शारदीय नवरात्र हिंदू धर्म में देवी दुर्गा की पूजा का एक प्रमुख पर्व है, जिसे शरद ऋतु में मनाया जाता है। यह पर्व नौ दिनों तक चलता है और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्र का यह रूप देवी दुर्गा की नौ शक्तियों का प्रतीक है, और हर दिन देवी के एक अलग रूप की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्र के दौरान उपवास, पूजा-पाठ, और धार्मिक अनुष्ठान का विशेष महत्व होता है। भक्तजन माता दुर्गा की आराधना करते हैं और उनसे शक्ति, साहस, और समृद्धि की कामना करते हैं। इन दिनों में घरों और मंदिरों में विशेष रूप से माँ दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना की जाती है और नौ दिनों तक भव्य पूजा-अर्चना की जाती है।
हे महाशक्ति , हे महाशक्ति , तू मेरी जगदम्बा।विपदाएं कैसी आन घिरी ,संकट हरती विलम्बा।।मनोकामना पूरी करे, मनसा देवी कहलाए।चिंताएं गर हरण करे, चिंतापूर्णी कहलाए।शुभकारी तू मंगलकारी, मां
हिमाचल की शैलपुत्री,धैर्य व शक्ति की मूर्ति महान,ब्रह्मचारिणी तप की देवी, देती अद्भुत ज्ञान वरदान।वीरस्वरूपा माँ चन्द्र घंटा, शत्रुओं का करती संहार,कूष्मांडा सृष्टि की जननी, मुस्कान से जग साकार।स्कंदम
हे माँ दुर्गा श्रोत्र व धारा , हे माँ दुर्गा तुम महाशक्ति स्वरूपा,हे नवरात्रि की नवो शक्ति माँ,हे माँ दुर्गा देर भई अब तुम्हें पुकारे,अब तो देखो हमारे मन के द्वारे,हे माँ अब तुम ना दे