दैनिक लेखन के लिए समर्पित
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बहुत प्रशंसनीय लेखन किया है आपने 👍🙏🙏
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ई दिल्ली: दिल्ली के जंतर मंतर पर नामी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. खिलाड़ी अपनी मांगों को लेकर दूसरे दिन भी धरने पर बैठे हैं. वहीं 4 पहलवानों का डेलीगेशन खेलमंत्री से म
आज का लेख का विषय दिल्ली में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर है।दिल्ली हमारे देश की राजधानी है और देश की राजधानी उस देश के आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक स्थिति का दर्पण होता है ।राजधानी में घटित हर घटन
आज के लेख का विषय ओपन माइक का महत्व है तो करते है इसके बारे में कुछ बात | वैसे तो मै कभी ओपन माइक इवेंट पर नहीं गया हूँ लेकिन ऑनलाइन सोशल मीडिया के माध्यम से देखता हूँ और उसे देखकर मेरा भी मन करता
आज का विषय पराक्रम दिवस देश के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वी जयंती है। भारत सरकार द्वारा साल 2021 से 23 जनवरी को हर साल पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया था। नेताजी सुभाष च
आज का विषय राष्ट्रीय बालिका दिवस वर्तमान समय में देश की बेटियों ने हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। प्रतिदिन देश की बेटियाँ हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर देश का नाम रोशन कर रही है। ऐसे
विविधताओं से भरे भारत में आपको हर स्थान, शहर और राज्य में एक नई संस्कृति, भाषा, पहनावा और परंपरा देखने को मिलती है। यहां के हर जगह की अलग कहानी और अलग मान्यता है। भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण ही यह
आज का विषय 2023 के पद्म पुरस्कार देश के 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई | 25 जनवरी की शाम को कुल 106 पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया, जिसमें छह पद्म विभूषण
आज का विषय: बलिदान दिवस भारत देश की भूमि पर अनेक महापुरुषों ने अपनी मातृभूमि को स्वतंत्र कराने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है | आज हम इस अमृतदायनी धरा पर आजादी की साँस ले रहे हैं जिसका सम्प
आज का विषय :- बजट से मिडिल क्लास की उमीदें भारत देश जहाँ हर तीन में से एक परिवार मध्यवर्गीय परिवार की श्रेणी में आता है तो वहां सबसे ज्यादा उम्मीदे उस देश के बजट स
जब एक लड़की की शादी होती है तो वह पत्नी बनने के साथ ही गृहिणी भी बन जाती है. लोग उस महिला को घर की मालकिन कहते हैं, गृहस्वामिनी कहते हैं, घर की कर्ता-धर्ता कहते हैं. असल में ये नाम और ओहदे इतने बड़े
है प्यार तो मेरी एक शर्त को मंजूर कर || बेशर्त हो प्यार ये शर्त भी मंजूर कर || हो कुछ दरमियाँ वास्ते तेरे मेरे, करके बयाँ अब हर कमी को दूर कर | वादों का एक कारवाँ लिखते हैं चल, जो लिख गया सो आज वो बदल
आज का विषय : उत्तर प्रदेश निवेशक जमा 2023 उत्तर प्रदेश सरकार, उत्तर प्रदेश निवेशकों को विकसित होने वाली उत्तर प्रदेश की अनुयायी के रूप में 2023 तक एक वार्षिक जमा कार्यक्रम शुरू करने जा रही है।
आज का विषय : भारत में पाया जाने वाला पहला लीथियम भण्डार जम्मू में लीथियम की खोज, भारत के उद्योगों और व्यापारों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। इससे पहले, भारत लीथियम की आपूर्ति के लिए भारत से बाहर में
आज का विषय : भारतीय सेना के लिए काला दिन : पुलवामा हमला 2019 का 14 फरवरी का दिन भारतीय इतिहास के सबसे दुखद दिनों में से एक रहेगा। उस दिन, कश्मीर के पुलवामा जिले में स्थित एक सुरक्षा कॉन्वॉय को ए
आज का विषय : अमूर्त याद एक कहानी के रूप में ....... याद ही एक ऐसी अनमोल संम्पत्ति होती है इंसान के पास जितना वह उसको इक्कठा करता है उतना धनवान होता जाता है एक आदमी अ
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने के पीछे कई कारण हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारण भगव
आज का विषय : केवल परिवर्तन ही स्थायी है एक कहानी के रूप में ..... एक नौ वर्षीय बालक काशी के मणिकर्णिका घाट की सीढ़ियों पर बैठा हुआ था | उसकी आँखों से निकले हुए आंसू जो आग की गरमाहट से सूख से गए थे
मातृभाषा का अर्थ : मातृभाषा का शाब्दिक अर्थ हैं, माँ की भाषा। जिसे बालक माँ के सानिध्य में रह कर सहज रूप से सुनता और सीखता है। ध्यान योग बात यह है कि मातृभाषा को बालक माता-पिता, भाई-बहन अन्य परिवार
आज का विषय :- विश्व एनजीओ दिवस - 27 फरवरी एनजीओ दिवस, जिसे राष्ट्रीय एनजीओ दिवस के रूप में भी जाना जाता है, विश्व एनजीओ दिवस की अवधारणा पहली बार 2010 में एक लातवियाई मानवतावादी मारसिस लियोर्स स
आज का विषय : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन भारत के महान वैज्ञानिक सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन मनाया जाता है। सर्वपल्ली राधा
आज का विषय : ख़ामियों में सुंदरता एक कहानी के रूप में .... छाया एक 24 साल की लड़की थी जो दिल्ली शहर में पैदा हुई थी और वह शुरू से ही काफी आत्मविश्वासी और तर्क-वितर्क करने में कुशल थी | छाया के परि
आज का विषय: विश्व वन्यजीव दिवसकहानी के रूप में...... दृश्य : जंगल के सबसे बड़े बरगद के पेड़ के नीचे सभी जानवर सभा के लिए उपस्थित हुए हैं | एक शाही पत्थर के ऊपर हरी हरी घास का आसन बनाया हुआ है और सभी जा
आज का विषय : निरंतरता ही सफलता की कुंजी है | कहानी के रूप में..... आज शुक्ला जी बेटा चार साल बाद घर वापस आ रहा है उनका बेटा विदेश में अपने कारोबार को स्थापित करने गया था और आज उनका बेटा (सार्थक)
आज का विषय : भारतीय शैक्षणिक डिग्रियों को ऑस्ट्रेलिया में मान्यता दी जाएगी भारत अपनी भविष्यवादी शिक्षा नीतियों के चलते दुनिया भर में अलग पहचान स्थापित कर रहा है। इसका ताजा उदाहरण भारत के दौरे पर
आज का विषय : चैटजीपीटी चैटजीपीटी एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) भाषा मॉडल है जो प्राकृतिक भाषा प्रोग्रामिंग (NLP) में उपयोग किया जाता है। यह GPT-3.5 आर्किटेक्चर पर आधारित है जो ओपन ला
खुशी एक ऐसी भावना है जो हमारे मन को संतुष्ट करती है और हमें जीवन के अनुभवों से खुश रखती है। यह हमारे मन और शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह हमें स्वस्थ और सकारात्मक बनाती है। खुशी के मनो
आज का विषय: अलविदा बचपनएक कविता के रूप में......खिलखिलाती सी एक उम्र को जी लियाएक मुस्कराहट से हर गम को पी लियाऊँगली थाम के अब कोई चलाता नहींयह बचपन फिर लौट कर आता नहींन भूख की चिंता थी और न थी कल की
आज एक पिता अपने मन की भावना को लिख रहा है है जिसने अपनी बेटी की दुर्दशा को शब्दों में व्यक्त किया है।नटखट सी थी वो थोड़ी, थोड़ी शैतान थी।बेटी नहीं थी वो मेरी नन्ही सी जान थी।थोड़ी सी थी वो चंचल थोड़ी
16 जून 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म आदिपुरूष आजकल खूब सुर्खियां बटोर रही है जिसके पीछे का कारण इसके पात्रों का चरित्र चित्रण और उनके द्वारा बोले गए डायलॉग हैं।फिल्म के टीजर के समय भी प
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली पिछले दो माह से सुर्खियों में है. ईडी अधिकारियों पर हमले के बाद अब टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर महिलाओं पर अत्याचार करने और उनका यौन उत्
गोपाल का जन्म हुआ, मथुरा नगरी आई बहार,कंस के कारागार में, छाया आनंद का संसार।यशोदा के नंदलाला, वसुदेव-देवकी के लाल,तोड़ दीं सब बेड़ियाँ, खुल गए बंदीगृह के ताल।कृष्णा की लीला न्यारी, माखन-चोर बन खेले र
सरिता एक घरेलू महिला थी ,सरीता के चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान होती थी। एक ऐसी मुस्कान, जिसे देखकर कोई भी कह सकता था कि वह दुनिया की सबसे खुशहाल महिला है। लेकिन उसकी मुस्कान का सच सिर्फ वही जानती थी। सरी
रतन नवल टाटा का निधन भारत और दुनिया भर में उद्योग जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जिसने अपनी लगन, मेहनत और समाज के प्रति जिम्मेदारी के भाव से न केवल टाटा समूह बल्
बहराइच में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा ने पूरे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। यह घटना तब शुरू हुई जब एक धार्मिक जुलूस के दौरान दूसरे समुदाय के लोगों से विवाद की स्थिति उत्पन
शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। आश्विन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह पर्व शरद ऋतु क
घर के आंगन में रोहित की तस्वीर के सामने एक दिया जल रहा था। हर चेहरा उदास, हर आँख नम, और हर दिल भारी था। नीति को घेरे हुए रोहित की माँ और बहनें उसे ताने दे रही थीं, मानो उसकी वजह से ही सब कुछ बर्बाद हो
नोट: कहानी उस समय पर आधारित है जब सती प्रथा प्रचलित थी।एक छोटे से गांव में एक हृदयविदारक दृश्य उभर रहा था। सात साल की छोटी सी बच्ची, जिसके सिर से बाल हटाकर उसे विधवा घोषित कर दिया गया था,समाज के ठेकेद
अस्पताल के कमरे में हल्का अंधेरा था। मशीनों की बीप-बीप की आवाज़ें वातावरण को और भी गंभीर बना रही थीं। रामेश्वर, जो 75 वर्ष के थे, अपने जीवन की अंतिम सांसें गिन रहे थे। परिवारजन बाहर बैठे थे, लेकिन राम
दिवाली और अन्य त्यौहार देश भर में धूमधाम से मनाए जाते हैं। इन त्योहारों में आतिशबाजी करना एक पुरानी परंपरा रही है, लेकिन जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे यह समझ में आने लगा है कि पटाखे न केवल ह
गांव के एक छोटे से घर में, सुनीता अपनी यादों के सहारे ज़िन्दगी गुजार रही थी। उसका एकलौता सहारा, उसका बेटा रोहित, एक हादसे में उससे हमेशा के लिए दूर हो गया था। हर दिन का एक-एक पल जैसे उसे उन पुरानी याद
एक पुराना जमाना था, जब चिट्ठियाँ और पोस्टकार्ड्स हमारे दिल की आवाज़ बनते थे। ये सिर्फ कागज़ नहीं थे, बल्कि उन पर लिखे हर शब्द एक गहरी दास्तान बयां करते थे। उस दौर में हर चिट्ठी एक रिश्ते की गवाही थी,
छठ पूजा का महत्त्व भारतीय संस्कृति में अत्यंत गहरा है, खासकर उत्तर भारत के बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में। यह पर्व मुख्यतः सूर्य देवता और छठी मैया को समर्पित है, जो पृथ्वी प