Ghanshyam Prasad
सारा बॉलीवुड सेना के जवानों को गाली देता है -
आज खुद को गटर कह दिया गया तो दर्द हो गया -
एक मछली को नहीं,
पूरे गन्दगी भरे तालाब को बचाने चले हो -
ये मैंने बहुत सोच समझ कर लिखा है कि सारा
बॉलीवुड हमारे सेना के जवानों को गाली देता है,
बॉलीवुड के लोग जब कहते हैं कि सेना के जवान
बलात्कार के सिवाय कुछ नहीं करते, तब
बॉलीवुड का कोई सितारा उन्हें टोकता नहीं -
इसका मतलब साफ़ है कि समस्त बॉलीवुड की
सेना के जवानों के लिए यही धारणा है --टुकड़े
टुकड़े गैंग का मुख्य सरगना, कन्हैया कुमार,
एक बार नहीं अनेक बार जवानों के लिए ये
घिनौनी भाषा बोल चुका है --
और उसे लोकसभा का चुनाव जिताने के लिए
जावेद अख्तर, शबाना आज़मी, स्वरा भास्कर
और अन्य नेता प्रचार करते हैं --किसी बॉलीवुड
के एक्टर ने कभी उसे नहीं टोका और ना
जावेद अख्तर और उसकी बेगम से सवाल
किया -
ऐसे ही शब्द बॉलीवुड में निर्देशक तपन बोस,
CAAके खिलाफ प्रदर्शन में पिछले दिनों जंतर
मंतर पर बोल कर गया था --इतना ही नहीं,
बॉलीवुड के वरिष्ठ कलाकार जीतेन्द्र की बेटी
एकता कपूर ने एक फिल्म में सेना के जवानों
की पत्नियों को चरित्रहीन दर्शाया था --
मगर आज ड्रग्स के लिए फसते हुए बॉलीवुड
को बचाने के लिए खड़ी हुई जया बच्चन,
उसका पति अमिताभ बच्चन और पूरे बॉलीवुड
का कोई एक्टर कुछ नहीं बोला -इसलिए मेरा
सोचना गलत नहीं है कि ये पूरा बॉलीवुड देश
के जवानों के लिए कितनी गन्दी सोच रखता है -
बॉलीवुड के लोग किसी के कोई हीरो नहीं हैं,
हमारे लिए असली हीरो हमारे देश की सीमाओं
पर खड़े हुए दुश्मनों से हमारी सुरक्षा करने वाले
हमारे जवान हैं जिन पर हमें गर्व है -
कहते हैं कि एक मछली सारे तालाब को गन्दा
कर देती है, लेकिन उस एक मछली को बाहर
निकालने की बजाय जया बच्चन ने गंदे तालाब
में ही रहना पसंद किया और सारे बॉलीवुड को
गन्दगी में रखना चाहती हैं --
जया बच्चन ने कभी मुलायम सिंह की उस बात
का प्रतिकार नहीं किया जिसमे उन्होंने बलात्कार
करने वालों के लिए कहा था -"लड़कों से गलती
हो जाती हैं" --
जया बच्चन को जिस बॉलीवुड की बदनामी की
चिंता हो रही है, उसी बॉलीवुड की जया प्रदा के
अंतरंग वस्त्रों पर अश्लील शब्द उसकी पार्टी के
आज़म खान ने जब कहे थे, तब इनके मुंह
में सीमेंट भरा हुआ था --
आज बॉलीवुड में जगजाहिर हो गया कि इसमें
अनेक कार्टेल बने हुए हैं जो किसी भी नापसंद
कलाकार को मार सकते हैं या आत्महत्या करने
के लिए मजबूर कर सकते हैं -ऐसे लोगों में कोई
संवेदना नाम की चीज़ नहीं है और ये लोग अब
सामने आ रहे हैं, लीडरशिप जया बच्चन ने दे
दी है इन्हे --
मगर जया बच्चन और उसकी सोच के बॉलीवुड
के लोगों और शिव सेना के नेताओं को याद रखना
चाहिए फिल्म वक्त में लिखे साहिर लुधियानवी के
गीत के शब्द --
"आदमी को चाहिए, वक्त से डर कर रहे,
कौन जाने किस घड़ी, वक्त का बदले मिज़ाज़"
वक्त से कल और आज, वक्त से दिन और रात,
वक्त की शह गुलाम, वक्त का हर शह पे राज"
इतना ही नहीं कविराज नीरज भी इन जैसे लोगों
के लिए कह गए हैं -
"वक्त ने कभी भी उनको नहीं माफ़ किया,
जिन्होंने दुखियों के अश्कों से दिल्लगी की है"
लेकिन नेकी करने वालों के लिए कह गए नीरज -
"किसी के जख्म को मरहम अगर दिया तूने,
समझ ले खुदा की ही तूने बंदगी की है"
अपने अपने कर्मों का फल सभी को जरूर
भुगतना पड़ता है, कब और कैसे, ये तो बस
प्रभु की इच्छा पर निर्भर होता है - उनके
डेबिट क्रेडिट खाते में बिलकुल गलती नहीं
होती --
(सुभाष चन्द्र)
"मैं वंशज श्री राम का"
17/09/2020