shabd-logo

तीषु सिंह 'तृष्णा' के बारे में

मैं तीषु सिंह ‘तृष्णा’ कभी अपनी कल्पना उभारती हूँ, कभी अनुभव निखारती हूँ, कभी खुद के प्रेम में डूबती हूँ, कभी अहसासों में खोती हूँ, कभी खुद में जोश जगाती हूँ, कभी प्रेरणाऐं ढूँढती हूँ, कभी प्रार्थना में डूब जाती हूँ, कभी वेदनाओं का दर्द निभाती हूँ, कभी विचार आँकती हूँ, कभी उम्मीदें विचारती हूँ और अपनी इन्हीं भावनाओं को कविताओं और कहानियों के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत करती हूँ। मैं बहुत बड़ी लेखक या कवि तो नहीं हूँ पर मुझे महसूस होता है कि कविताएँ और कहानियां ही मेरी सोच और कल्पनाओं को शब्दों में पिरोकर आप सभी के समक्ष प्रस्तुत करने एक खूबसूरत माध्यम है। उम्मीद करती हूँ कि मेरी रचनाएँ चाहें वो कविताएँ हों या कहानियाँ आपको पसंद आएंगी। साहित्य से मुझे प्रगाढ़ प्रेम है और साहित्य से जुड़कर मुझे आत्मीय सुख की अनुभूति होती है।

पुरस्कार और सम्मान

prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-10-19
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-18
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-05-25

तीषु सिंह 'तृष्णा' की पुस्तकें

कुहरा

कुहरा

कुहरा किस्सा है खूबसूरत किरदारों का, किरदारों के जीवन के उतार-चढ़ाव का जब आँखों के आगे सिर्फ कुहरा नज़र आता है और जीवन संघर्ष बन जाता है | तो कुहरा कहानी है किरदारों के संघर्षों का, संघर्षों से निजात पाने वाले प्रयासों का और अनावरत प्रयासों से प्राप्त

63 पाठक
11 रचनाएँ
13 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 48/-

प्रिंट बुक:

158/-

कुहरा

कुहरा

कुहरा किस्सा है खूबसूरत किरदारों का, किरदारों के जीवन के उतार-चढ़ाव का जब आँखों के आगे सिर्फ कुहरा नज़र आता है और जीवन संघर्ष बन जाता है | तो कुहरा कहानी है किरदारों के संघर्षों का, संघर्षों से निजात पाने वाले प्रयासों का और अनावरत प्रयासों से प्राप्त

63 पाठक
11 रचनाएँ
13 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 48/-

प्रिंट बुक:

158/-

चंद कविताएं जीवन से जुड़ी

चंद कविताएं जीवन से जुड़ी

कविताओं का संग्रह है - चंद कविताएं जीवन से जुड़ी |

25 पाठक
31 रचनाएँ

निःशुल्क

चंद कविताएं जीवन से जुड़ी

चंद कविताएं जीवन से जुड़ी

कविताओं का संग्रह है - चंद कविताएं जीवन से जुड़ी |

25 पाठक
31 रचनाएँ

निःशुल्क

अमरावती के कारनामे

अमरावती के कारनामे

किस्सा है अमरावती का, वैसे अमरावती अभी तो 72 वर्ष की है पर यह घटना पुरानी है।

निःशुल्क

अमरावती के कारनामे

अमरावती के कारनामे

किस्सा है अमरावती का, वैसे अमरावती अभी तो 72 वर्ष की है पर यह घटना पुरानी है।

निःशुल्क

सुरीली - काव्य संग्रह

सुरीली - काव्य संग्रह

सुरीली एक काव्य संग्रह है,इसमें कथा को कविता के रूप में प्रस्तुत किया गया है...

15 पाठक
3 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 16/-

सुरीली - काव्य संग्रह

सुरीली - काव्य संग्रह

सुरीली एक काव्य संग्रह है,इसमें कथा को कविता के रूप में प्रस्तुत किया गया है...

15 पाठक
3 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 16/-

गांव की सुंदर बालिका

गांव की सुंदर बालिका

एक लघु कथा

8 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

निःशुल्क

चमड़े की चप्पलें अमरावती की

चमड़े की चप्पलें अमरावती की

किस्सा है अमरावती का, वैसे अमरावती अभी तो 72 वर्ष की है पर यह घटना पुरानी है।

6 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

चमड़े की चप्पलें अमरावती की

चमड़े की चप्पलें अमरावती की

किस्सा है अमरावती का, वैसे अमरावती अभी तो 72 वर्ष की है पर यह घटना पुरानी है।

6 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

किस्से दिशा के कैफ़े से

किस्से दिशा के कैफ़े से

आप इस कहानी की शुरुआत में ही चार खास किरदारों से मिलेंगे और किस्से और कहानियां इन किरदारों की इर्द-गिर्द ही होंगी - पहली दिशा, दूसरी अनोखी, तीसरी कमला और चौथा सूरज ।

5 पाठक
4 रचनाएँ

निःशुल्क

किस्से दिशा के कैफ़े से

किस्से दिशा के कैफ़े से

आप इस कहानी की शुरुआत में ही चार खास किरदारों से मिलेंगे और किस्से और कहानियां इन किरदारों की इर्द-गिर्द ही होंगी - पहली दिशा, दूसरी अनोखी, तीसरी कमला और चौथा सूरज ।

5 पाठक
4 रचनाएँ

निःशुल्क

हम आजाद हिंद के वासी है

हम आजाद हिंद के वासी है

आजादी की गाथा

4 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

हम आजाद हिंद के वासी है

हम आजाद हिंद के वासी है

आजादी की गाथा

4 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

सपनों को पाने के अरमान अब भी बाकी हैं

सपनों को पाने के अरमान अब भी बाकी हैं

सूंदर सपनों पर कविता

3 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

सपनों को पाने के अरमान अब भी बाकी हैं

सपनों को पाने के अरमान अब भी बाकी हैं

सूंदर सपनों पर कविता

3 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

वक्त

वक्त

वक्त सफर का साथी

2 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

वक्त

वक्त

वक्त सफर का साथी

2 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

और देखे

तीषु सिंह 'तृष्णा' के लेख

अमरावती और उसकी ब्लू साड़ी

28 फरवरी 2024
2
2

किस्सा है अमरावती का जो की अभी 72-73 वर्ष की है, पर यह किस्सा 2-3 साल पुराना है | किस्सा शुरू करने के पहले अमरावती छोटा सा परिचय जरूरी है | अमरावती के पति राम अमोल पाठक जी एक पब्लिकेशन हाउस के सम्पादक

हे शिव-शंकर !!

8 फरवरी 2024
1
1

सुख की खातिर मैं भटकी थी यहां-वहां पर हे शिव-शंकर सुख तो तेरे में साथ में जब भी नाम तुम्हारा जपती हूँ तो सुख सुनती हूँ अपनी ही आवाज़ में | सुकून की ख़ातिर भटकी थी

अमरावती की दी हुई सीख ही बनी उसकी सबक

5 फरवरी 2024
0
0

किस्सा है अमरावती का, किस्सा कोई बरसों पुराना नहीं बल्कि हाल-फ़िलहाल का है | अमरावती जो 72-73 वर्ष की हैं | अमरावती के पति राम अमोल पाठक जी प्रकाश पब्लिकेशन में एडिटर थे, बड़े ही सज्जन और ईमानदार व्यक्त

हे ईश्वर !

4 फरवरी 2024
0
0

हे ईश्वर ! आपने जो मुझे दिया उसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया | आज ये कविता जो मैंने लिखी है मेरा लक्ष्य सिर्फ एक ही है | मेरे मन में छपे और इस पन्ने पर लिखे अक्षरों को आप पढ़

दुनिया और दुनियादारी

4 फरवरी 2024
0
0

बड़ी अजीब है ये दुनिया अजीब-सी है दुनियादारी आधी दुनिया में फैली है भयंकर स्वार्थ की बीमारी स्वार्थ तो है ही भ्रम भी है अनंत काल तक जीने का खूबसूरत सा वहम भी है लोभ म

मन में कैद

4 फरवरी 2024
0
0

ना कोई ताला है ना कोई पिंजरा है तुम तो सिर्फ अपने मन में ही कैद हो ये जरूरी नहीं कि कि ऊंचे आकाश में पंख खोल उड़ जाओ पर कम से कम इतनी तो उन्मुक

मेरी चाह

4 फरवरी 2024
0
0

मेरी चाह ऐसे जीवन की है जैसा जीवन मेरे आँगन के पेड़ की अथाह पत्तियों का है … हवाएं चाहें गर्म हों या हों सर्द मदमस्त झूमती रहती है कड़ाके की धुप हो या हो बेतहाशा बारिश&nbsp

कलम की स्याही

4 फरवरी 2024
0
0

मैं लेखक वही लिखने को पन्ने भी वही पर मैंने अपने कलम की स्याही का रंग बदल दिया पहले जो कलम कोरे पन्नों पर कल्पनाएं सजाती थीं अब उन्हीं पन्नों पर यथार

दोस्त

4 फरवरी 2024
0
0

सुबह गुज़र गई है दिन अभी ढला नहीं और शाम आई नहीं तजुर्बा हमें भी तो कोई कम नहीं पर बुजुर्गों वाली वो खास बात अभी आई नहीं बीते चुके दौर ने इतना दिखा दिया&nbs

2024 जंक्शन

4 फरवरी 2024
0
0

धक्-धक् करती रेल हम जीवन अपनी पटरी है पटरी पर गाड़ी अपनी बस चलती रहती है कभी ये बाएं मुड़ती है कभी ये दाएं मुड़ती है पर गाड़ी तो पटरी पर बस चलती ही रहती है कभी लहर

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए