
जन्म के साथ ही माँ का आंचल छूट जायें और पिता मुँह मोड़ लें।पिता का दिया नाम अशुभ दुर्भाग्य! कभी
जन्म के साथ ही विधाता ग्रह नक्षत्रो के साथ काल-चक्र का सहयोग हमारे साथ भेज देंता हैं।ग्रह-नक्षत
डायरी के रथ पर सवार होकर हाथों में कलम की कमान साधे दिल के विचारों और ख्यालातों के तीरों का संध
गणेशा का हुआ है आगमनदिन रात एक हुए स्वागत में उनकेदेवा आए खुशियां लाए ।।<
8 सितम्बर 2021
वो उसका दिल है कि श्मशानकितने दफन हैं जरा देख तो लो<
मुझसे दोस्ती यूँ लम्बी निभाओगे क्या ,मैं नादान