*कांग्रेस के चरित्र को समझने के लिये उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकेट फिलिप ने एक बर्ष पूर्व शानदार विश्लेषण किया।*
*जब कभी विपक्ष द्वारा जम्मू-कश्मीर की समस्याओं को हल करने के बारे में पूछा गया, तो कांग्रेस नेताओं का जवाब था, "हम अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना नहीं कर सकते।"*
*"मुस्लिम देश हमारे खिलाफ हो जाएंगे और हम पेट्रोलियम पदार्थोंं की आपूर्ति से वंचित हो जाएंगे ...।"*
*1971में जब सेना जम्मू-कश्मीर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आगे बढ़ रही थी, तो इंदिरा गांधी ने फील्ड मार्शल मानेकशॉ को सेना वापस पीछे लेने के लिए कहा। कारण बताया गया अंतरराष्ट्रीय दबाव ।*
*जब नरसिम्हा राव ने परमाणु परीक्षण की योजना बनाई, तो वह अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण वापस ले ली गयी*
*आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रूप से कार्यवाही करने की बात करते हुए, कांग्रेस नेताओं ने फिर से अंतरराष्ट्रीय दबाव का हवाला दिया और कहा कि हमें सिखाया गया है कि "हम मुस्लिम दुनिया का विरोध नहीं कर सकते।" ।*
*हर चुनाव के दौरान, स्थानीय नेता मतदाताओं से कहते रहे कि, अगर बीजेपी सत्ता में आती है, तो हमें बैल गाड़ियों पर यात्रा करनी पड़ सकती है, क्योंकि मुस्लिम दुनिया भारत को पेट्रोलियम आपूर्ति बंद कर देगी .... जो कि अंतर्राष्ट्रीय दबाव है।*
*कांग्रेस शासन में जब हमने ओपेक देशों के सम्मेलन को संबोधित करने के लिए की कोशिश की, तो हम पाकिस्तान की दखल के कारण अपमानित हुए। हमारे दूत को अपने होटल के कमरे में बैठना पड़ा, जबकि पाकिस्तानी दूत गर्व से बैठक में शामिल हुए। अंतर्राष्ट्रीय दबाव के मुखौटे में अपना अपमान छिपाते हुए हम वापस लौट आये।*
*जब वाजपेयी ने परमाणु परीक्षण किया, तो अंतरराष्ट्रीय दबाव हवा हो गया।*
*जब हमने सीमा पार से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रूप से कार्यवही की तो अंतरराष्ट्रीय के साथ साथ आंतरिक दबाव भी हवा हो गया।*
*अब जब जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बना दिया गया है और धारा 370 को निरस्त करके दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिये गए हैं तो अंतरराष्ट्रीय दबाव न केवल हवा हो गया बल्कि समर्थन तक हासिल हो गया।*
*जब हम ओपेक राष्ट्रों को संबोधित करने वाले थे, पाकिस्तान के दूत अपने होटल के कमरे में बैठे थे और हमारे विदेश मंत्री ने उस बैठक में गर्व से बात की और पाकिस्तान.बैठक में शामिल हुए बिना, अपमानित होकर वापस लौट गया अब अंतरराष्ट्रीय दबाव कहाँ गया?*
*जब भारत ने बालाकोट में सीमा पार आतंकवादियों पर हमला किया, तो कोई भी मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा नहीं हुआ लेकिन, कई मुस्लिम देशों ने भारत का खुलकर समर्थन किया। कृपया याद रखें, इजरायल और मुस्लिम दुनिया दोनों ने मिलकर भारत का समर्थन किया। वहाँ भी, अंतर्राष्ट्रीय दबाव हवा हो गया।*
*जब हमने ट्रिपल तालाक को हटा दिया, तो भी अंतर्राष्ट्रिय दबाव वाष्पित हो गया।*
*मुस्लिम दुनिया, एक-एक करके भारतीय प्रधानमंत्री को उनके सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों से अलंकृत कर रही है तो विचार अवश्य किया जाना चाहिए कि अब अंतरराष्ट्रीय दबाव कहाँ गायब हो गया।*
*तो क्या कांग्रेस के शासन में अंतरराष्ट्रीय दबाव इतना हावी रहा?*
*क्या यह उनके नेताओं द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाजार में जमा किया गया बेहिसाब धन का दबाव था, जिसने उन्हें इतना कमजोर बना दिया? और इसे ही अंतरराष्ट्रीय दबाव कहा गया।*
*मुस्लिम दुनिया और पेट्रोलियम की घेराबंदी की वास्तविकता को छिपाने के लिए ही था?*
क्या आपको मेरे कथन में कोई संदेह नजर आता है. POSTED AS RECEIVED WITH THIS THOUGHT , IT SHOULD COME IN FRONT OF INDIAN PEOPLE. I HAVE NO POLITICAL MOTIVE. THANK YOU ALL
-एडवोकेट ए फ्रांसिस
।। Rahul Jariwala ।।