सुंदर मारो सांवरो। मारा घेर आउंछे वनमाली॥ध्रु०॥
नाना सुगंधी तेल मंगाऊं। ऊन ऊन पाणी तपाऊं छे॥
मारा मनमों येही वसे छे। आपने हात न्हवलाऊं छे॥१॥
खीर खांड पक्वान मिठाई। उपर घीना लडवा छे॥
मारो मनमों येही वसे छे। आपने होतसे जमाऊं छे॥२॥
सोना रुपानो पालनो बंधाऊं। रेशमना बंद बांधूं छे॥
मारा मनमों येडी वसे छे। आपने हात झूलाऊं छे॥३॥
मीराके प्रभू गिरिधर नागर। चरनकमल बलहारु छे॥
मारा मनमों येही वसे छे। अपना ध्यान धराऊं छे॥४॥