नई दिल्ली : यूपी में परिवहन विभाग के नियमों की धज्जियाँ उड़ाने में युवा ही नहीं बल्कि अखिलेश सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री भी पीछे नहीं हैं. जिसके चलते सत्ता के रौब में चूर राज्यमंत्री प्रवेंद्र यादव अपने आपको आगरा का सुलतान साबित कर कानून तोड़ते हुए नज़र आए. मंत्री जी की गाड़ी पर नंबर प्लेट की जगह ‘B O S S’ लिखा हुआ नज़र आया.
सीएम के मंत्री बने आगरा के सुलतान
दरअसल यूपी की ताज नगरी में पिछले कुछ महीनों से यहाँ के युवाओं में सुलतान बनने की होड़ मची हुई है. जिसके चलते कानून का ज्ञान न रखने वाले युवाओं के साथ सपा सरकार के मंत्री भी गाड़ी के नंबरों से खेल रहे हैं ताकि इनकी एक अलग पहचान बन सके. ऐसा ही आगरा में गाड़ियों की नंबर प्लेटों के साथ हो रहा है. यहां पर किसी ने 4141 नंबर को पापा लिखवा लिया है तो किसी ने 0420 नंबर मिलने पर उसे गाड़ी पर केवल 420 लिखवाया है. जिले के कई युवाओं ने गाड़ियों के नंबरों को बना लिया जिज्ञासा का सामान. कोई 2141 को ‘रामा’ लिखवाकर पुलिस और संभागीय परिवहन विभाग को चुनौती दे रहा है तो किसी ने 8085 को ‘बॉस’ लिखाकर खुद की दबंगई सरेआम की है. यही नहीं, 4141 वाले तो ‘पापा’ बनकर खुश हो रहे हैं तो एक गाड़ी वाले ने तो ‘बीवी’ को ही घोषित कर दिया ‘420’ की दुकान. अब तो पुलिस और एआरटीओ कार्यालय के अधिकारी ही ऐंठ पाएंगे अब इन आगराइट्स सुल्तानों के कान.
मंत्री ही नियमों की उड़ा रहे हैं धज्जियाँ
इसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन विभाग के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री प्रवेंद्र यादव आगरा में कानून तोड़ते हुए नज़र आए. मंत्रीजी की गाड़ी पर नंबर प्लेट की जगह ‘B O S S’ लिखा हुआ नज़र आया. पहली नजर में देखने पर मंत्रीजी की गाड़ी की नंबर प्लेट पर B O S S यानी बॉस लिखा नजर आता है. लेकिन मंत्री जी का कहना है कि ये B O S S नहीं बल्कि इस पर 8055 लिखा हुआ है. दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री प्रवेंद्र यादव फिरोजाबाद के रहने वाले हैं और कल आगरा डीएम ऑफिस में कुछ काम के लिए आए थे. उसी दौरान पत्रकारों की नजर गाड़ी के नंबर प्लेट पर पड़ी और बॉस की मंशा जाहिर हो गई.
गाड़ी की नंबर प्लेट को लेकर क्या हैं नियम
निजी गाड़ियों पर सफेद नंबर प्लेट पर काले रंग के अंक और शब्द दर्ज किए जाएं.
अंकों को छोटा बड़ा करके नहीं लिख सकते.
सिर्फ काले रंग का ही इस्तेमाल होना चाहिए.
भ्रामक तो बिल्कुल ही नहीं होना चाहिए.
मंत्री खुद उड़ा रहे हैं अपने विभाग की खिल्ली
लेकिन मंत्री जी की गाड़ी पर मानकों की धज्जियां उड़ा रही है. परिवहन विभाग के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री प्रवेंद्र यादव नेताजी के परिवार के रिश्तेदार भी हैं. शायद यही वजह है कि पुलिस की अब तक इस नंबर पर नजर नहीं पड़ी है. नंबर प्लेट को लेकर पहले भी यूपी से ही और खासकर समाजवादी पार्टी नेताओं की शिकायतें ही आती रही हैं, लेकिन जुर्माना की रकम काफी कम होने की वजह से नंबर के नियमों की धज्जियां उड़ती रहती है.