नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) के नेता सीताराम येचुरी का राज्यसभा में लगातार दूसरा कार्यकाल इसी साल अगस्त में खत्म हो रहा है। विपक्ष उन्हें फिर से राज्यसभा में लाना चाहता है लेकिन येचुरी को राज्यसभा भेजने पर पार्टी के अंदर से ही विरोध के सुर सुनाई देने लगे हैं।
केरल के मुख्यमंत्री और पोलित ब्यूरो के सदस्य पिनरई विजयन का कहना है कि पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को कांग्रेस के सहयोग से राज्यसभा में लगातार तीसरी बार नहीं जाना चाहिये। क्योंकि यह पार्टी विचारधारा के खिलाफ है।
एक रिपोर्ट के अनुसार विजय का कहना है कि सीपीआईएम महासचिव के नाते येचुरी एक सांसद की जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाएंगे। साल 2015 में सीताराम येचुरी को पार्टी महासचिव बनाया गया था। विजयन का कहना है कि 'कांग्रेस के सहयोग से हमारे पार्टी महासचिव को राज्यसभा में भेजना हमारी राजनीति क विचारधारा के खिलाफ होगा।'
गौरतलब है कि राज्यसभा में येचुरी विपक्ष की ओर से एक अच्छे वक्ता हैं और विपक्ष नहीं चाहता कि येचुरी जैसा नेता राज्यसभा में उनके साथ न रहे। राष्ट्रपति-उप राष्ट्रपति चुनाव समते कई मसलों पर सीपीआईएम ने कांग्रेस का साथ दिया है।
विजयन का कहना है कि 'जो मेरा अनुभव है, सीपीआईएम महासचिव के नाते वो एक सांसद की जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाएंगे। पार्टी के कामों से उन्हें देश भर में घूमना पड़ता है। जो उनको राज्यसभा में भेजना चाहते हैं, उसकी वजह यह है कि वो एक अच्छे सांसद हैं और यह सच है।
लेकिन, जो उनकी दूसरी भूमिका है उससे समझौता नहीं किया जा सकता है।' हालाँकि कुछ दिन पहले येचुरी ने भी कहा था कि 'वह एक और कार्यकाल नहीं मांगेंगे क्योंकि पार्टी का मानदंड किसी नेता को दो से अधिक बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने की अनुमति नहीं देता है।'