परिचय:
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, जिन्हें जनरली मोहम्मद बिन सलमान के नाम से भी जाना जाता है, इस अगले वीकेंड को आयोजित जी20 सम्मेलन में भाग लेने के बाद भारत के एक राज्य दौरे पर निकलेंगे। इस यात्रा का महत्वपूर्ण मकसद है क्योंकि इसका उद्देश्य पहले से मजबूत दोनों देशों के बीच के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। इस यात्रा में ऊर्जा, सुरक्षा और आर्थिक सहयोग जैसे कई क्षेत्रों में चर्चा की जाएगी।
मुख्य बिंदु:
1. जी20 सम्मेलन में भागीदारी: क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की उम्मीद है कि वह आगामी वीकेंड को आयोजित जी20 सम्मेलन में भाग लेंगे, जो 9 से 10 सितंबर को निर्धारित है। जी20 सम्मेलन विश्व नेताओं के लिए एक मंच के रूप में काम करता है जहां वे वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और आर्थिक सहयोग पर चर्चा करते हैं।
2. भारत में राज्य दौरा: जी20 सम्मेलन के बाद, सऊदी क्राउन प्रिंस 11 सितंबर को एक दिन के राज्य दौरे के लिए भारत आएंगे। इस यात्रा के दौरान, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा करेंगे और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए ध्यान केंद्रित करेंगे।
3. द्विपक्षीय सहयोग: MBS और PM मोदी के बीच की चर्चाएं विभिन्न मुद्दों पर होंगी, जैसे कि कनेक्टिविटी, ऊर्जा, रक्षा, व्यापार और निवेश। इन चर्चाओं का उद्देश्य सऊदी अरब और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना है।
4. ऐतिहासिक संबंध: हाल के सालों में भारत और सऊदी अरब के बीच मजबूत रिश्तों का आनंद लिया जा रहा है, खासकर रक्षा, सुरक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में। साथ ही, सऊदी अरब में लगभग 2.6 मिलियन भारतीय रहते हैं, जो क्षेत्र में भारतीयों के एक बड़े संघ की संख्या है।
5. पिछली बातचीतें:
MBS का पिछला भारत दौरा 2019 में हुआ था, और उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में सऊदी अरब का दौरा किया, जब दोनों देशों ने स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप कॉउंसिल का गठन किया। इस परिषद के दो स्तंभ हैं - जिसमें विदेश मंत्रियों द्वारा संचालित राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक समिति शामिल है, और एक आर्थिक और निवेश समिति, जिसे भारतीय वाणिज्यिक मंत्री और सऊदी ऊर्जा मंत्री द्वारा नेतृत्व किया जाता है।
निष्कर्षण:
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आने वाले भारतीय राज्य दौरे ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए उनके प्रतिबद्धता को प्रमोट किया है। जैसे कि ऊर्जा और सुरक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में चर्चा होगी, इस यात्रा से सऊदी अरब और भारत के बीच की रणनीतिक साझेदारी को और भी मजबूत किया जाने की उम्मीद है। यह भी दिखाता है कि विश्व के प्रमुख खिलाड़ियों के बीच समस्याओं का समाधान के लिए बातचीत और सहयोग की महत्वपूर्णता को महत्वपूर्ण माना जाता है।