करतारपुर कोरिडोर ,और किसान आन्दोलन //
भारत मे किसान आंदोलन कर रहे कृषक संगठनों में से सिर्फ 2%, ही आन्दोल कर रहे 98% में से या तो सरकार से सहमति रखते हैं जिसमे भारत का सबसे बड़ा कृषक संगठन BKU भारतीय किसान यूनियन सरकार के समर्थन में है वही ज्यादातर अभी वेट एंड वाच की स्थिति में हैं , प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी किसान नही है बल्कि ISI इसी ऑपरेशन टोपैक का एक हिस्सा हैं जिन्हें शाहीन बाग के माड्यूल पर रन कराया जा रहा है , चलिये तथ्यों से बात करते हैं-
1.सामाजिक कार्यकर्ता अमजद मिर्जा ने 2019 में एक बयान देते हैं कि - पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी कश्मीर सीमा से आतंक नहीं फैला पाने से निराश हैं। वे भारत में अशांति फैलाने के लिए दूसरा रास्ता खोज रहे हैं। ऐसे में करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल किया जा सकता है।‘‘पाकिस्तान ने यह निर्णय अब क्यों लिया? उन्होंने कॉरिडोर 73 साल बाद क्यों शुरू किया? ऐसा इसलिए किया गया कि आतंक फैलाने के लिए कश्मीर के दरवाजे बंद हो चुके हैं। इसके बाद पाकिस्तानी सेना के प्रति आम लोगों में विश्वास कम हुआ। वे अब इस रास्ते खालिस्तानी आतंकवादियों को पंजाब की शांति बिगाड़ने भेजेंगे।’’ भारतीय मूल के अमजद मिर्जा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के सामाजिक कार्यकर्ता हैं। अमजद पाकिस्तान से निर्वासित हैं। फिलहाल स्कॉटलैंड के ग्लासगो में रहते हैं। न्यूज वेरिफिकेशन के लिए - https://www.bhaskar.com/.../pakistan-aims-to-spread...
2. इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन पर यूके ने 15 साल लगातार प्रतिबंध लगाकर रखा था, उस पर से दो साल पहले ही प्रतिबंध हटाया गया है। कनाडा में भी इस संगठन से प्रतिबंध हटाने के लिए जबरदस्त लॉबिंग चल रही है। पंजाब में 2016 व 2017 में लगातार इंडियन सिख यूथ फेडरेशन की सक्रियता जारी रही और पंजाब में कई बार आतंकवादी मॉड्यूल पकड़े गए, जिसमें चार जून 2017 को नवांशहर व मोहाली में भी गिरफ्तार हुए थे। आईबी व केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से लगातार आईएसवाईएफ के नेटवर्क पर होम वर्क किया गया।इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रधान लखबीर सिंह रोडे पाकिस्तान में आईएसआई के संरक्षण में अपना ऑपरेशन चला रहा है ये भिंडरवाला का भतीजा है । 1984 में संगठन ने यूरोप में अपने पैर पसारने शुरू किए और यूके में अपना संगठन तैयार किया। 1985 व 2001 में एयर इंडिया की उड़ानों में आतंकवादी घटना इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन की ओर से की गई थी। इसे देखकर 27 मार्च, 2001 को यूके ने इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन पर प्रतिबंध लगा दिया।
2002 में भारत में भी इस संगठन को आतंकवादी संगठन करार दिया गया और उस पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया। 2006 में आईएसवाईएफ की ओर से पाकिस्तान से भारी मात्रा में आरडीएक्स व अन्य हथियार जालंधर से बरामद किए गए। इसमें इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के चीफ भाई लखबीर सिंह रोडे का भतीजा जसविंदर सिंह भी गिरफ्तार किया गया था। पुलवामा हमले में RDX की सप्लाई का अंदेशा भी इसपर है न्यूज़ वेरिफिकेशन लिंक - https://m.hindustantimes.com/.../story...
#विशेष - पाकिस्तान ने 23 ऑक्टोबर 2019 में खुफिया एजेंसी आइएसआई, कश्मीर और खालिस्तानी आतंकियों को एक साथ मिलाकर भारत में अपनी आंतकी गतिविधियों को तेज करने को कहा , पाकिस्तान ने इसके लिए 'कश्मीर खालिस्तान रेफेरेंडम फ्रंट यानि Kashmir Khalistan Referendum Front (केकेआरएफ)' नाम से एक नया गुट बनाया ,कश्मीर खालिस्तान रेफेरेंडम फ्रंट के जरिए विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थकों और कश्मीरी अलगावादियो को एक साथ जोड़ने की भी कोशिश की जा रही थी ,यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन और दूतावासों के जरिए पाकिस्तान ऐसे ग्रुप्स को मजबूत करने में लगा हुआ था ,भारत ने जुलाई 2019 में ही में कहा था कि पंजाब में जनमत संग्रह की मांग को लेकर शुरू किया गया रेफरेंडम 2020 कुछ चुनिंदा सिखों द्वारा शुरू किया गया एक बोगस मुद्दा है, अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा था कि भारत से दुश्मनी रखने वाला हमारा एक पड़ोसी इस मुद्दे को हवा दे रहा है
रेफरेंडम 2020 के कर्ताधर्ताओं को पाकिस्तान का एजेंट करार देते हुए उन्होंने कहा था ये लोग हमारे पड़ोसी द्वारा समर्थन पाते हैं जो हमेशा से हमारे खिलाफ रहा है, ये लोग उसी देश के एजेंट है, ये लोग झूठा एजेंडा और प्रोपगैंडा फैलाते हैं, इससे पहले भारत सरकार ने पाकिस्तान को 23 पन्नों का एक डोजियर सौंपा था , इस डोजियर में बताया गया था कि खालिस्तान समर्थक किस तरह से पाकिस्तान में सक्रिय हैं और भारत में अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं, करतारपुर गलियारे पर बुलाई गई चर्चा के दौरान के भारत ने पाकिस्तान को यह डोजियर सौंपा था।।
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ये किसान आंदोलन नही है बस ISI और ISYF की सम्मिलित देश विरोधी गतिविधियां हैं जिनके प्रोपेगैंडा में फसकर आम जनमानस को सिर्फ नुकसान हो रहा है क्योंकि किसान फसल की बात करता है खेती किसानी की बात करता है ना कि जेल में बंद माओवादी नेता वरवर राव, गौतम नवलखा जैसे देश विरोधियों को रिहा करने की मांग करता है । सीएए आंदोलन के दौरान देशविरोधी बयान देने वाले शरजील इमाम के पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं जो खुद इनकी पोल खोल रहे और जो किसान शुरुआत में अनजाने में जुड़े थे वो पहले ही हट चुके हैं ।।
लेख के स्रोत अलग अलग लेखों से लिए गए है ,
https://www.bhaskar.com/national/news/pakistan-aims-to-spread-unrest-through-kartarpur-corridor-pok-activist-amjad-mirza-126118940.html