परिचय:
प्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायिका आशा भोसले ने 8 सितंबर, 2023 को अपना 90वां जन्मदिन मनाया। जैसे ही वह इस उल्लेखनीय मील के पत्थर पर पहुंचीं, यह उनके शानदार करियर और अपनी बहन, प्रतिष्ठित लता मंगेशकर के साथ साझा किए गए अनूठे रिश्ते को प्रतिबिंबित करने का एक उपयुक्त क्षण है। . इंडिया टुडे के साथ एक साक्षात्कार में, आशा भोसले ने एक कलाकार के रूप में अपनी यात्रा और उनके और लता मंगेशकर के बीच मौजूद "स्वस्थ प्रतिस्पर्धा" के बारे में खुलकर बात की।
संगीत उद्योग में आशा भोसले की उन्नति:
संगीत उद्योग में आशा भोंसले की यात्रा चुनौतियों से रहित नहीं थी। उनके करियर की शुरुआत में एक ऐसा क्षण आया जो महत्वपूर्ण साबित हुआ। एक बार एक संगीत निर्देशक ने एक गाने में उनकी आवाज को गलती से लता मंगेशकर की आवाज समझ लिया था। आशा ने गलती को स्पष्ट किया, यह महसूस करते हुए कि उसे अपनी बहन की छाया से खुद को अलग करने के लिए अपनी जगह बनाने की जरूरत है। उन्होंने अपने गायन में अंग्रेजी फिल्मों और संगीत से प्रेरित तत्वों को शामिल करने का फैसला किया, जिससे एक अनूठी शैली तैयार हुई जो उन्हें अलग कर देगी।
बहनों के बीच अनोखा बंधन:
आशा और लता के रिश्ते को जिस चीज़ ने वास्तव में खास बनाया, वह थी उनके बीच पनपी 'स्वस्थ प्रतिस्पर्धा'। आशा ने खुलासा किया कि अपनी बहन के साथ रिकॉर्डिंग करते समय, वह हमेशा उस रचनात्मक मोड़ की आशा करती थीं जो लता गाने में लाएगी। यह प्रत्याशा गायकों के रूप में उनके सहयोग के लिए एक प्रेरक शक्ति बन गई। दोनों बहनों ने अपने गायन में एक 'ट्विस्ट' जोड़ने की आदत बना ली, जिससे एक गतिशील और आकर्षक संगीत अनुभव तैयार हुआ। इस मैत्रीपूर्ण प्रतिद्वंद्विता ने उन्हें अपनी कला में उत्कृष्टता और नवीनता लाने के लिए प्रेरित किया।
एक संगीत विरासत:
भारतीय संगीत में आशा भोसले का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने विभिन्न भाषाओं में गाना गाया है और उनकी बहुमुखी आवाज़ आठ शानदार दशकों तक चली है। उनकी प्रशंसाओं की सूची में दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, चार बीएफजेए पुरस्कार, अठारह महाराष्ट्र राज्य फिल्म पुरस्कार, नौ फिल्मफेयर पुरस्कार (लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित) और दो ग्रैमी नामांकन शामिल हैं।
आशा भोसले के कुछ अविस्मरणीय गीतों में शामिल हैं "मांग के साथ तुम्हारा," "साथी हाथ बढ़ाना," "उड़ें जब जब जुल्फें तेरी," "ओ हसीना जुल्फोंवाली," "ओ मेरे सोना रे," "पिया तू अब तो आजा," " ये मेरा दिल,'' 'दिल चीज क्या है,' 'इन आंखों की मस्ती के,' 'मेरा कुछ सामान,' 'तन्हा तन्हा,' 'रंगीला रे,' और 'राधा कैसे ना जले' समेत कई अन्य। ये गीत सभी पीढ़ियों के संगीत प्रेमियों के बीच गूंजते रहते हैं।
निष्कर्ष:
संगीत की दुनिया में आशा भोंसले की यात्रा प्रतिभा, दृढ़ संकल्प और भाई-बहन के सौहार्द की एक प्रेरक कहानी है। लता मंगेशकर के साथ उनकी 'स्वस्थ प्रतिस्पर्धा' ने न केवल उन्हें उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया बल्कि भारत के संगीत परिदृश्य को भी समृद्ध किया। जैसा कि हम आशा भोसले का 90वां जन्मदिन मना रहे हैं, हम भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महान पार्श्व गायिकाओं में से एक, एक सच्ची संगीत आइकन के रूप में उनकी स्थायी विरासत को पहचानते हैं, जिन्होंने लाखों लोगों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ी है।