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चार डेरीया

1 जनवरी 2022

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एक राजा था उसके कोई पुत्र नहीं था राजा बहुत दिनों से पुत्र प्राप्ति के लिए आस लगाए बैठा था लेकिन पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई उसके सलाहकारों ने तान्त्रिक से सहयोग लेने को कहा तान्त्रिको की तरफ से राजा को सुझाव मिला कि यदि किसी बच्चे की बलि दी जाएं तो राजा को पुत्र की प्राप्ति हो सकती हैं राजा ने राज्य में डिडोरा पिटबाया की जो अपना बच्चा बलि चड़ाने के लिए राजा को  उसे राजा की तरफ बहुत सारा धन दिया जायेगा  एक परिवार में केई बच्चे थे गरीबी बहुत थी एक ऐसा बच्चा था जो ईश्वर पर आस्था रखता था तथा संतों के सत्संग मै अधिक समय देता था राजा मुनादी सुनकर परिवार को लगा क्यों न इसे राजा  दे दिया जाए क्यूंकि ये निकम्मा है कुछ कम दाम नहीं करता और हमारे किसी काम का नहीं है और इसे देने पर राजा प्रिसन होकर बहुत सारा धन देगा ऐसा ही किया गया बच्चा राजा दिया गया राजा ने बच्चे बदले बहुत सारा धन दिया  राजा के तान्त्रिक द्बारा बच्चे कि बलि देने कि तयारी पुरी हो गई राजा को भी  बुला लिया गया बच्चे से पूछा तुम्हारी आखरी इच्छा क्या है ये बात राजा ने बच्चे से पूछी  बच्चे ने कहा मेरे लिए रेत मांगा दी जाएं राजा ने बच्चे इच्छा पूरी कि जाएं बच्चे ने रेत के चार डेर बनाए  एक एक करके बच्चे ने तीन डेर तोड़ दिए और चोथे  के सामने हाथ जोड़कर बैठ गया और राजा से  बोला जो करना है जो आप लोग करले  ये सब देखकर तान्त्रिक डर गया  और उन्होने बच्चे से पूछा  पहले तुम ये बताओ की तुमने ये क्या किया  राजा ने भी ये पूछा तो बच्चे ने कहा  पहली डेरी मेरी माता पिता की थीं  मेरी रक्षा करना उनका कर्तव्य था परन्तु उन्होंने अपना कर्तव्य का पालन ने करके पैसे को लिए मुझे बेच दिया इसलिए मैंने ये डेरी दौड़

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