क्या हमनें जो सुना हैं, देखा हैं, पुरानी लिखित कलाकृति, चित्र, मूर्ति, और यह सब जो बताना चाहतीं हैं और हम जो इन्हें देख कर अनुमान लगाते हैं वह सच हैं।
व्याख्या-कवि अपनी देशप्रेम की भावना को पुष्प की अभिलाषा के रूप में व्यक्त करते हुए कहता है कि मेरी इच्छा किसी देवबाला के आभूषणों में गूंथे जाने की नहीं है। मेरी इच्छा यह भी नहीं है कि मैं प्रेमियों को प्रसन्न करने के लिए प्रेमी द्वारा बनायी गयी माला
संकट के पुष्पक पर आई जिसकी पुण्य-साध की वेला! अपने पागलपन में, बेदी पर शिर जो उतार आता है ! उसकी साँस-साँस में, कसकें--'महासांस' की 'साँसें' सारी । वह अरमानों का अपनापन जी की कसकों की ध्वनि-धारा हैं |
आज कल हर कोई एक दूसरे के पीछे लगा हुआ हैं.... सबको एक दूसरे में कमियाँ और खामियां ढूंढने की आदत लग चूकी हैं..... लेकिन क्या कभी खुद से खुद की मुलाकात की हैं.....!!!! इंसान की इसी फितऱत को दर्शाता हैं मेरा यह छोटा सा लेख...।।।।।।।।
यह हमारी एक कविता का शीर्षक है जिस कविता को हम बाजार नाम से प्रकाशित करना चाहते हैं, 5 भाग है जो आप सबके सामने सब दिन पर हम लिखकर अपनी रचनाओं का संकलन आप सबके सामने पेश करते हैं।
वेणु लो गूँजे धरा, माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा लिखित कविता है. तारकों-सी नृत्य ने बारात साधी है। विश्व-शिशु करता रहा प्रण-वाद जब तुमसे। क्यों विकास करे भड़कता हैं |
जिनके लिए यह जीवन होता है उन्हीं से हम संघर्ष करना प्रारंभ कर देते हैं जबकि संघर्ष का नाम स्वयं को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए किया गया वह कार है जिसमें मनुष्य अपनी समस्त प्रकार की शक्तियों को बिना किसी बिना किसी भय एवं बिना किसी डर के जवाब देता है ले
सुमित्रानंदन पंत की कुछ अन्य काव्य कृतियाँ हैं - छायावादी काव्य की सम्पूर्ण कोमलता और कमनीयता इनके काव्य में साकार हो उठी है। प्रकृति के हरे-भरे वातावरण में बैठकर जब ये कल्पना लोक में खो जाते थे तो प्रकृति की सुन्दरता का सृजन स्वयं ही मूर्त हो उठता औ
इस पुस्तक मे आपको मेरी रचनाए मिलेगी जो भक्ति, ब्रेकअप और मोटिवेशनल होगा मेरी जीवन यात्रा भी अवलोकन होगा।
अमर भारत में अमीश तीक्ष्ण लेखों, गहन वक्तव्यों और बौद्धिक चर्चाओं की श्रृंखला के माध्यम से भारत को एक नए रूप में समझने में आपकी मदद करते हैं। धर्म, पुराण, परंपरा, इतिहास, समकालीन सामाजिक आदर्शों, प्रशासन, और नैतिक मूल्यों जैसे विषयों पर अपनी गहन जानक
मेरी यह किताब कोशिश है कूछ ज्ज्बात दिल के बया करने का, कूछ नज्म, शेरो शायरी, गजल और कविताएँ, आशा है आपको पसंद आएगा, अगर हाँ, तो जरूर बताएगा ।
हिन्दुत्व में स्त्री को देवी के समान माना गया है। देश के विभिन्न हिस्सों में देवी के अलग-अलग रूप पूजे जाते हैं। कहीं वह प्रकृति के रूप में माता है, कहीं पर मानवता की स्रष्टा है, कहीं पर ज्ञान की देवी सरस्वती है तो कहीं पर सम्पदा की देवी लक्ष्मी है। इ
यह एक लोकप्रिय धारणा है कि रामायण आदर्शवादी है, जबकि महाभारत यथार्थवादी है। फिर भी ये दो महाकाव्यों में समान निर्माण खंड, समान विषयवस्तु और समान इतिहास है। इस अभूतपूर्व पुस्तक में, भारत के सबसे लोकप्रिय पौराणिक कथाकार, देवदत्त पटनायक ने इसकी पड़त
तीन निगाहों की एक तस्वीर आपका बंटी और महाभोज जैसे कालजयी उपन्यासों की रचयिता मन्नू भंडारी की कहानियाँ अपने मन्तव्य की स्पष्टता, साफगोई और भाषागत सहजता के लिए खासतौर पर उल्लेखनीय रही हैं। उनकी कहानियों में जीवन की बड़ी दिखनेवाली जटिल और गझिन समस्याओं
परिवर्तन का समय अभी है। विकल्प स्पष्ट और भयानक है। अगर हम वर्तमान ढर्रे पर ही चलते रहे तो विश्व के अन्य लोग हमसे आगे निकल जाएँगे। गरीबी व बेरोजगारी और ज्यादा बढ़ जाएगी, जो हमारे समाज को अंतर्विस्फोट की ओर ले जाएगी। और अगर हम बदलाव लाएँगे तो हम वास्तव
जल जीवन का आधार है और हिमनद जल का स्रोत बड़े-बड़े हिमखंड, जो अपने ही भार के कारण निम्न भूमि की ओर खिसकते रहते हैं, बर्फ के ऐसे ही विशाल संग्रह को हिमनद कहते हैं। यही ठोस बर्फ पिघलकर नदी के रूप में बहती है जो मानव ही नहीं, प्राणिमात्र को शुद्ध और स्वच