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शायरी

27 जुलाई 2017

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न मुझे कभी प्यार हुआ है न कभी मुझे इकरार हुआ है, फिर भी न जाने मुझे किस बात का अंजाम मिल रहा है, न जाने हर वक्त किसे हर जगह ढूढ़ता फिर रहा हैं, फिर भी न जाने क्यों पता नही कऱ पा रहा कि कहाँ मेरा प्यार है, सबसे अलग और जुदा मेरा होने वाला यार है, कभी भी उसे दुःख न दूंगा ये उससे मेऱा करार है, हर वक्त हर घड़ी उससे मिलने को ये दिल बेकरार है, समय बीतता जा रहा कैसे बया करू की मेरा क्या हाल है, न कभी उससे मिला न कभी उसे देखा तब ये हाल है, अगर कही उससे मिल गया तो पागलो सा हाल है, क्यों मेरा खुदा मेरे सब्र की वेवजह परीक्षा ले रहा है, अगर टूट गया मै तो फिर मुझे भी सब्र कहाँ है, Line by:- shyam Omar sbo

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