रतन नवल टाटा एक प्रमुख भारतीय उद्योगपति, परोपकारी और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष हैं। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। रतन टाटा ने 1991 से 2012 तक टाटा समूह का नेतृत्व किया और अपने कार्यकाल में इसे वैश्विक मान्यता दिलाई। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए, जैसे कि टाटा स्टील द्वारा कोरस (2007) और टाटा मोटर्स द्वारा जगुआर-लैंड रोवर (2008)। रतन टाटा की सबसे बड़ी विशेषता उनकी विनम्रता और सादगी है, और वे अक्सर अपने परोपकारी कार्यों के लिए जाने जाते हैं। वे टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में भी बड़ा योगदान देते हैं। भारत सरकार ने उन्हें उनके योगदान के लिए पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) से सम्मानित किया।
रतन टाटा: भारतीय उद्योग का प्रतीक पुरुषरतन टाटा, भारतीय उद्योग जगत के एक ऐसे नायक हैं, जिन्होंने अपने नेतृत्व और सेवा-भावना से देश और समाज के प्रति एक अमूल्य योगदान दिया है। 28 दिसंबर 1937 को मुंबई मे
रतन नवल टाटा का निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए एक युग के अंत जैसा है। 86 वर्ष की उम्र में 9 अक्टूबर 2024 को उन्होंने अंतिम सांस ली, और उनके जाने से देश ने एक महान उद्यमी, समाजसेवी, और प्रेरक नेता खो दि
रतन नवल टाटा का निधन भारत और दुनिया भर में उद्योग जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जिसने अपनी लगन, मेहनत और समाज के प्रति जिम्मेदारी के भाव से न केवल टाटा समूह बल्
रत्न थे वो टाटा, भारत की शान, देश के विकास में उनका सदा योगदान। राष्ट्रवाद की मशाल, परोपकार की मिसाल, भारत माँ के सच्चे लाल, अद्वितीय थे बेमिसाल। औद्योगिक क्रांति के वो थे प्रेरणा स्रोत