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राम नारायण प्रधान

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पुस्तक के भाग

1

गुलशन के फूल ये मेरे गुलशन के के फूल , प्यार करे तुम्हें गुरुकुल। खिलते रहना हँसते रहना । भले हो सारा जग प्रतिकूल । ये मेरे गुलशन के फूल । पापा कुछ सपने बोये हैं ,मम्मी प्यारे पल खोये हैतुम मंहकाना सपनो के फूल । ये मेरे उपवन के फूल ।प्यार करे...... गुरु की इच्छा पर चलना सदा परीक्षा पर पलना नवोदय है तेरा परिवार, गुरु है तेरे पालन हार , बनना प्यार के तुम अनुकूल । ये मेरे गुलशन के फूल, प्यार करे....... नियमों का तुम पालन करना, मेहनत से तुम कभी न डरना, प्यारी प्यारी बातें करना, सच्चाई पर कभी न डरना , नाज करे तुम पर गुरुकुल, ये मेरे गुलशन के फूल, प्यार करे........ हिल मिल कर सब साथ रहना , अपना पराया कभी न करना गलती अपनी ही ढुंढना, अच्छाई दूसरों की पढ़ना, बनना तुम मधुबन के फूल, ये मेरे गुलशन के फूल , प्यार करे...... ईश्वर पर करना विश्वास, हैं सुख दुख में तेरे पास, ऐसी कोई भूल न करना पड़े न सिर को नीचे करना बनो नवोदय के अनुकूल, ये मेरे गुलशन के फूल, प्यार करे तुम्हें गुरुकुल ।

29 जनवरी 2015
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यह कविता नवोदय विद्या.में पढ़। रहे बच्चों को प्रेरणा देने के लिए है।

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