shabd-logo

उपन्यास की किताबें

आहिल

अगर कुएँ में पत्थर फेंकने की ख़ुशी पानी है तो कुछ कबूतरों की ज़िंदगी तो हराम करनी ही पड़ती है—किसी मासूम बच्चे को ऐसे विचारों और सिद्धांतों तक पहुँचने में कितना दर्द और कितनी नफ़रत लगती है उसका आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते। आहिल एक छोटे-से गाँव के एक

61 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
3 अध्याय
16 मार्च 2023
अभी पढ़ें
173
प्रिंट बुक

चौरासी 84

‘चौरासी’ नामक यह उपन्यास सन 1984 के सिख दंगों से प्रभावित एक प्रेम कहानी है। यह कथा नायक ऋषि के एक सिख परिवार को दंगों से बचाते हुए स्वयं दंगाई हो जाने की कहानी है। यह अमानवीय मूल्यों पर मानवीय मूल्यों के विजय की कहानी है। यह टूटती परिस्थियों मे भी प

5 पाठक
1 लोगों ने खरीदा
3 अध्याय
4 मई 2022
अभी पढ़ें
149
प्रिंट बुक

हिमयुग में प्रेम

"जिन्दा रहने के संघर्ष के साथ 32000 साल पहले मनुष्य के होंठों ने खाने और बोलने केअलावा होंठ-चुंबन किया। सहवास की अवधारणा के साथ संसार का पहला प्रेम और पहले परिवार की परिकल्पना भी शुरू हुई। संसार के पहले राज्य जंबू की स्थापना हुई और संसार को पहला सम्र

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
2 अध्याय
7 अप्रैल 2023
अभी पढ़ें
300
प्रिंट बुक

पूरब की बेटियाँ

‘पूरब की बेटियाँ’ किताब जिस पूरब को हमारे सामने लाती है, वह कोई दिशा नहीं, एक भौगोलिक-सांस्कृतिक क्षेत्र है। उसकी सामाजिक संरचना में बेटियों के क्या मायने हैं, क्या दर्जा है, शैलजा पाठक कथेतर विधा की अपनी पहली किताब में बहुत महीन ढंग से परत-दर-परत

3 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
2 अध्याय
21 मार्च 2023
अभी पढ़ें
199
प्रिंट बुक

 द प्रोफेट

जब आप दुःखी होते हैं तो फिर एक बार अपने हृदय में झाँकिए और आप देखेंगे कि वास्तव में आप उस चीज के लिए रो रहे हैं, जो आपकी खुशी का स्रोत था। आपमें से कुछ लोग कहते हैं, 'दुःख से बड़ा सुख होता है,” और दूसरे लोग कहते हैं, “नहीं, दुःख उससे भी बड़ा है। लेक

1 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
2 अध्याय
8 अप्रैल 2023
अभी पढ़ें
200
प्रिंट बुक

बूढ़ा आदमी और समुद्र

बूढ़ा आदमी और समुद्र' उपन्यास एक बूढ़े गरीब मछुआरे के जीवन-संघर्ष की कहानी है। मछली पकडऩे जाना, मछली पकडऩे की कोशिश करना, उस कोशिश में कामयाब होना, फिर इस सफलता को अंजाम तक लाने की जद्दोजहद का नाम है 'बूढ़ा आदमी और समुद्र'। एक मछुआरे के जीवन-संघर्ष क

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
1 अध्याय
8 अप्रैल 2023
अभी पढ़ें
250
प्रिंट बुक

देवांगना

वैशाली की नगरवधू, वयं रक्षामः और सोमनाथ जैसे सुप्रसिद्ध उपन्यासों के लेखक आचार्य चतुरसेन के इस उपन्यास की पृष्ठभूमि बारहवीं ईस्वी सदी का बिहार है जब बौद्ध धर्म कुरीतियों के कारण पतन की ओर तेज़ी से बढ़ रहा था। कहानी है बौद्ध भिक्षु दिवोदास की, जो धर्म

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
18 मई 2022
अभी पढ़ें
175
प्रिंट बुक

औघड़

‘औघड़’ भारतीय ग्रामीण जीवन और परिवेश की जटिलता पर लिखा गया उपन्यास है जिसमें अपने समय के भारतीय ग्रामीण-कस्बाई समाज और राजनीति की गहरी पड़ताल की गई है। एक युवा लेखक द्वारा इसमें उन पहलुओं पर बहुत बेबाकी से कलम चलाया गया है जिन पर पिछले दशक के लेखन में

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
2 अध्याय
5 मई 2022
अभी पढ़ें
249
प्रिंट बुक

कालदण्ड

प्रेमपूर्वक कठोर झिड़की भी दी है। अब, कि जब सचमुच उनकी पुस्तक आ रही है, तो यह उनसे अधिक मेरे लिए हर्ष का विषय है। लोकेश रहस्य-रोमांच विधा में शानदार लिखते रहे हैं और उन्होंने अपने पहले उपन्यास "कालदण्ड" में एक अद्भुत रहस्यमय कहानी गढ़ी है। उम्मीद है कि

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
23 मार्च 2023
अभी पढ़ें
160
प्रिंट बुक

तितली

नई बात कहने की तलाश में किसी भी कहानी के पहले एक लंबी गहरी चुप होती है। हम उसे सन्नाटा नहीं कह सकते हैं। कोरे पन्ने और भीतर पल रहे संसार के बीच संवादों का जमघट लगा होता है। बहुत देर से चली आ रही चुप में संघर्ष नई बात कहने के आश्चर्य का चल रहा होता है

0 पाठक
1 लोगों ने खरीदा
3 अध्याय
21 मार्च 2023
अभी पढ़ें
249
प्रिंट बुक

 आर्यावर्त का शत्रु (रावण)

रावण मनुष्यों में विशालतम बनने, विजयी होने, लूटपाट करने, और उस महानता को हासिल करने के लिए दृढ़संकल्प है जिसे वह अपना अधिकार मानता है। वह विरोधाभासों, नृशंस हिंसा और अथाह ज्ञान से भरपूर व्यक्ति है। ऐसा व्यक्ति जो प्रतिदान की आशा के बिना प्रेम करता है

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
6 मई 2022
अभी पढ़ें
399
प्रिंट बुक

ख़नक (का इश्क़ )

"प्यार एक बेहद खूबसूरत अनुभूति है और इसका अहसास हमारे रोम-रोम में रोमांच भर देता है, जीने के प्रति और सजग कर देता है। हर पल एक खुमारी-सी छाई रहती है। उस वक्त सही- गलत कुछ समझ नहीं आता। बस एक ही व्यक्ति के आसपास जैसे सारी दुनिया सिमट आई हो। और कभी-कभी

2 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
2 अध्याय
24 मार्च 2023
अभी पढ़ें
200
प्रिंट बुक

बेदावा:  एक प्रेम कथा

रोचक अन्दाज़ में लिखा गया उपन्यास 'बेदावा' आँखों से न देख पानेवालों, ट्रांसजेंडरों और दग़ाबाज़ों की अनदेखी दुनिया के इश्क़ का फ़साना है। हमारे दौर की मज़हबी नफ़रतों और दुश्वारियों से भिड़ते उन लोगों की कहानी है जो हार नहीं मानते। यह किताबों और रौशनियों

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
28 मार्च 2023
अभी पढ़ें
160
प्रिंट बुक

अहेर

वरिष्ठ कथाकार संजीव का यह उपन्यास सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश की एक ऐसी गुत्थी हमारे सामने खोलता है, जो जितनी हैरतअंगेज़ है उतनी ही भयावह भी। मनुष्य ने लाखों साल पहले पेट की भूख शान्त करने के लिए शिकार अर्थात् अहेर करना शुरू किया था। लेकिन सभ्यता-संस्क

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
28 मार्च 2023
अभी पढ़ें
149
प्रिंट बुक

सवा छः प्रेम

जरा सोचिये क्या होगा अगर आपके पत्ते पर किसी ऐसे व्यक्ति की चिट्टी आ जाये . जिसे आप जानते ही ना हो। शायद आप इसे नजरंदाज कर देंगे लेकिन फिर दूसरी चिठ्ठी आगे पर एक वार को आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे क्या होगा अगर आप उन दोनों चिट्ठियों का जवाब लिख के भे

1 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
2 अध्याय
8 अप्रैल 2023
अभी पढ़ें
300
प्रिंट बुक

देहाती लड़के

यह एक ग्रामीण इलाके के लड़के रजत की कहानी है, जो गांव के स्कूल से पढ़कर अपनी उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ शहर में आता है। अधिकारी बनने की उच्च आकांक्षाएं, अपने शिष्टाचार में मामूली देसीपन, वह कॉलेज के आसपास अपने तरीके से संघर्ष करता है। शहर और कॉलेज उसका

8 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
2 अध्याय
20 मार्च 2023
अभी पढ़ें
299
प्रिंट बुक

मरंग गोड़ा नीलकंठ हुआ

महुआ माजी का उपन्यास ‘मरंग गोड़ा नीलकंठ हुआ’ अपने नए विषय एवं लेखकीय सरोकारों के चलते इधर के उपन्यासों में एक उल्लेखनीय पहलक़दमी है। जब हिन्दी की मुख्यधारा के लेखक हाशिए के समाज को लेकर लगभग उदासीन हों, तब आदिवासियों की दशा, दुर्दशा और जीवन संघर्ष पर

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
20 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
350
प्रिंट बुक

धर्मोरक्षति

महाभारत की कथा पर आधारित यह एक ऐसा उपन्यास है, जिसमें आचार्य जी ने कर्मयोग के महत्व को बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। राजनीति में पारंगत कर्मयोगी कृष्ण और भावना की साकार प्रतिमा राधा का जैसा चित्रण ‘धर्मोरक्षति’ में हुआ है,

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
18 मई 2022
अभी पढ़ें
250
प्रिंट बुक

कीमिया

आचार्य चतुरसेन एक ऐसे विद्वान् थे जिनका साहित्य क्षेत्र कहानी तथा उपन्यास तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्हें चिकित्साशास्त्र एवं रसायनशास्त्र की भी ख़ास समझ थी। उपन्यास का यह अंश इस विशेषता को पूर्णतः स्पष्ट करता जान पड़ता है- “कीमिया अर्थात् ‘रसायन’, भार

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
18 मई 2022
अभी पढ़ें
80
प्रिंट बुक

गिलिगडु

स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी कथा जगत में अपनी धारदार कहानियों के जरिये विशिष्ट पहचान बनाने वाली कथाकार चित्रा मुद्गल ने एक जमीन अपनी सरीखे उपन्यास से जो जमीन बनाई उसे आवां जैसे वृहद उपन्यास से और पुख्ता ही किया । सामाजिक चेतना से लैस उनके पात्र समकालीन जट

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
2 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
200
प्रिंट बुक

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए