अगर आप औरत को दुःख देंगे और उसे परेशान करेंगे तो वह आपका सब सुख-चैन छीन लेगी और अगर आप उसे खुश रखेंगे तो वह आपको मौत के मुंह से भी निकाल लेगी...
नमस्कार 🙏🙏🙏 मेरे प्रिय पाठकों मैं अपनी पहली रचना नारी जीवन लिखने जा रहीं हू.... इसमे एक नारी एक स्त्री को कितने ही रूप रंग एक ही जीवन मे अपनी एक ही जिंदगी मे जीने को मिलते है ये भी दिखाना चाहूँगी... तो चलिए चलते है अपने इस नए और जाने पहचाने स
जिंदगी कुछ खट्टी कुछ मिट्ठी सी
एक स्त्री की कहानी... जो बेटी, बहन, पत्नी, मां होने के साथ समाज के हर नियमों में बंध कर चलने को तैयार है फिर भी उसके पथ में अनेकों काटे हैं। ऐसा क्यों...?
इस उपन्यास में - 25 भाग है यह उपन्यास एक स्त्री के जीवन संघर्ष पर आधारित है। लेखिका - ममता-यादव (प्रान्जलि काव्य) पूर्णतः मौलिक व स्वरचित तथा सर्वाधिकार सुरक्षित रचना
इस कहानी के माध्यम से यह बताया गया है कि एक छोटी सी बच्ची ने कैसे सभी डाकुओं को सुधार दिया और सब को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया।
कुछ अनकहे लफ्ज़
प्रेम, जुदाई, बदला , परोपकार, एवं शिक्षाप्रद कहानियां हैं इस पुस्तक में, एक बार अवश्य अवलोकन करें 🙏
मैंने,मुंगेरी अल्फाज़ भाग- ३ पर,आज़ से काम करने का मन बनाया है।ईश्वर की कृपा रही तो जल्दी ही इसे पूरा करूंगी। बाकी पाठकों पर भी निर्भर करता है कि वो कितना प्रेम,मेरी इस नई काव्य संग्रह को देना चाहेंगे। धन्यवाद आप सभी का,उम्मीद है कि आप सभी का प्रगाढ़
मेरी कहानियां मेरे बच्चे हैं और क्या कहूं।
रोचक व हृदय स्पर्शी कहानी एक मानसिक विक्षप्त लड़की की
ये कहानी एक ऐसे विषय पर हैं.... जिस विषय पर हम आज तक खुलकर किसी से बात नहीं कर सकते..। इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं पर विषय हमारे समाज में चल रहें एक बेहद विचारणीय मुद्दे पर हैं...। आपका सहयोग और प्यार बनाएं रखें...। कुछ आपत्तिजनक लगे तो कृ
सुन्दरी नाम की एक लडकी के जीवन की समस्त घटना का उल्लेख इस किताब में किया गया है। जो बहुत हीं सुंदर रहती हैं। जिस वजह से उसका नाम सुंदरी पड़ा है। क्या कारण है कि सुंदरी के पिता को नशे ने जकड़ लिया । आखिर सुंदरी के पिता क्यों सुंदरी को पसंद नहीं करते
बेटियां
औरत जननी है, पत्नी है, मां है ,बेटी है पर क्या उसे वो अधिकार मिलते है जो उसे मिलने चाहिए। क्या वो रिश्तों नातों को निभाते निभाते हुए अपना वजूद खो देगी ।आईये इन कहानियों के माध्यम से जाने।
श्रद्धा एक साधारण परिवार की लड़की है । उसका हमेशा से यह इच्छा थी कि उसे भी उसके घर वाले प्यार करे । जब वो देखती की लोग अपने बच्चों से प्यार से बात कर रहे है , उनके लिए अच्छी - अच्छी चींजे लाये है , तो वो ये देखकर उदास हो जाती थी , और सोचने लगती थी क
आधुनिक काल में जो विमर्श हाशिये पर थे, उन्हें उत्तर आधुनिकतावाद ने केन्द्र में स्थापित कर दिया है। चाहे दलित विमर्श हो या स्त्री-विमर्श, दोनों ने ही न केवल अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करायी है
मिठाई व सुहाग के सामान सरगी
आखिर क्यों ?? जो किशोरवर्ग की हर नव युवती के मन में उठते झंझावातों के सवालों का जवाब तर्क-वितर्क के साथ सरल भाषा-शैली में कहानी के रूप में तारतम्यता के साथ तर्क की कसौटी में कस , सुलझाती हुयी , हमारे समाज में दो विचारधारा के लोग हैं एक आधुनिक कहे