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अमृता प्रीतम के बारे में

अमृता प्रीतम का जन्म 31 अक्टूबर 1919 को गुंजनवाला, पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था। उनका बचपन लाहौर में बीता। जब वे 11 साल की थी तो उनके माता का निधन हो गया। इसलिए घर की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। 16 साल की उम्र में इनका पहला संकलन प्रकाशित हुआ। 1947 में विभाजन के दौरान उन्होंने विभाजन का दर्द सहा था और इसे बहुत करीब से महसूस किया था। इनकी कई कहानियों में आप इस दर्द को महसूस कर सकते हैं। विभाजन के बाद उनका परिवार दिल्ली में आकर बस गया। 16 साल की उम्र में इनका विवाह एक संपादक के साथ हुआ। यह रिश्ता उनके माता-पिता की इच्छा से तय किया गया था। लेकिन 1960 में इनका वैवाहिक जीवन तलाक के साथ टूट गया। अमृता प्रीतम की शुरुआती शिक्षा लाहौर से हुई थी। उन्होंने किशोरावस्था से ही कविता, कहानी और निबंध लिखने शुरू कर दिए थे। उनके 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। उनके कई महत्वपूर्ण रचनाएं देशी और विदेशी भाषाओं में उनका अनुवाद हो चुका है।

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अमृता प्रीतम की पुस्तकें

कविताएँ

कविताएँ

अमृता प्रीतम साहित्य जगत् में एक ऐसी ‘ शख्सियत रही हैं जिनकी लेखनी ने भाषाओं की सीमाओं को तोड़ा और यह प्रमाणित किया कि लेखक की ‘ शैली भाषा , बोली देश की सीमाओं में बाँधी नहीं रहती। स

11 पाठक
33 रचनाएँ

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अमृता प्रीतम साहित्य जगत् में एक ऐसी ‘ शख्सियत रही हैं जिनकी लेखनी ने भाषाओं की सीमाओं को तोड़ा और यह प्रमाणित किया कि लेखक की ‘ शैली भाषा , बोली देश की सीमाओं में बाँधी नहीं रहती। स

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अमृता प्रीतम की प्रसिद्ध कहानियाँ

अमृता प्रीतम की प्रसिद्ध कहानियाँ

अमृता प्रीतम (1919-2005) पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थीं। अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। उन्होंने 100 से अधिक पुस्तकें लिखीं, जिनमें सबसे अधिक चर्चित उनकी आत्मकथा 'रसीदी टिकट' रही। पद्म विभूषण व साहित्य अकादमी

7 पाठक
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अमृता प्रीतम की प्रसिद्ध कहानियाँ

अमृता प्रीतम की प्रसिद्ध कहानियाँ

अमृता प्रीतम (1919-2005) पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थीं। अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। उन्होंने 100 से अधिक पुस्तकें लिखीं, जिनमें सबसे अधिक चर्चित उनकी आत्मकथा 'रसीदी टिकट' रही। पद्म विभूषण व साहित्य अकादमी

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नौ सपने

नौ सपने

प्रेम और यौवन के धूप-छाँही रंगों में अतृप्त का रस घोलकर उन्होंने जिस उच्छल काव्य-बदिरा का आस्वाद अपने पाठकों को पहले कराया था, वह इन कविताओं तक आते-आते पर्याप्त संयमित हो गया है और सामाजिक यथार्थ के शिला-खण्डों से टकराते युग-मानव की व्यथा-कथा ही यहाँ

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नौ सपने

नौ सपने

प्रेम और यौवन के धूप-छाँही रंगों में अतृप्त का रस घोलकर उन्होंने जिस उच्छल काव्य-बदिरा का आस्वाद अपने पाठकों को पहले कराया था, वह इन कविताओं तक आते-आते पर्याप्त संयमित हो गया है और सामाजिक यथार्थ के शिला-खण्डों से टकराते युग-मानव की व्यथा-कथा ही यहाँ

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रोचक  कविताएँ

रोचक कविताएँ

कम उम्र में ही मां के चले जाने के कारण इन्हें जिम्मेदारियों को ना चाहते हुए भी उठाना पड़ा जिम्मेदारियों का भार और अकेलेपन के कारण इन्होंने कम उम्रमें ही लिखना शुरु कर दिया। इनकी कविताओं का पहला संकलन “अमृत लेहरन (अमर लहरें)” सन् 1936 में प्रकाशित हुई

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रोचक कविताएँ

कम उम्र में ही मां के चले जाने के कारण इन्हें जिम्मेदारियों को ना चाहते हुए भी उठाना पड़ा जिम्मेदारियों का भार और अकेलेपन के कारण इन्होंने कम उम्रमें ही लिखना शुरु कर दिया। इनकी कविताओं का पहला संकलन “अमृत लेहरन (अमर लहरें)” सन् 1936 में प्रकाशित हुई

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अमृता प्रीतम के लेख

एक सोच

1 अगस्त 2022
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भारत की गलियों में भटकती हवा चूल्हे की बुझती आग को कुरेदती उधार लिए अन्न का एक ग्रास तोड़ती और घुटनों पे हाथ रखके फिर उठती है चीन के पीले और ज़र्द होंटों के छाले आज बिलखकर एक आवाज़ देते ह

शहर

1 अगस्त 2022
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मेरा शहर एक लम्बी बहस की तरह है सड़कें - बेतुकी दलीलों-सी और गलियाँ इस तरह जैसे एक बात को कोई इधर घसीटता कोई उधर हर मकान एक मुट्ठी-सा भिंचा हुआ दीवारें-किचकिचाती सी और नालियाँ, ज्यों मुँह स

आत्ममिलन

1 अगस्त 2022
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मेरी सेज हाजिर है पर जूते और कमीज की तरह तू अपना बदन भी उतार दे उधर मूढ़े पर रख दे कोई खास बात नहीं बस अपने अपने देश का रिवाज है 

हादसा

1 अगस्त 2022
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बरसों की आरी हंस रही थी घटनाओं के दांत नुकीले थे अकस्मात एक पाया टूट गया आसमान की चौकी पर से शीशे का सूरज फिसल गया आंखों में ककड़ छितरा गये और नजर जख्मी हो गयी कुछ दिखायी नहीं देता दुनिया शा

याद

1 अगस्त 2022
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आज सूरज ने कुछ घबरा कर रोशनी की एक खिड़की खोली बादल की एक खिड़की बंद की और अंधेरे की सीढियां उतर गया… आसमान की भवों पर जाने क्यों पसीना आ गया सितारों के बटन खोल कर उसने चांद का कुर्ता उतार

एक मुलाकात

1 अगस्त 2022
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मैं चुप शान्त और अडोल खड़ी थी सिर्फ पास बहते समुन्द्र में तूफान था……फिर समुन्द्र को खुदा जाने क्या ख्याल आया उसने तूफान की एक पोटली सी बांधी मेरे हाथों में थमाई और हंस कर कुछ दूर हो गया हैरा

वारिस शाह से

1 अगस्त 2022
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आज वारिस शाह से कहती हूँ अपनी कब्र में से बोलो और इश्क की किताब का कोई नया वर्क खोलो पंजाब की एक बेटी रोई थी तूने एक लंबी दास्तान लिखी आज लाखों बेटियाँ रो रही हैं, वारिस शाह तुम से कह रही हैं

मणिया

3 मई 2022
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संध्या गहराने को थी, जब विद्या के पति जयदेव अपने काम से वापस आए, और विद्या ने घर का दरवाज़ा खोलते हुए देखा, उनके साथ एक अजीब-सा दिखता आदमी था, बहुत मैला-सा बदन और गले में एक लंबा-सा कुर्ता पहने हुए...

जंगली बूटी

3 मई 2022
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अंगूरी, मेरे पड़ोसियों के पड़ोसियों के पड़ोसियों के घर, उनके बड़े ही पुराने नौकर की बिल्कुल नई बीवी है। एक तो नई इस बात से कि वह अपने पति की दूसरी बीवी है, सो उसका पति ‘दुहाजू’ हुआ। जू का मतलब अगर ‘जू

बृहस्पतिवार का व्रत

3 मई 2022
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बृहस्पतिवार का व्रत’ कहानी उस ज़मीन पर खड़ी है, जिससे मैं वाकिफ नहीं थी। एक बार एक अजनबी लड़की ने आकर मिन्नत-सी की कि मैं उसकी कहानी लिख दूँ। और एक ही साँस में उसने कह दिया—‘मैं कॉलगर्ल हूँ।’ उसी से,

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