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सुहाना सफर

5 सितम्बर 2022

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दोपहर का वक्त था , में वे मेरी माँ तय समय पर रेलवे स्टेशन पर पहुँच गए व अपना सामान लेकर प्लेटफार्म नम्बर 2 पर पहुँच कर बैंच पर बैठ गए. बस अब हमें बड़ी बेशब्री से इंतजार था ट्रैन के आने का . हम अभी चहल कदमी कर ही रहे थे कि एक पंजाबी परिवार भी आया जो कि उसी ट्रैन से सचखंड गुरुद्वारे मथा टेकने जा रहा था. ट्रैन सायरन बजाते हुए अपने प्लेटफार्म पर आई हमने व उस परिवार ने अपना अपना सामान ट्रैन में चढ़ाया . अपना अपना सामान व्यवस्थित करके जैसे ही अपनी अपनी सीटो पर बैठे तो क्या देखते है कि वो पंजाबी परिवार हमारी बगल की सीटों पर ही बैठा है. ट्रैन अपने गंतव्य की तरफ चली व इधर में वे मेरी मम्मी अपने अपने मोबाइल में व्यस्त हो गए . अभी थोड़ा सा वक्त ही गुजरा था कि उनकी तरफ से एक दादी जी ने अपनी तरफ से बात चीत शुरू की व हमसे पुछा की कहा जा रहे हो , कहा से हो , फिर वही सवाल हमने उनसे पूछे और ऐसे करते करते बात चीत का दौर शुरू हो गया . बातों ही बातो में पता चला कि वो सचखंड गुरुद्वारे जा रहे है अरदास करने , काफी समय से उनके घर मे किसी भी लड़की से जन्म नही लिया था तो लड़की के जन्म की अरदास करने जा रहे थे , जबकी मेरा तो वहाँ ननिहाल है . कुछ स्टेशन गुजरते गुजरते हम उनके व वो हमारे परिवार के अभिन्न अंग बन चुके थे. उनके खाने के सामान में , बातों में बस हम ही हम थे. सफर में आए बुजुर्ग अपने अनुभव सुनाते तो हम उम्र मस्तियों की कहानिया सुनाते , वही महिलाओं ने खाने की नई - नई विधियां बताई तो छोटे बच्चों ने शैतानियों के नए नए तरीके . और इन सब मे पता ही नही चला कि कब ट्रैन अपने गंतव्य पर पहुँच गयी व कब हम अपने स्थान के लिए व वो अपने स्थान के लिए प्रस्थान कर गए . कुछ इस तरह वो सफर हमेशा के लिए हमारे दिलों दिमाग पर एक गहरी छाप छोड़ गया.

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रचनाएँ
अनुभव
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इस किताब के माध्यम से आपको मेरे अनुभवों के बारे में जानने के लिए मिलेगा , जिसको मेने कहानियों के रूप में प्रस्तुत किया है.
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सुहाना सफर

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5 सितम्बर 2022
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शाम को अपना काम खत्म करके ऑफिस सेनिकलने के लिये पार्किंग मे आया व अपनी बाइक स्टार्ट करके निकला .अभी मुश्किल से 100 मीटर हि चला होगा कि पहले चौराहे पर हि रेड सिगनल हो गया और नियमानुसार जैसे कि सभी कि ग

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15 जनवरी 2023
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