shabd-logo

रूपम महतो के बारे में

मैं एक एनजीओ में सक्रिय रूप से काम करती हूं, एक नेटवर्क मार्केटिंग फर्म में वरिष्ठ प्रबंधक और एक जिम्मेदार गृहिणी हूं। मैं टाटानगर, जमशेदपुर की रहने वाली हूं और वर्तमान में कोलकाता में रहती हूं। स्याही के माध्यम से भावनाओं को उँडेलकर खुद को व्यक्त करने का जुनून है मुझमें ।मुझे लगता है जो बातें हम जुबान ने नहीं कह पाते वो लेखनी के जरिये व्यत हो जाती है। पुरानी संगीतमय धुनों से मुझे प्यार से है और उन्हें गाना भी अच्छा लगता है । मेरा दृढ़ विश्वास है कि हम हर स्थिति से दो बार अपने दिमाग में निपटते हैं और फिर वास्तविकता में । इसलिए यदि हम अपने मन की बाधा को जीत लेते हैं तो हम वास्तव जीवन में भी हर कठिन और मुश्किल रास्ते से गुजर सकते हैं। **तेरा एहसास मेरे जहन में कुछ इस कदर जिंदा ह,जैसे छूकर मेरे रूह को तू अभी अभी गुजरा है।**

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

रूपम महतो की पुस्तकें

 जिंदगी के रंग

जिंदगी के रंग

इस किताब में मैंने जिंदगी में मिलने वाली रिश्तों की खूबसूरती को अल्फाजों में पिरोकर कविता का रूप दिया है। हम अपने जीवन में कई रिश्तों को जीते हैं। सभी का अहसास अलग अलग होता है। कुछ रिश्तें प्रेम के ,कुछ दोस्ती के और कुछ रिश्तें परिवार से मिलते हैं।

9 पाठक
35 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 79/-

प्रिंट बुक:

190/-

 जिंदगी के रंग

जिंदगी के रंग

इस किताब में मैंने जिंदगी में मिलने वाली रिश्तों की खूबसूरती को अल्फाजों में पिरोकर कविता का रूप दिया है। हम अपने जीवन में कई रिश्तों को जीते हैं। सभी का अहसास अलग अलग होता है। कुछ रिश्तें प्रेम के ,कुछ दोस्ती के और कुछ रिश्तें परिवार से मिलते हैं।

9 पाठक
35 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 79/-

प्रिंट बुक:

190/-

रूपम महतो के लेख

**वर्षा ऋतु**

15 अप्रैल 2022
0
0

*बरसा ऋतु*आई है वर्षा ऋतु लेकर बूँदों कि बहार। नाच रहें हैं मोर जंगल में अपनी ही धुन में होकर सवार।। सुखी धरती पर गिरती है जब,बारिश कि बुँदे छम- छमखिल उठते हैं चेहरे किसानों केनाच उठता है उनका तन

**अनमोल रिश्ते**

15 अप्रैल 2022
1
2

*अनमोल रिश्ते*तुम्हारे हर दर्द को हमने अपने सीने से लगाया था। कोई रिश्ता नहीं था तुमसे फिर भी तुमसंग हर रिश्ता हमने निभाया था।।कुछ इस कदर अहसास जुड़ गए थे तुमसे मेरी ,की तुम्हारे पलकों के आँ

**दर्द मोहब्बत का**

15 अप्रैल 2022
0
0

"दर्द " मोहब्बत का:- तुम्हारी कांपती नजरों में छुपे दर्द का हर फ़साना याद है। मुझे आज भी तेरा अंतिम बार मुझसे मिलने आना याद है ।। ना कुछ कह पाने के हालात में हम थे। और ना कुछ सुन प

**दुआ**

15 अप्रैल 2022
0
0

*दुआ *दिन रात मेरी दुआओं में बस तुम्हारे लिए ही फरियाद है। मिल जाए तुम्हें वो मंजिल जिसकी तुम्हें न जाने कब से तलाश है। तुम्हारी जीत भरी मुस्कान हम सबके लिए खुशी का पैगाम लेकर आय

** अंतहीन सफर के हम राही**

15 अप्रैल 2022
0
0

** अंतहीन सफर के हमराही**ये वो सफर है जिसकी शुरआत हुई तो पता न चला की ये वो सफर है जो कभी खत्म न होगी!सबकुछ तो है इस सफर में एहसास,जज्बातों का समंदर,विचारों कि महक और इबादत की हद तक मोहब्बत। ,अगर

**ये हरियाली**

14 अप्रैल 2022
0
0

"ये हरियाली" बड़े प्यार से अंकुरित होकर धरती मां का सिंगार बन जाते हैं ये हरियाली। हवा में फैले जहर को खुद में समेट कर। ऑक्सीजन रूपी अमृत की वर्षा करते हैं ये हरियाली।वातावरण को हरा-भरा

**जिंदगी**

13 अप्रैल 2022
0
0

कहाँ हारे ,कहां बिखरे, कहां टूटे, कहां सिमटे, कहां गिरे और कहाँ सम्मलें कुछ पता नहीं। छोटी-छोटी कोशिकाओं के साथ जीते हैं अपनी जिंदगी। कहां मिटे,कहां लड़खड़ाए,कहाँ छलके और कहाँ बहके कुछ

**नारी हैं हम**

13 अप्रैल 2022
0
0

**नारी हैं हम**तिनका तिनका जोड़ कर हमें अपना आशियाँ बनाना आता है। हम नारी है हमें कम में भी अपना संसार चलाना आता है। कुछ सपने हम भी देखते हैं वक़्त के झरोकें से ,मौका मिलते ही उसे पुरा करना

**रंग रंगीली होली**

12 अप्रैल 2022
0
0

*रंग रंगीली होली *रंग रंगीली होली आई ।लाई खुशियों की सौगात।। भूल के सारे गिले शिकवे। प्रेम के रंग में रंग जाए एक साथ।। होली की इस हर्षित बेला पे,सबको मिले यश कीर्ति ,सम्मान औ

**सशक्त नारी**

12 अप्रैल 2022
0
0

** सशक्त नारी**छोड़ चारदीवारी के घेरे को बनाने एक नई पहचान चली है। अपने हर कर्तव्य को पूरा करते हुए लिखने एक नया इतिहास चली है।कोमल है,कमजोर नही वो अपनी काबिलियत सबको दिखलाना है। पुरुष

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए