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कुमार विश्वास के बारे में

डॉ॰ कुमार का जन्म 1970 को बसंत पंचमी के दिन डॉ॰ चन्द्रपाल शर्मा के घर हुआ | इनका पैतृक गाँव पिलखुआ हैं जो उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद जिले में पड़ता हैं| विश्वास के पिता चन्द्रपाल चरण सिंह कॉलेज में प्रवक्ता रह चुके हैं| इनकी माताजी का नाम रमा शर्मा हैं| कुमार विश्वास ने आरम्भिक शिक्षा अपने गाँव पिलखुआ से ही प्राप्त की| पिलखुआ की वर्तमान आयु 51 वर्ष हैं| डॉ॰ कुमार का मन हिंदी साहित्य में अधिक था, इस कारण इन्होने हिंदी साहित्य में ग्रेजुएशन कर किया| इसी विषय में विशवास ने पीएचडी के लिए कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना विषय पर शोधकार्य आरम्भ किया| यदि आज डॉ॰ कुमार की कवि यात्रा को देखा जाए तो वे बेहद और सक्रिय साहित्यकार हैं| वे हिंदी पत्रिकओं के लिए लिखते हैं और अध्ययन भी करते हैं| कुमार विश्वास कविताओं के अतिरिक्त गीत और शायरी भी लिखते हैं| कई हिंदी सिनेमा की फिल्मों में इनके गानों को आजमाया जा चूका हैं| डॉ॰ कुमार हिंदी के वर्तमान समय के सबसे प्रसिद्ध कवि हैं, इन्टरनेट और सोशल मिडिया पर सबसे अधिक अनुसरण किये जाने वाले पहले कवि हैं| ये अक्सर कविता पाठ और कवि सम्मेलन में सक्रिय रहते हैं| हजारो की संख्या में डॉ॰ विश्वास ने देश विदेश के सम्मेलनों में हिस्सा लिया हैं| इन्होने भारत के अतिरिक्त अमेरिका, आबुधाबी, दुबई, सिंगापूर, ब्रिटेन, नेपाल जैसे देशो में भी कविता पाठ में हिस्सा लिया हैं| भारत में डॉ॰ विश्वास ने असंख्य कविता पाठों में भाग लिया हैं और ले रहे हैं| आधुनिक हिंदी के साहित्यकार नीरज जी ने इन्हे निशा-नियामक की उपमा दी हैं|

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कुमार विश्वास की पुस्तकें

बेस्ट ऑफ़ कुमार विश्वास

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हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि और लेखक कुमार विश्वास के सभी लोकप्रिय कविताएं और लेखों का यहां आपको संग्रह मिलेगा.

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कुमार विश्वास के लेख

अख़बार बना कर क्या पाया?

18 अक्टूबर 2021
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<div class="separator amp-wp-95ecdb5" data-amp-original-style="clear:both;text-align:center;" style=

मुझे तो हर घड़ी हर पल बहारों ने सताया है।

18 अक्टूबर 2021
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<div style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Tauri, sans-serif;">बताऊँ क्या मुझे ऐसे सहारों ने सताय

फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता।

18 अक्टूबर 2021
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<div style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Tauri, sans-serif;">सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नह

तुम्हारी याद का क्या है उसे तो रोज़ आना है

18 अक्टूबर 2021
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<div style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Tauri, sans-serif;">जहाँ हर दिन सिसकना है जहाँ हर रात

रंग दुनिया ने दिखाया

18 अक्टूबर 2021
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<div style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Tauri, sans-serif;">रंग दुनिया ने दिखाया है निराला देख

मद्यँतिका

18 अक्टूबर 2021
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<div style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Tauri, sans-serif;">माँ को देखा कि वो बेबस-सी परेशान स

इतनी रंग बिरंगी दुनिया

18 अक्टूबर 2021
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<div>इतनी रंग बिरंगी दुनिया, दो आँखों में कैसे आये,</div><div>हमसे पूछो इतने अनुभव, एक कंठ से कैसे ग

ओ मेरे पहले प्यार

18 अक्टूबर 2021
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<div style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Tauri, sans-serif;">ओ प्रीत भरे संगीत भरे!</div><div s

होली

18 अक्टूबर 2021
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<div style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Tauri, sans-serif;">आज होलिका के अवसर पर जागे भाग गुला

लड़कियाँ जैसे पहला प्यार.....

18 अक्टूबर 2021
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<div style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Tauri, sans-serif;">पल भर में जीवन महकायें</div><div s

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