लखनऊ : कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को आज रायबरेली में बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. रैली को संबोधित करने पहुंचे अमित शाह को उनकी ही पार्टी के बागी हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए. जिसके चलते बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं से झंडे दिखा रहे लोगों के साथ धक्का मुक्की भी हुई. हालाँकि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत कराया गया. इधर लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी पुराने कन्डीडेटों को नजरअंदाज किये जाने से पार्टी को जगह-जगह पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
शाह मांग रहे थे वोट, हो गया विरोध
सूत्रों के मुताबिक रायबरेली जिले के प्रत्याशियों के समर्थन में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह रैली संबोधित कर वोट मांगने गए हुए थे. लेकिन जैसे ही रैली को वो संबोधित करने चले पूर्व बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ रैली स्थल पर पहुँच कर हूटिंग करना शुरू कर दिया और उन्हें काले झंडे दिखाए. इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की हुई. बताया जाता है कि बीजेपी में पार्टी के पुराने नेताओं के काटे गए टिकट को लेकर पार्टी कार्यकर्ता और उनके नेता नाराज हैं.
वित्तमंत्री अरुण जेटली की बात ठेंगे पर
दरअसल बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर सूबे की राजधानी लखनऊ से लेकर कई जिलों में यही स्थिति बनी हुई है. मालूम हो कि यूपी के कन्डीडेटों की तैयार की गयी पहली सूची को लेकर इसीलिए दोबारा सूची तैयार की गयी थी. इतना ही नहीं प्रदेश में अमित शाह के खास सिपाह सालार संग़ठन मंत्री सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या द्वारा तैयार की गयी सूची को लेकर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बीजेपी कार्यकारणी की दिल्ली में हुई बैठक में ये बात साफ तौर पर कही थी कि पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को नजरंदाज न किया जाये. बावजूद इसके इन दोनों नेताओं ने अपनी मनमानी बरती. जिसके चलते पार्टी के शीर्ष नेताओं को अपनी रैलियों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
क्या कहना है बीजेपी महिला मोर्चे की कार्यकर्ताओं का ?
और तो और राजधानी लखनऊ की पूर्वी विधानसभा सीट को लेकर भी पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी विरोध है. आपको बता दें की बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले इस विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी सांसद लालजी टंडन के बेटे को टिकट देकर मैदान में उतारा गया है. लेकिन सालों से बीजेपी की सेवा में लगे कार्यकर्ताओं को ही नाराज कर दिया गया है. इस विधानसभा सीट के इंदिरा नगर वार्ड से बीजेपी के टिकट पर पार्षद का चुनाव लड़ चुंकी अंजू चंदानी का कहना है की एक तो पार्टी ने दगे हुए कारतूस गोपालजी टंडन को मैदान में उतारकर बहुत गड़बड़ किया है. आरोप हैं कि जब से पार्टी की कमान अमित शाह ने केशव प्रसाद मौर्या को सौंपी है, तभी से पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को नजअंदाज किया जा रहा है. जिसके चलते बीजेपी के प्रति उनकी नाराजगी है. इसी तरह बीजेपी महिला मोर्चे की कार्यकर्ता गीता चौबे का कहना है कि पार्टी में भीतर ही भीतर कलह मची हुई है, खुद वह ही नहीं अन्य कार्यकर्ता भी बीजेपी से इसीलिए नाराज हैं. फिलहाल बीजेपी की ये दोनों कार्यकर्ता इन दिनों बसपा के कन्डीडेट सरोज शुक्ला के लिए टिकट मांग रही हैं. बहरहाल पार्टी में पड़ी इस फूट से बीजेपी को कई स्थानों पर विरोध ही नहीं बल्कि नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.