यूपी में परीक्षाओं तथा वैकेंसी की बात हुई, तो गरियाओ मोदी को।
(बाद में यह साबित हुआ कि बीजेपी ने यूपी में सबसे ज़्यादा और सबसे निष्पक्ष वैकेंसी निकाली गई।)
पुलवामा हुआ, बालाकोट हुआ, सबूत माँगो और गरियाओ मोदी को। (बाद में खुद पाकिस्तान ने कबूल कर लिया।)
चीन तिलमिलाकर आग उगल रहा है और पूरी दुनिया में उसकी किरकिरी मच चुकी है, लेकिन पहले गरियाओ मोदी को।
राम मन्दिर पर "मन्दिर वहीं बनाएँगे लेकिन तारीख नहीं बताएँगे" कहकर रोज़ चिढ़ाने वालों को भी अब उत्तर तथा तारीख मिल गई, लेकिन पहले गरियाए खूब मोदी को।
ऐसे ही कश्मीर का 370, तीन तलाक आदि मुद्दे पर भी थूक-थूककर अपना ही चाटे लोग, लेकिन फिर भी पहले तो गरियाओ मोदी को।
इतने बड़े-बड़े मुद्दे को इतने दमदार तरीके से हल कर देने वाला क्या कँगना और अर्णव के मामले में कुछ नहीं किया होगा? ये लोग अपने अकेले दम पर एक पूरी स्टेट की सरकार से भिड़ गए? सीरियसली? क्या अपने दम पर? लेकिन आपको क्या? आप पहले गरिया लो मोदी को।
आप थाली के बैंगन हैं। आप वो भेड़ें हैं जिनको कोई भी औने-पौने दिमाग वाला इंसान बहकाकर हाँक ले जाता है। न आपमें बुद्धि है, न विवेक। न आपमें साहस है किसी बात को खुलकर कहने का, और न ही अपने ही कल के विचारों पर दृढ़ रहने की चारित्रिक दृढ़ता।
आप रीढ़ विहीन केंचुए हैं बस, और कुछ नहीं।
आप पश्चिम बंगाल में मारे गए बीजेपी के कार्यकर्ताओं के नाम पर अब मोदी को गरिया रहे हैं। मतलब कि आपको किसी न किसी बहाने गालियाँ ही बकनी हैं। क्या करना चाहिए मोदी और अमित शाह को? आप बताइए? आप राय दीजिए।
आपने सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग सोची थी? आपने 370 हटाने के लिए खाका खींचा था? आपको पता था कि मन्दिर कब बनना है? आपको पता है कि पश्चिम बंगाल में क्या करने से क्या असर हो सकता है? आपको कल्याण सिंह के द्वारा बाबरी के ढाँचे के गिरने के समय की याद है? कि कैसे आपने ही बीजेपी के पाँव उखाड़ दिए उसके बाद यूपी से दशकों तक के लिए?
नहीं, आपको कुछ याद नहीं है। क्योंकि आप केवल "आज" में जीने वाले व्यक्ति हैं। पशु भी केवल "आज" में जीते हैं। उनको भी मतलब नहीं होता है कि आज कौन सा मालिक उनको अपने अन्न का पहला कौर उनको "अर्पण" करके उनका पैर छूने वाला है, और कौन कसाई उनको खरीद कर ले चला है। पता लगाने की बुद्धि होती, तो वहीं कसाई को रौंदकर उसके पेट में सींग घुसेड़ देते, और लौटकर अपने पुराने पालनहार के घर आ जाते।
ऐसे ही आपको भी कुछ नहीं पता चलता।
क्यों भई? आपको हर बात बताकर ही मोदी और शाह प्लानिंग किया करें? तब आप खुश होंगे?
काँग्रेस के कार्यकाल में काँग्रेसियों की हत्या नहीं हुई? अभी नक्सलियों ने काँग्रेस की सरकार में ही काँग्रेस के एक राज्य के सारे बड़े-बड़े नेताओं को बारूद से उड़ा दिया। क्या उखाड़ लिया काँग्रेस ने उनका?
तब आपने काँग्रेस को गाली बकी थी? नहीं! तब आप भूसा-खली खाने में मगन थे। अब जब मोदी ने आकर आपको यह सोचने-विचारने की ताकत दे दी, तो आप अपने पालनहार पर ही चढ़ दौड़ रहे हैं ज़रा-ज़रा सी बात पर।
ये जो कबीले के धर्म वाले लोग हत्याएँ, जिहाद तथा लव जिहाद करते हैं, उनके बड़े नेता आकर चाकू पकड़ाते हैं उनको? या वे खुद कर देते हैं? आपके मुहल्ले में झगड़ा हो जाये किसी अशान्तिदूत से, तो उनका कोई बड़ा नेता आकर आपको पीटेगा या वही लोग आसपास से इकट्ठा होकर आपका काम तमाम कर देंगे? जैसे डॉ नारंग का किया था।
मुझे शक है आपकी मानसिक स्थिति पर। आप भरोसा करना नहीं जानते। आप बस एक लालची कीड़े हैं, जिसमें दिमाग तो है ही नहीं, रीढ़ भी नहीं है।
आप बस एक केंचुए हैं।
।। जय श्रीराम।।
।। अजीता द्विवेदी ।।