गुरु रविदासजी का जन्म जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1388 को हुआ था। रविदास जी जिन्हें संत रविदास, गुरु रविदास, रैदास, रूहिदास और रोहिदास जैसे अनेको नाम से भी जाना जाता है उनके अनुसार यदि आपके मन में किसी प्रकार का बेर, लालच या द्वेष नहीं है तो आपका मन भगवान का मंदिर, दीपक और धूप के समान है। इस प्रकार के लोगों में ही भगवान हमेशा निवास करते हैं। कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा। वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा। दूसरों की सहायता एवं साधु संतों का साथ उन्हें बेहद पसंद था। अपना ज्यादातर समय और प्रभु भक्ति एवं सत्संग में व्यतीत करते थे। वह ईश्वर की भक्ति पर पूर्ण विश्वास करते थे। उनके ज्ञान एवं वाणी की मधुरता से सभी लोग प्रभावित होते थे। उनके द्वारा कहे शब्द, दोहे, पद और अनमोल वचन (विचार) आज भी हम सभी को सदैव आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे।
3 फ़ॉलोअर्स
3 किताबें