लखनऊः लोकसभा चुनाव के वक्त जिन दलों को साथ लेकर भाजपा चुनाव मैदान में उतरी थी, उनका साथ विधानसभा चुनाव में भी रहेगा। ये दल हैं अपना दल, भारतीय समाज पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी। पार्टी सूत्रों की मानें तो 22 से ज्यादा सीटें भाजपा सहयोगी दलों को देने के लिए नहीं तैयार है।
यहां की सीटें सहयोगियों की झोली में
वोटबैंक के लिहाज से इलाहाबाद की सोरांव, हंडीया सीट, मिर्जापुर की मडिहान और चुनार और प्रतापगढ़ सीट अपना दल के खाते में जा सकती है। अपना दल में अनुप्रिया पटेल गुट वाराणसी में आने वाली रोहनिया सीट पर भी अपना दावा जाता कर चुका है। मगर पीएम का संसदीय क्षेत्र वाराणसी होने के कारण भाजपा इस सीट को देने के लिए तैयार नहीं है। उधर बहराइच, श्रावस्ति, बलरामपुर और आजमगढ़ में भारतीय समाज पार्टी को सीट मिल सकती हैं। उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) को बांदा की बबेरू सीट, चित्रकूट और फतेहपुर से सीटें मिल सकती हैं। फिलहाल बड़े नेताओं के बीच मंथन जारी है।