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संजय पाटील के बारे में

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संजय पाटील की पुस्तकें

सपने

सपने

 यह किताब निशा के जीवन के संघर्ष की कहानी है, जो समाज की रूढ़िवादिता का विरोध करते हुए सफलता हासिल करती है | वह बेटे की तरह ही अपनी सभी जिम्मेदारी और कर्तव्य का पालन करती है | यह कहानी कभी ना हार मानने वाली उस लड़की की है, जो समाज की हर लड़की को अपने जी

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सपने

सपने

 यह किताब निशा के जीवन के संघर्ष की कहानी है, जो समाज की रूढ़िवादिता का विरोध करते हुए सफलता हासिल करती है | वह बेटे की तरह ही अपनी सभी जिम्मेदारी और कर्तव्य का पालन करती है | यह कहानी कभी ना हार मानने वाली उस लड़की की है, जो समाज की हर लड़की को अपने जी

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कोरोना की लहर

कोरोना की लहर

किताब के बारे मे 22 मार्च 2020 को 24 घंटे के लिये लॉकडाउन लगाया गया था, भारत सरकार की तरफ से | इन दिनों मेरा मिरज, महाराष्ट्र मे ही काम चल रहा था | अक्सर रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी मे छुट्टी नहीं मिला करती है तो इस 24 घंटे के लॉकडाउन से मन मे थोड़ी ख़ुशी भी

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कोरोना की लहर

कोरोना की लहर

किताब के बारे मे 22 मार्च 2020 को 24 घंटे के लिये लॉकडाउन लगाया गया था, भारत सरकार की तरफ से | इन दिनों मेरा मिरज, महाराष्ट्र मे ही काम चल रहा था | अक्सर रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी मे छुट्टी नहीं मिला करती है तो इस 24 घंटे के लॉकडाउन से मन मे थोड़ी ख़ुशी भी

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किसान आंदोलन

किसान आंदोलन

किताब के बारे मे हमारा भारतदेश क़ृषिप्रधान देश है, फिर भी आज के समय मे किसान की स्तिथि बहुत ही बुरी है | वह आज भी ग़रीबी और लाचारी से परेशान है, कभी अतिवृष्टि की वजह से फसल का नुकसान हो जाता है तो कभी अल्पवृष्टि से | किसान खेतो मे बीज बोने से लेकर फसल

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किसान आंदोलन

किसान आंदोलन

किताब के बारे मे हमारा भारतदेश क़ृषिप्रधान देश है, फिर भी आज के समय मे किसान की स्तिथि बहुत ही बुरी है | वह आज भी ग़रीबी और लाचारी से परेशान है, कभी अतिवृष्टि की वजह से फसल का नुकसान हो जाता है तो कभी अल्पवृष्टि से | किसान खेतो मे बीज बोने से लेकर फसल

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विजय

विजय

किताब के बारे में इस कहानी के मुख्य पात्र है, विजय और प्रमिला | विजय बचपन से ही गाँव में बहुत शरारती और मस्ती किया करता था | यहाँ तक कि गाँव के बड़े-बुजुर्ग भी उसे बिगड़ा हुआ लड़का ही समझते थे | गाँव में कोई भी लड़का कुछ गलती किया करता था तो बस उदाहरण क

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विजय

विजय

किताब के बारे में इस कहानी के मुख्य पात्र है, विजय और प्रमिला | विजय बचपन से ही गाँव में बहुत शरारती और मस्ती किया करता था | यहाँ तक कि गाँव के बड़े-बुजुर्ग भी उसे बिगड़ा हुआ लड़का ही समझते थे | गाँव में कोई भी लड़का कुछ गलती किया करता था तो बस उदाहरण क

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लेखक के बारे मे

लेखक के बारे मे

लेखक के बारे मे मेरा जन्म 9 मार्च 1992 को गाँव बिरूल बाजार, जिला बैतूल, मध्यप्रदेश मे हुआ था | जब मै 5 वर्ष का था तब मेरी मम्मी का स्वर्गवास हो गया था | इस घटना का मानसिक रूप से मुझ पर बहुत प्रभाव पड़ा | मेरा बचपन, अन्य बच्चों की तरह खेलकूद, शरारत मे

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लेखक के बारे मे

लेखक के बारे मे

लेखक के बारे मे मेरा जन्म 9 मार्च 1992 को गाँव बिरूल बाजार, जिला बैतूल, मध्यप्रदेश मे हुआ था | जब मै 5 वर्ष का था तब मेरी मम्मी का स्वर्गवास हो गया था | इस घटना का मानसिक रूप से मुझ पर बहुत प्रभाव पड़ा | मेरा बचपन, अन्य बच्चों की तरह खेलकूद, शरारत मे

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विद्रोह

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किताब के बारे मे इस कहानी के मुख्य पात्र निर्भय, ईशान, श्रद्धा, संजीत,भार्गवी और संकल्प है | निर्भय का कार मे एक्सीडेंट होने की वजह से हॉस्पिटल मे जान तो बच जाती है मगर दोनों हाथो की हथेलियों को खो देता है , समाज के कुछ लोग उसकी तरफ देखकर कहते है कि

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विद्रोह

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किताब के बारे मे इस कहानी के मुख्य पात्र निर्भय, ईशान, श्रद्धा, संजीत,भार्गवी और संकल्प है | निर्भय का कार मे एक्सीडेंट होने की वजह से हॉस्पिटल मे जान तो बच जाती है मगर दोनों हाथो की हथेलियों को खो देता है , समाज के कुछ लोग उसकी तरफ देखकर कहते है कि

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"इंजीनियरिंग कॉलेज-1"

"इंजीनियरिंग कॉलेज-1"

किताब के बारे मे यह किताब मेरे कॉलेज के दिनों की कहानी पर आधारित है | मेरे घर की आर्थिक स्तिथि अच्छी ना होने की वजह से बहुत सी समस्या का सामना करना पड़ा, मगर वामनकर मामाजी, बुआ, मिथिलेश भैया और अभिषेक भैया के सहयोग से मेरी हर मुश्किल आसान सी लगने लग

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"इंजीनियरिंग कॉलेज-1"

"इंजीनियरिंग कॉलेज-1"

किताब के बारे मे यह किताब मेरे कॉलेज के दिनों की कहानी पर आधारित है | मेरे घर की आर्थिक स्तिथि अच्छी ना होने की वजह से बहुत सी समस्या का सामना करना पड़ा, मगर वामनकर मामाजी, बुआ, मिथिलेश भैया और अभिषेक भैया के सहयोग से मेरी हर मुश्किल आसान सी लगने लग

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वो पहली मुलाक़ात

वो पहली मुलाक़ात

Book description इस कहानी का मुख्य पात्र तुषार है, जो शहर मे सॉफ्टवेयर कंपनी मे जॉब करता है | वो इंजीनियरिंग कॉलेज मे कंप्यूटर साइंस ब्रांच मे इतनी सारी लड़की होने के बावजूद भी क्लास मे कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं बनायीं थी बस अपना पूरा ध्यान स्टडी पर ह

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वो पहली मुलाक़ात

वो पहली मुलाक़ात

Book description इस कहानी का मुख्य पात्र तुषार है, जो शहर मे सॉफ्टवेयर कंपनी मे जॉब करता है | वो इंजीनियरिंग कॉलेज मे कंप्यूटर साइंस ब्रांच मे इतनी सारी लड़की होने के बावजूद भी क्लास मे कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं बनायीं थी बस अपना पूरा ध्यान स्टडी पर ह

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अधूरी चाह-1

अधूरी चाह-1

इस कहानी के मुख्य पात्र राजेश और भावना है | राजेश के पापा गाँव के सरकारी स्कूल मे शिक्षक थे, उनका सपना था कि राजेश भविष्य मे एक अच्छा इंजीनियर बने इसलिए शहर के इंजीनियरिंग कॉलेज मे एडमिशन कराते है, लेकिन पढ़ाई मे मन ना लगने की वजह से राजेश हर सेमेस्टर

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अधूरी चाह-1

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इस कहानी के मुख्य पात्र राजेश और भावना है | राजेश के पापा गाँव के सरकारी स्कूल मे शिक्षक थे, उनका सपना था कि राजेश भविष्य मे एक अच्छा इंजीनियर बने इसलिए शहर के इंजीनियरिंग कॉलेज मे एडमिशन कराते है, लेकिन पढ़ाई मे मन ना लगने की वजह से राजेश हर सेमेस्टर

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सच्ची मोहब्बत

सच्ची मोहब्बत

किताब के बारे मे इस कहानी के मुख्य पात्र है इम्तियाज़ और मुसर्रत ,जिनकी पहली बार मुलाक़ात स्कूल मे होती है | तब लगभग इम्तियाज़ की उम्र 16 साल थी और मुसर्रत की उम्र 15 साल थी | दोनों की स्कूल मे नज़रो से नज़रे मिलती है फिर बातचीत के दौरान गहरी दोस्ती हुई,

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सच्ची मोहब्बत

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किताब के बारे मे इस कहानी के मुख्य पात्र है इम्तियाज़ और मुसर्रत ,जिनकी पहली बार मुलाक़ात स्कूल मे होती है | तब लगभग इम्तियाज़ की उम्र 16 साल थी और मुसर्रत की उम्र 15 साल थी | दोनों की स्कूल मे नज़रो से नज़रे मिलती है फिर बातचीत के दौरान गहरी दोस्ती हुई,

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संजय पाटील के लेख

सपने (भाग-3) यह मेरी पहली किताब Zorba Publication से प्रकाशित हो चुकी हैं |

28 अप्रैल 2022
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साथ ही अचार की कनस्तर से एक छोटा सा टुकड़ा भी रखा मगर तभी निशा को याद आया कि मां की तबीयत तो खराब है और दवाइयां भी चल रही है तो खट्टी चीजों से परहेज करना चाहिए |गरम गरम रोटी एक चम्मच घी लगाते हुए साथ

सपने (भाग-2) यह किताब मेरी zorba Publication से प्रकाशित हो चुकी है |

27 अप्रैल 2022
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यह केवल अपनी जिंदगी मैं उन सपनों को संजय हुए हुए हैं, जो नींद लगते ही एक नए दृश्य से हमें आत्मविभोर कराती है। यही तो बचपन के सपनों से भरे नैना है, जो हर व्यक्ति अपने बचपन में किसी ने किसी स्वरूप

सपने (भाग-1) यह किताब मेरी Zorba Publication से प्रकाशित हो चुकी है |

26 अप्रैल 2022
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निशा उदास मन से पापा और छोटे भाई की तस्वीर को निहार रही थी | काश वो बुरा दिन हमारे जीवन मे कभी नहीं आता, जिसने हमसे हमारी खुशियाँ छीन ली थी |आज दोनों की कमी को महसूस कर रही थी | पापा का हाथ जब कंधे पर

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