मृत्यु के बाद क्या होता है, इससे कहीं अधिक सार्थकता एवं प्रासंगिकता इस तथ्य की है कि मृत्यु से पहले के तमाम वर्ष हमने कैसे जिये हैं। मन-मस्तिष्क में समाये अतीत के समस्त संग्रहों, दुख-सुख के अनुभवों, छवियों, घावों, आशाओं-निराशाओं और कुंठाओं के प्रति प
हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म में सरस्वती ज्ञान की देवी हैं। उनका नाम कल्पना के प्रवाह (सरस) से निकला है। मानव की कल्पना हमें खोज करने, नई राह बनाने, मानसिक चित्रण करने, योजना बनाने और जोखिम कम करने में सक्षम बनाती है। हालाँकि बिज़नेस
‘‘मैं आपको सबसे छोटी, सबसे सीधी राह बताऊँ; आप जानना चाहेंगे? ये है सिर्फ़ अवलोकन करना और फिर वहीं समाप्ति। मतलब कि अवलोकन करना, देखना, ताकि कोई अवलोकनकर्ता, देखने वाला न हो, बगैर उस अतीत के अवलोकन करना। केवल तभी आप भय की उस सकलता को, पूरेपन को देख पात
मैं यह पुस्तक इसलिए लिख रहा हूँ ताकि मेरे युवा पाठक उस आवाज को सुन सकें, जो कह रही है-' आगे बढ़ो ' । अपने नेतृत्व को हमें समृद्धि की ओर ले जाना चाहिए । रचनात्मक विचारोंवाले युवा भारतीयों के विचार स्वीकृति की बाट जोहते-जोहते मुरझाने नहीं चाहिए । जैसाकि
"सत्य और वास्तविकता के बीच सम्बन्ध क्या है? वास्तविकता, जैसा कि हमने कहा था, वे सब वस्तुयें हैं जिन्हें विचार ने जमा किया है | वास्तविकता शब्द का मूल अर्थ वस्तुएं अथवा वस्तु है | और वस्तुओं के संसार में रहते हुए, जो कि वास्तविकता है, हम एक ऐसे संसार
किसी भी स्वप्न को साकार करने के लिए मनुष्य को यह विश्वास करना पड़ेगा कि असंभव को पार किया जा सकता है। श्रद्धा उपलब्धि की पहली आवश्यकता है और उस श्रद्धा को अटल बनाए रखना दूसरी आवश्यकता। जब आप श्रद्धा से आगे बढ़ते हैं तो आप भविष्य में कदम रख देते हैं।
कब तक घुटती रहोगी यूंही घुटन भरे इस घूंघट में... तोड़ के मौन तू मुंह तो खोल के बोल दे जो है तेरे मन में.... आजादी की चल रही हवा अब हटा हया का ये पर्दा... तू भी एक इंसान है बता दे सबको तेरी क्या है मर्यादा.... जितना तू दबती जाएगी ये दुनिया तुझे और
जब कोई टीम जीतती है तो श्रेय पूरी टीम को मिलता है, पर उसमें विशेष योगदान उस टीम के लीडर का होता है। वह भिन्न-भिन्न सोच, क्षमता और प्रकृति के लोगों में एक ऐसे भाव का सूत्रपात करता है कि सबका एक ही लक्ष्य बन जाता है—जीत और सफलता। कंपनी के उत्कर्ष के सफ
पितृ दोष ऐसा दोष जो आप के जीवन में काम नहीं बनने देता । शादी, धन समस्या ,अशांति रहती हैं . होता सब को हैं थोड़ा थोड़ा लेकिन किसी किसी को अधिक होता हैं । किसी किसी की कुंडली में भी पितृ दोष होता हैं। तो क्या हैं यह और क्यों हमारे जीवन पर प्रभाव डालता ह
लेख,निबन्ध,डायरी
"अगर सारी कठिनाइयों से हार न मान कर मैं इतना कुछ हासिल कर सका हूँ तो कोई और भी ऐसा कर सकता है- यही संदेश है जो मैं इस पुस्तक के ज़रिये अपने देश के युवाओं को देना चाहता हूँ। इस पुस्तक से प्रेरित होकर यदि एक भी युवा अपना सपना हासिल कर लेता है तो मैं मा
अकसर सुनने को मिलता है—‘युवा भारत की नई पहचान’। अगर आप किसी ऐसे युवा के साथ अपने को शामिल नहीं करते, जो आपके परिवार का न हो या आपके मित्र का पुत्र न हो, पूरी तरह से अपरिचित हो, तो यह पंक्ति हमेशा एक तटस्थ लगाव पैदा करती है। भारत विश्व का सबसे ज्यादा
शब्द-शब्द फूल बन कविता की बेल में गुँथा लहरा रहा द्रुम डाल पर उन्मुक्त और मुक्त इस अनुपम सृजन की सराहना कर ।। राघवेन्द्र कुमार "राघव"
इस आयाम के अंतर्गत आप विभिन्न विषयों पर मनोग्य विचार पढ़ सकते हैं ।
चमचमाती इमारतों और अन्य सुविधाओं की बजाय संवेदनशील लोग ही दुनिया को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाते हैं। दृढ संकल्पित व्यक्ति को उसके लक्ष्य तक पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसे लोगों की ईश्वर भी मदद करता है। अगली पीढ़ी को समग्र रूप से मजबूत बनाने के ल
आज बड़ी संख्या में भारतीय युवा क्षमतावान, समर्पित, दृढ-संकल्पित, आदर्शवादी और कड़ी मेहनत करनेवाले हैं। उनमें अद्भुत शक्ति, सामर्थ्य और क्षमता है। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का युवाओं को प्रबुद्ध बनाने के प्रति विशेष आग्रह था। यद्यपि डॉ. कलाम का पूरा
जो लोग समाधान प्रस्तुत करते हैं, दुनिया उनका सम्मान करती है और जो लोग समस्याएँ पैदा करते हैं, उनकी निंदा करती है। पर समाधान प्रस्तुत करने के लिए पॉजिटिव यानी सकारात्मक सोच बहुत जरूरी है, क्योंकि सकारात्मक से ही विचार प्रक्रिया संचालित होती है और समाध