नई दिल्ली: राजस्थान के जयपुर में करीब ढाई महीने पहले हुए हिट एंड रन केस मामले में विधायक नंदकिशोर महरिया के बेटे सिद्धार्थ महरिया केस में अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। DNA रिपोर्ट से विधायक के बेटे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। DNA जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टेयरिंग व सीट पर मिला खून सिद्धार्थ का है और उसमें एल्कोहल भी मिला है। इसका मतलब ये हुआ की BMW सिद्धार्थ ही चला रहा था और वो भी शराब पीकर। इस रिपोर्ट के बाद ये साफ हो गया है कि सिद्धार्थ का ब्लड सैंपल बदला गया था।
बदली गई थी रिपोर्ट
इस घटना के बाद बताया गया था कि सिद्धार्थ की DNA रिपोर्ट में एल्कोहल नहीं आया। बता दें कि एफएसएल ने 12 अगस्त को रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें कहा था कि सिद्धार्थ ने हादसे के समय शराब नहीं पी रखी थी। यह रिपोर्ट हादसे के बाद लिए गए ब्लड सैंपल के आधार पर तैयार की गई थी।
BMW ने ले ली थी 3 लोगों की जाने
विधायक नंदकिशोर महरिया के बेटे सिद्धार्थ महरिया की BMW ने 1 जुलाई की देर रात करीब 1:17 बजे सेंट जेवियर चौराहे पर पहले एक ऑटो को टक्कर मारी, फिर ऑटो को घसीटते हुए पुलिस वाहन से कार जा टकराई। इस हादसे में ऑटो में सवार तीन जनों की मौत हो गई थी, जबकि दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस जांच में सिद्धार्थ के शराब पीकर गाड़ी चलाने की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने 4 जुलाई सोमवार को ब्लड सैंपल जांच के लिए एफएसएल को भेजे थे।
पुलिस ने किया था विरोध
एफएसएल की 12 अगस्त वाली रिपोर्ट का पुलिस ने विरोध किया था इसके बाद राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने मामले की जांच एफएसएल के डायरेक्टर बीबी अरोड़ा को सौंपी थी। अब एफएसएल ने सिद्धार्थ के डीएनए और ब्लड सैंपल की जांच के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। एफएसएल की रिपोर्ट का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा था कि उसके पास सिद्धार्थ के नशे में होने के सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, होटल के बिल, ब्रेथ एनेलाइजर की रिपोर्ट सहित कई सबूत हैं।
दो दिन बाद भेजा ब्लड सैंपल
पुलिस ने सिद्धार्थ का ब्लड सैंपल हादसे के तुरंत बाद ले लिया था, लेकिन उसे 2 दिन बाद एफएसएल को दिया गया। सवाल ये उठा कि आखिर दो दिन का गैप क्यों दिया गया। सवाल था कि इन दो दिन में ही तो ब्लड नहीं बदल दिया गया? बता दें कि हादसे के समय 1 जुलाई को एसएमएस हॉस्पिटल में रात 2.30 बजे सिद्धार्थ का ब्लड का सैंपल लिया गया था और 4 जुलाई सोमवार को सैंपल जांच के लिए एफएसएल को भेजा गया था।
विधायक का दबाव?
कई लोगों का कहना है कि इस मामले में निर्दलीय विधायक नंदकिशोर महरिया सियासी दबाव डाल रहे हैं। हालांकि, हादसे के बाद ही विधायक नंदकिशोर ने कहा दिया था कि वे इस मामले में किसी तरह का कोई दबाव नहीं बना रहे हैं। उन्हें पुलिस और न्याय प्रणाली पर पूरा विश्वास है।