shabd-logo

आईना ~ शैलेन्द्र गौड़

26 नवम्बर 2021

9 बार देखा गया 9

 आईना

विधा-  मुक्तक



 हक़ीकत बंया कर जाता हूँ,आईना जो ठहरा,

धोखे की चादर भी दिखती है,हो कितना पहरा!

अंजाम कुछ  हो मेरा मुझे परवाह नहीं उसका,

धर्म कर्म पर अपने मजबूती से गडा हूँ मैं गहरा!!


गुस्से में मुझे तोडते मै टुकड़ो में दिखाता सच्चाई,

बडे प्रिय लगते मुझे जिनमें होती है नेकी अच्छाई!

मै आईना हूँ बताता रहूंगा तुम्हे चीख चीख कर. ..,

चेहरे पे चेहरे लगाना छोडो, छोडो सब तुम बुराई!!


शैलेन्द्र गौड़

अम्बेडकर नगर (उत्तर प्रदेश)

Shailendar Gond की अन्य किताबें

1

शब्द मन के ~ शैलेन्द्र गौड़

26 नवम्बर 2021
2
3
2

<p>चाह में चाहत फीकी पड़ने लग गई,</p> <p>दिल में नजदीकियां खलने लग लगी!</p> <p>कभी विश्वास में कटती

2

आईना ~ शैलेन्द्र गौड़

26 नवम्बर 2021
2
2
0

<p> आईना</p> <p>विधा- मुक्तक</p> <p><br></p> <p><br></p> <p> हक़ीकत बंया कर जाता हूँ

3

वतन ~ शैलेन्द्र गौड़

27 नवम्बर 2021
1
0
0

<p><br></p> <p>हां रिश्ते नाते निभाता, प्यारा वतन!</p> <p>हां राष्ट्र गान है गाता, हमारा वतन!!</p> <

4

कलम ~ शैलेन्द्र गौड़

28 नवम्बर 2021
1
1
0

<p>कलम से लिखा गया भारत का संविधान,</p> <p>कलम हमारी जान कलम हमारी पहचान!</p> <p>कलम की ताकत बड़ी है

5

साधना नित करें ~ शैलेन्द्र गौड़

30 नवम्बर 2021
0
0
0

<p>साधना नित करें, कर सुंदर विचार!</p> <p>बोली मीठी करें , प्रेम भरा</p> <p> संसार!!</p> <p><br

6

अपने और बेगाने ~ ✍ शैलेन्द्र गौड़

1 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p><br></p> <p><br></p> <p> अपने और बेगाने में फर्क है बस इतना,</p> <p>बेगाने देते साथ अपने देत

---

किताब पढ़िए