इस किताब में सारी रचनाये मेरी स्वयं की हस्तलिखित और मौलिक हैं इसमें जिंदगी के सारे अनुभवो को दर्शाने की पूरी कोशिश की हैं, हर शब्दों में अपना दर्द और जिंदगी के नये -नये सोच के आयामो को पेश करने की कोशिश की हैं मैंने अब बाकी तो आप लोग ही पढ़कर सटीक
कविता, संस्मरण, साहित्य सभी पर उन्होंने कलम चलाई। अपने जीवन काल में उन्होंने ग्राम गीतों का संकलन करने वाले वह हिंदी के जिसे 'कविता इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए उन्होंने गांव-गांव जाकर, रात-रात भर घरों के पिछवाड़े बैठकर सोहर और विवाह गीतों को सुना
यह पुस्तक कविताओं का संकलन जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाती है। इस पुस्तक में मेरी स्वरचित मौलिक रचनाएं है।
किसी से सच ही कहा है की जितना बड़ा चादर हो आप उतना ही पाओ पासारिये, श्याम नाम का एक मध्यम वर्ग का आदमी था वो अपने माँ बाप भाई बहन के साथ बहुत ही खुश था, धीरे धीरे उसकी पढाई खतम होती गई, और उसने अच्छी नौकरी पाने के लिए पूरी तरह से लग गया और उसकी सफलता
मैं इस पुस्तक की लेखिका रश्मि गुप्ता, उम्र के हर स्वाद का रसपान कर चुकी हूँ और कहीं भी इसे मैंने नीरस नहीं पाया है। हर चीज यहां अपना एक विशेष स्थान रखती है। चाहे फूल ही या कांटा, दोनों की बराबर अहमियत है । लीक से हटकर अंधेरे, समस्या
जीवन-परिचय-शमशेर बहादुर सिंह हिंदी-साहित्य की नई कविता के प्रमुख कवि माने जाते हैं। इनका अज्ञेय के तार सप्तक में महत्वपूर्ण स्थान है। इनका जन्म13 जनवरी, सन 1911 ई० को उत्तराखंड के देहरादून जिले के एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। इनकी प्रारंभ
मनुष्य के जीवन में सफलता हासिल करने के बहुत से मौके आते हैं। जिनमें वह एक सफल व्यक्ति बनकर सफलता हासिल कर सकता है। मनुष्य अपनी किस्मत को स्वयं बदल सकता है। मनुष्य के जीवन का लक्ष्य और उसके अनुरूप उसकी मेहनत उसके जीवन में दीपक बनकर उजाला करने के लिए प
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी कथा जगत में अपनी धारदार कहानियों के जरिये विशिष्ट पहचान बनाने वाली कथाकार चित्रा मुद्गल ने एक जमीन अपनी सरीखे उपन्यास से जो जमीन बनाई उसे आवां जैसे वृहद उपन्यास से और पुख्ता ही किया । सामाजिक चेतना से लैस उनके पात्र समकालीन जट
"निर्मल काव्य-धारा" जीवन के विभिन्न पहलुओं के गहन अध्ययन एवं अनुभवों को शब्द रुपी मोतियों में पिरोकर पाठको के समक्ष प्रस्तुत की गयी,काव्य कला का एक अनूठा संगम है। जिसमें कहीं दुनिया के बदलते परिवेश, सच्चे प्रेम की कसक,एवं प्रकृति के सौंदर्य का निरुपम
एक जमाने मे गांव के जाने माने बड़े जमींदार कहे जाने वाले नंद चौधरी की दूर - दूर तक बहुत पुछ थी। कोई भी पंचायत और सलाह के लिए लोग पूछा करते थे । नंद चौधरी के एक सगा बड़ा भाई भी थे जिनका नाम किशोर चौधरी था जो सिपाही मे कार्यरत थे, इस लिए घर की सारा जिम
नमस्कार दोस्तो, जीवन में पुस्तकों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। पुस्तकें ही एक ऐसा माध्यम है जिनमें वर्णित अपने विचारों द्वारा कोई भी लेखक या कवि बदलाव की लहर को जन्म दे सकता है। इतिहास साक्षी है की कलम ने अपनी ताक़त को बखूबी साबित किया है।
इस कविता में हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने ऊँचे कुल में जन्म लेने का घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि मनुष्य का वंश नहीं बल्कि उसके कर्म उसे संसार में प्रसिद्धि दिलाते हैं।
जयश्रीकृष्ण मित्रगण सुधिजन व पाठकगण यह पुस्तक एक काव्य प्रस्तुति है,,जो जीवन के रंग के कई दस्तावेज। आपको दिखाएगी, आप रंगरेज के रंगो का आनंद लीजिएगा। आप को समर्पित। है आपके प्यार को। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण
उगते सूर्य की किरणों से झिलमिल करती माँ नर्मदा की लहरों पर बहता मृत प्रायः युवा नारी शरीर…..क्या उसमें जीवन शेष था ? …….. सदानंद बाल-ब्रह्मचारी है।सांसारिक बंधनों से मुक्त होते हुए भी वह एक ऐसी परीक्षा से गुजरता है जो ब्रह्मचर्य के निषेधों पर प्रश्न
मेरे प्यारे पापा🙏🏻😊❤️
पढ़िये मनोरंजक कहानियां/लेख और एक लघु उपन्यास
राहत अपनी शायरी में दो तरह से मिलते हैं - एक दर्शन में और एक प्रदर्शन में। जब आप उन्हें हल्के से पढ़ते हैं तो केवल आनन्द आता है, लेकिन जब आप राहत के दर्शन में, विचारों में डूबकर पढ़ते हैं तो एक दर्शन का अहसास हो जाता है। और जब आप दिल से पढ़ते हैं तो वह
डॉ. कुँअर बेचैन निस्संदेह वर्तमान दौर के सर्वश्रेष्ठ कवि और शायरों में से एक हैं. प्रेम और संवेदना के बारीक धागों से बुनी गई उनकी रचनायें किसी का भी मन मोह सकतीं हैं. काव्य-पाठ की उनकी शैली भी उन्हें लोकप्रिय बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण रही है. दोनो
महुआ माजी का उपन्यास ‘मरंग गोड़ा नीलकंठ हुआ’ अपने नए विषय एवं लेखकीय सरोकारों के चलते इधर के उपन्यासों में एक उल्लेखनीय पहलक़दमी है। जब हिन्दी की मुख्यधारा के लेखक हाशिए के समाज को लेकर लगभग उदासीन हों, तब आदिवासियों की दशा, दुर्दशा और जीवन संघर्ष पर