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विनीता अस्थाना मीडिया एकेडमिक्स के क्षेत्र में एक जाना माना नाम है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप, नेटवर्क 18 ग्रुप, दैनिक जागरण समूह, दैनिक जागरण संस्थान, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन सहित अन्य शीर्ष मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है। एक लेखक, ब्लॉगर, पत्रकार, शिक्षाविद्, अंतर्राष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ, मीडिया संबंध सलाहकार, प्रशिक्षक और विस्तार विशेषज्ञ के रूप में, विनीता की टोपी में कई पंख हैं। पत्रकारिता में परास्नातक विनीता ने करियर की शुरुआत जनसत्ता से की और दैनिक जागरण ग्रुप, नेटवर्क 18 ग्रुप के साथ भी काम किया है। टीवी उन्हें रास नहीं आया तो 2006 में विनीता ने सक्रिय पत्रकारिता को अलविदा कह दिया और पूरी तरह से अध्यापन के क्षेत्र में आ गईं। पिछले 17 सालों में वो कई नामी-गिरामी मीडिया संस्थानों में अध्यापन कर चुकी हैं। विनीता, कंसलटेंट के तौर पर नए संस्थानों की स्थापना और प्रासंगिक पाठ्यक्रम बनाने का कार्य भी करती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भारत को विश्व मानचित्र पर पहुँचाने के अपने सपने के ख़ातिर, अक्टूबर 2019 में उन्होंने आईआईएमसी छोड़ने के साथ ही अध्यापन पर भी अल्पविराम लगा दिया। फ़िलहाल वो शिक्षा मंत्रालय की प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना पर, आईआईटी में काम कर रही हैं। ख़ुद को न्यूज़ राइटर मानने वाली विनीता पठन और पाठन को लेकर बेहद संजीदा हैं। उनका काम उन्हें रोज़ नए किरदार और जीवित कहानियों से मिलने का अवसर देता है। ‘बेहया!’ उन्हीं जीवित कहानियों और किरदारों का एक अंश है।. वेबसाइट : https://vineetaasthana.in/

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बेहया

बेहया

हमारे देश में शादी और प्यार पर बॉलीवुड की बड़ी छाप है। लेकिन असल ज़िन्दगी सुनहरे परदे की कहानियों से बहुत अलग होती है। कई बार राम-रावण अलग-अलग नहीं होते बल्कि वक़्त और हालात के साथ एक ही व्यक्ति किरदार बदलता रहता है। ‘बेहया’ कहानी है सिया और यश की कामया

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