रचनाकार- मदन मोहन सक्सेना
विधा- कविता
प्यार रामा में है प्यारा अल्लाह लगे ,प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखे
प्यार बिन जीना दुनिया में बेकार है ,प्यार बिन सूना सारा ये संसार है
प्यार पाने को दुनिया में तरसे सभी, प्यार पाकर के हर्षित हुए हैं सभी
प्यार से मिट गए सारे शिकबे गले ,प्यारी बातों पर हमको ऐतबार है
प्यार के गीत जब गुनगुनाओगे तुम ,उस पल खार से प्यार पाओगे तुम
प्यार दौलत से मिलता नहीं है कभी ,प्यार पर हर किसी का अधिकार है
प्यार से अपना जीवन सभारों जरा ,प्यार से रहकर इक पल गुजारो जरा
प्यार से मंजिल पाना है मुश्किल नहीं , इन बातों से बिलकुल न इंकार है
प्यार के किस्से हमको निराले लगे ,बोलने के समय मुहँ में ताले लगे
हाल दिल का बताने हम जब मिले ,उस समय को हुयें हम लाचार हैं
प्यार से प्यारे मेरे जो दिलदार है ,जिनके दम से हँसीं मेरा संसार है
उनकी नजरो से नजरें जब जब मिलीं,उस पल को हुए उनके दीदार हैं
प्यार जीवन में खुशियाँ लुटाता रहा ,भेद आपस के हर पल मिटाता रहा
प्यार जीवन की सुन्दर कहानी सी है ,उस कहानी का मदन एक किरदार है
मदन मोहन सक्सेना
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मदन मोहन सक्सेना पिता का नाम: श्री अम्बिका प्रसाद सक्सेना संपादन :1. भारतीय सांस्कृतिक समाज पत्रिका २. परमाणु पुष्प , प्रकाशित पुस्तक:१. शब्द सम्बाद (साझा काब्य संकलन)२. कबिता अनबरत 3. मेरी प्रचलित गज़लें 4. मेरी इक्याबन गजलें मेरा फेसबुक पेज : ( 1980 + लाइक्स) https://www.facebook.com/MadanMohanSa
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