मैं आज आपको चंद शिकारी औरतों के क़िस्से सुनाऊंगा। मेरा ख़याल है कि आपको भी कभी उनसे वास्ता पड़ा होगा। मैं बंबई में था। फिल्मिस्तान से आम तौर पर बर्क़ी ट्रेन से छः बजे घर पहुंच जाया करता था। लेकिन उस