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आई बी अरोड़ा की पुस्तकें

आई बी अरोड़ा के लेख

अकेलो जाय रे

26 फरवरी 2022
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 अकेलो जाय रे  वाजिद के कुछ अमूल्य वचन फिर सांझा कर रहा हूँ.  टेढ़ी पगड़ी बाँध झरोखा झांकते  तांता तुरग पिलाण चहूँटे डाकते  लारे चढ़ती फौज नगारे बाजते  वाजिद ये नर गए विलाय सिंह ज्यूँ गाजते.  दो-दो

वाजिद वाणी

29 जनवरी 2022
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  वाजिद के विषय में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. शायद वह राजपुताना के रहने वाले एक गरीब पठान थे. ऐसी मान्यता है कि वाजिद एक बार शिकार करने गये. एक हिरणी का पीछा कर रहे थे. हिरणी अचानक उछली. पल भर के

लालची बंदर (बच्चों के लिए कहानी)

26 जनवरी 2022
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 एक नदी के किनारे एक मंदिर था. मंदिर के निकट ही एक विशाल पेड़ थे जिस पर बंदरों की एक टोली रहती थी. मोती उस टोली का सरदार था.  हर मंगलवार के दिन मंदिर में खूब भीड़ होती थी. उस दिन पास के गाँव के सभी ल

सहजो वाणी

23 जनवरी 2022
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 हमारे देश में मीरा बाई से लगभग सभी लोग परिचित हैं. उनके कुछ भजनों को तो शिक्षा संस्थानों ने पाठ्य क्रम में भी स्थान दिया है. परन्तु राजपुताना की और संत थीं जिनके विषय बहुत कम लोग जानते हैं. अधिकाँश

अपना भी नाम होगा (बच्चों के लिए कहानी)

16 जनवरी 2022
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 लंबू और छोटू चोर थे. परन्तु आजतक उन्होंने छोटी-मोटी चोरियाँ ही की थीं. इस कारण अन्य चोर उनका मज़ाक उड़ाते थे.  एक दिन छोटू ने लंबू से कहा, “भाई, नाम और दाम कमाने का सुनहरा अवसर मिल रहा है.”  “कैसे?

नए साहब का आदेश

5 जनवरी 2022
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 नए साहब नौ बजे ही कार्यालय पहुँच गये. उनका पहला दिन था और वह किसी को सूचना दिए बिना ही आ गये थे. लेकिन नौ बजे तक तो सफाई कर्मचारी भी न आते थे. निर्मल सिंह ही अगर नौ बजे पहुँच जाता तो वही बड़ी बात थ

ट्रेन

4 जनवरी 2022
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सारा दिन वह अपने-आप को किसी न किसी बात में व्यस्त रखता था; पुराने टूटे हुए खिलौनों में, पेंसिल के छोटे से टुकड़े में, एक मैले से आधे कंचे में या एक फटी हुई फुटबाल में. लेकिन शाम होते वह अधीर हो जाता था

सत्यमेव....... (तीन अंकों में समाप्य लंबी कहानी का अंतिम अंक)

30 दिसम्बर 2021
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<p> उसे ध्यान आया कि जब सहानी उससे बात कर रहा था उसे फोन पर किसी के हँसने की<br> आवाज़ भी

सत्यमेव....... (तीन अंकों में समाप्य लंबी कहानी का दूसरा अंक)

29 दिसम्बर 2021
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<p> वह स्तब्ध हो गया. वह तय न कर पाया कि रैना<br> साहब सत्य कह रहे थे या व्यंग्य कर रहे थे.&nbs

सत्यमेव....... (तीन अंकों में समाप्य लंबी कहानी का पहला अंक)

28 दिसम्बर 2021
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<p> “आज शाम को क्या कर रहे हो?” </p> <p>“कुछ ख़ास नहीं, सर.” </p> <p>“तो आज की शाम हमा

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