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मुस्कान

14 नवम्बर 2021

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मुझको भी मुस्कुरा कर ज़रा देख लीजिए,
पल भर को नज़र इधर भी रोक लीजिए

यादें आपकी मुझे तन्हा नहीं रहने देती,
दिन तो गुज़र जाता रातें बिस्तर टटोल लेती

इस तरह बफा करोगे मुझसे कब तक
कहेगा ये ज़माना बेवफा हर तलक

मिटने को हैं तैयार मुस्कान पे मुहब्बत
सिर्फ़ आँखों से मुझे अपना कहोगे कब तक   !!

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