यह पुस्तक प्रकृति और जीवन से सम्बन्धित कविताओं को प्रस्तुत करती है । प्रकृति के अनुपम सौंदर्य को और जिंदगी के अनुभवों को काव्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है ।अगर आप प्रकृति - प्रेमी हैं और जीवन के संघर्षों को काव्य के रूप में पढ़ना चाहते है तो यह
"दस्तक" राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' टीकमगढ़ (मप्र) का तीसरा दोहा संग्रह है जिसमें उनके ताज़ा तरीन हिंदी दोहे पेश है। जो कि विभिन्न विषयों पर रचे गए हैं। आपको षटरस का आनंद प्रदान करेंगे।
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आप हो जीवन के सच में कभी भी सच का साथ नई घटनाएं नहीं मन भावों के सोच हम सभी रंगमंच के साथ समझ नहीं पाते हैं और समय एक ऐसा जादू करता है कि हमें कल का पता ही नहीं चलता है आओ पड़े आप और हम जीवन के सच
इस किताब में सारी रचनाये मेरी स्वयं की हस्तलिखित और मौलिक हैं इसमें जिंदगी के सारे अनुभवो को दर्शाने की पूरी कोशिश की हैं, हर शब्दों में अपना दर्द और जिंदगी के नये -नये सोच के आयामो को पेश करने की कोशिश की हैं मैंने अब बाकी तो आप लोग ही पढ़कर सटीक
कानपुर देहात कांड हमारे उत्तर प्रदेश के वासियों को सच और सही बात का अनुसरण हो और हम सभी देश की न्यायालय और समाज का सहयोग करे। हम सभी देशवासियों के सेवाभाव और देशहितार्थ सरकार और विभाग है
भारतीय बॉलीवुड संस्कृति को जिस देश में रहते हैं उस संस्कृति और संस्कार के साथ अपने देश को समर्पित होकर भी सोचना चाहिए।
एक गैर सरकारी संगठन को एनजीओ का नाम देते है आज आधुनिक समाज में आज एनजीओ अपने दायित्वों का पालन कर्तव्य और दायित्व नहीं करते है आज सरकार के अनुदान और व्यवस्था के साथ देशहितार्थ सेवाभाव आब सोचनीय स्थिति है
आप और हम जीवन के सच हम सभी के साथ रंगमंच का सच है जो कि हम सभी अपने जीवन में सच और हकीकत के साथ हम सभी एक अभिनय निभाते हैं आओ पढ़े
"यह अल्पज्ञात तथ्य है कि चीन का ‘चीन’ नाम भारत का दिया हुआ है। चीन तो स्वयं को झुआंगहुआ कहता है। इससे भी अल्पज्ञात तथ्य यह है कि महाभारत काल में चीन भारत के सैकड़ों जनपदों में से एक था। प्रशांत महासागर के तट पर पीत नदी के पास यह लघु राज्य भारत से हजा
मैला आँचल फणीश्वरनाथ 'रेणु' का प्रतिनिधि उपन्यास है। यह हिन्दी का श्रेष्ठ और सशक्त आंचलिक उपन्यास है। नेपाल की सीमा से सटे उत्तर-पूर्वी बिहार के एक पिछड़े ग्रामीण अंचल को पृष्ठभूमि बनाकर रेणु ने इसमें वहाँ के जीवन का, जिससे वह स्वयं ही घनिष्ट रूप से
हम सभी पृथ्वी दिवस मनाते हैं और जीवन में सच हम सभी बताते हैं हरा भरा हो जीवन हम सभी का पेड़ पौधे से हम सांसें पाते और जीवन को जीत को है
अगर आप आए तो अच्छा लगेगा और आपकी व्यवस्था के लिए अलग से चार पाई और पंखे लगाएंगे
विभिन्न विषयों पर कविताओं का एक संग्रह है यह पुस्तक
इस किताब में सारी रचनाये मेरी स्वयं की हस्तलिखित और मौलिक हैं इसमें जिंदगी के सारे अनुभवो को दर्शाने की पूरी कोशिश की हैं, हर शब्दों में अपना दर्द और जिंदगी के नये -नये सोच के आयामो को पेश करने की कोशिश की हैं मैंने अब बाकी तो आप लोग ही पढ़कर सटीक
काव्य प्रहार एक सामाजिक चिंतन पर आधारित व्यंग रचना समाहित है इसमें समाजिक परिवारिक राजनैतिक वर्तमान प्रवेश पर आधारित इसमें रचनाएं प्रकाशित की जा रही काव्य प्रहार में समस्त रचनाएं मौलिक स्वर लिखित हैं समस्त रचनाओं के अलग-अलग शीर्षक होंगे समस्त रचनाएं
वो बेहद गरीब और अनपढ़ थी , फटे पुराने कपड़े पहनती थी और रूखा सूखा खाती थी । पर अपने ही स्पष्ट विचारों से उसने अपने जीवन को सरस और प्रफुल्लित बना रखा था । और इसी ‘ बकरी बाई ‘ ने मुझे एक लेखिका बना दिया । ‘ चोरी के जेवर ‘ में जेवरों की चोरी ! किसके जे
"प्रथम प्रयास" असम प्रांत की अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की बहनों का "प्रथम साझा काव्य संकलन" है। इस संकलन की रचनाओं में सभी बहनों ने अपने हृदय-उद्गार उड़ेल कर रख दिए हैं।नारी सृष्टि का एक अनमोल उपहार है। समाज का एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। स
छायावाद की प्रमुख प्रतिनिधि कवयित्री महादेवी वर्मा का नारी के प्रति विशेष दृष्टिकोण एवं भावुकता होने के कारण उनके काव्य में रहस्यवाद, वेदना भाव, अलौकिक प्रेम आदि की अभिव्यक्ति हुई है। आधुनिक गीत काव्य में महादेवी जी का स्थान सर्वोपरि है। उनकी कविता म
मां - बाप तो हमसे बराबर ही प्यार करते है .. बस फर्क इतना सा है . . . . माँ का प्यार हमें दिख जाता है . . पिता के डांट से बचाते वक्त ...